22-02-2019, 07:44 PM
सोहर , मम्मी और बर्थडे ब्वाय , मेरे साजन
सैयां मत मांगो समधन ,सेज का सिंगार रे।
अरे सैयां के बदले , अरे सैयां के बदले ,
दामाद दूंगी , चोदी चूत तोहार रे ।
" दिल खोल के मांगो समधन ,जो मांगो सो दूंगी।
और फिर एक बार फिर मैं और मम्मी खिलखिला के हँसे पड़े , मैंने माम से कहा ,
" मम्मी आपने तो इन्ही को चढ़ा दिया , मेरी सास के ऊपर। "
" और क्या ,पूरे गाँव देहात को बाँटती रहती हैं ,समधन जी और मेरा मुन्ना बिचारा भूखा प्यास मुंह देखता रहता है , अच्छी बात है क्या। फिर उनको भी तो मजाआएगा एक जवान मर्द चढ़ के हचक हचक के , दोनों जुबना पकड़ पकड़ के , .... "
फिर मम्मी ने सवाल का रुख उनकी ओर किया ,
" क्यों मुन्ना लेगा न मेरी समधन की ,दिलवाने की जिम्मेदारी मेरी। "
और जवाब उनके बदले मैंने दिया। आखिर सब पावर आफ अटार्नी , उन्होंने लिख दी थी मेरे नाम।
" अरे मम्मी आप की कोई बात आज तक टाली है उन्होंने जो ये टालेंगे , एकदम। "
मम्मी खुश और अपने समधन के लिए दूसरा गाना उन्होंने शुरू कर दिया ,
एक से एक ,
अरे बिच्छी चुभ गए कोना अटरिया में , अरे बिच्छी चुभ गए कोना अटरिया में ,
सब का काटे अगली बगली ,सब का काटे अगली बगली
अरे मुन्ना के अम्मा को , हमरी समधन को काटे भोसड़िया में।
अरे बिच्छी चुभ गए कोना अटरिया में , अरे बिच्छी चुभ गए कोना अटरिया में ,
सब का काटे अगली बगली ,सब का काटे अगली बगली।
.......
मुन्ने की अम्मा छिनार , हमार समधन छिनार ,
जो तेल लगाए वो भी छिनार , जो दूध पिलाये वो भी छिनार
अरे तोरी अम्मा छिनार , तोरी बहना छिनार ,
....
अरे कहाँ से आई सोंठ ,कहा से आया जीरा ,
अरे किसने चोदी जच्चा रात मेरी गोइयां।
मुन्ने के मामा ने चोदी जच्चा , रात मेरी गोइयाँ।
....
एक के बाद एक , माम के पास तो ऐसे गानों का जखीरा था।
और फिर मैं भी शामिल हो गयी बहती गंगा में हाथ धोने में , अपनी सास और ननदों का हाल चाल बताने में ,
कामदानी दुपट्टा हमारा है ,कामदानी ,
अरे मुन्ने की अम्मा ने हमारी सासु ने , एक दो किया साढ़े तीन किया ,
हिन्दू * किया ,तुर्क पठान किया ,
भंगी ,चमार किया ,सारा पाकिस्तान लिया।
अरे नौ सौ ,हो जी नौ सौ , पण्डे बनारस के,
अरे नौ सौ छैले लखनऊ के , नौ सौ।
( लखनऊ हमारा शहर था )
मुन्ने की बहनी ने , गुड्डी छिनार ने
ननदी छिनार ने , एक किया दो साढ़े तीन किया
हिन्दू * किया ,तुर्क पठान किया ,
अरे नौ सौ भडुवे बनारस के , नौ सौ गदहे ऐलवल के
( ऐलवल , मेरी ननद का मोहल्ला )
उनकी हालत खराब थी ,लेकिन मम्मी इत्ती आसानी से छोड़नी वाली नहीं थी और हम दोनों ने , हम दोनों का ज्वाइंट भजन शुरू हुआ ,
गंगा जी तुम्हरा भला करे , गंगा जी तुम्हरा भला करे ,गंगा जी।
तोहरी बहना क बुरिया , तोहरी अम्मा क बुरिया ,
पोखरवा जैसी , तालवा जैसे ,गढ़हिया जैसी ,
ओहमें ९०० गुंडे नहाया करे , डुबकी लगाया करें ,
गंगा जी
तोहरी बहना क बुरिया , तोहरी अम्मा क बुरिया ,
बटुलिया जैसी , पतिलवा जैसी जिसमें ९ मन चावल पका करे
गंगा जी …
फिर मैंने एक शुरू किया , मम्मी का फेवरिट ,
हमरी सासु जी की बिलिया में क्या क्या अमाये,क्या क्या समाये ,
मुन्ने की अम्मा की बुरिया में क्या क्या जाए , क्या समाये।
गदहा जाए ,घोड़ा जाए ,ऊंट बिचारा गोता खाए ,
मुन्ने के मामा जांय ,कमर पकड़ के धक्का लगाएं
मुझसे ज्यादा जोश से मम्मी उन्हें छेड़ छेड़ के गा रही थीं ,
और मैंने उन्हें और चिढ़ाया ,
" क्या मम्मी इनके मामा भी मेरी सासु के साथ ,… "
मम्मी ने मेरी बात अनसुनी करते हुएजैसे वो कुछ सोच रहीं हों , फिर अचानक बोली ,
" वो जो इसकी ममेरी बहन आई थी ,मस्त माल , जिसके टिकोरे देख के सारे लौंडे दीवाने हो रहे थे ,क्या नाम था उसका ,?"
मेरे कुछ बोलने के पहले ही उन्होंने बोल दिया ,
" मम्मी ,गुड्डी। "
सैयां मत मांगो समधन ,सेज का सिंगार रे।
अरे सैयां के बदले , अरे सैयां के बदले ,
दामाद दूंगी , चोदी चूत तोहार रे ।
" दिल खोल के मांगो समधन ,जो मांगो सो दूंगी।
और फिर एक बार फिर मैं और मम्मी खिलखिला के हँसे पड़े , मैंने माम से कहा ,
" मम्मी आपने तो इन्ही को चढ़ा दिया , मेरी सास के ऊपर। "
" और क्या ,पूरे गाँव देहात को बाँटती रहती हैं ,समधन जी और मेरा मुन्ना बिचारा भूखा प्यास मुंह देखता रहता है , अच्छी बात है क्या। फिर उनको भी तो मजाआएगा एक जवान मर्द चढ़ के हचक हचक के , दोनों जुबना पकड़ पकड़ के , .... "
फिर मम्मी ने सवाल का रुख उनकी ओर किया ,
" क्यों मुन्ना लेगा न मेरी समधन की ,दिलवाने की जिम्मेदारी मेरी। "
और जवाब उनके बदले मैंने दिया। आखिर सब पावर आफ अटार्नी , उन्होंने लिख दी थी मेरे नाम।
" अरे मम्मी आप की कोई बात आज तक टाली है उन्होंने जो ये टालेंगे , एकदम। "
मम्मी खुश और अपने समधन के लिए दूसरा गाना उन्होंने शुरू कर दिया ,
एक से एक ,
अरे बिच्छी चुभ गए कोना अटरिया में , अरे बिच्छी चुभ गए कोना अटरिया में ,
सब का काटे अगली बगली ,सब का काटे अगली बगली
अरे मुन्ना के अम्मा को , हमरी समधन को काटे भोसड़िया में।
अरे बिच्छी चुभ गए कोना अटरिया में , अरे बिच्छी चुभ गए कोना अटरिया में ,
सब का काटे अगली बगली ,सब का काटे अगली बगली।
.......
मुन्ने की अम्मा छिनार , हमार समधन छिनार ,
जो तेल लगाए वो भी छिनार , जो दूध पिलाये वो भी छिनार
अरे तोरी अम्मा छिनार , तोरी बहना छिनार ,
....
अरे कहाँ से आई सोंठ ,कहा से आया जीरा ,
अरे किसने चोदी जच्चा रात मेरी गोइयां।
मुन्ने के मामा ने चोदी जच्चा , रात मेरी गोइयाँ।
....
एक के बाद एक , माम के पास तो ऐसे गानों का जखीरा था।
और फिर मैं भी शामिल हो गयी बहती गंगा में हाथ धोने में , अपनी सास और ननदों का हाल चाल बताने में ,
कामदानी दुपट्टा हमारा है ,कामदानी ,
अरे मुन्ने की अम्मा ने हमारी सासु ने , एक दो किया साढ़े तीन किया ,
हिन्दू * किया ,तुर्क पठान किया ,
भंगी ,चमार किया ,सारा पाकिस्तान लिया।
अरे नौ सौ ,हो जी नौ सौ , पण्डे बनारस के,
अरे नौ सौ छैले लखनऊ के , नौ सौ।
( लखनऊ हमारा शहर था )
मुन्ने की बहनी ने , गुड्डी छिनार ने
ननदी छिनार ने , एक किया दो साढ़े तीन किया
हिन्दू * किया ,तुर्क पठान किया ,
अरे नौ सौ भडुवे बनारस के , नौ सौ गदहे ऐलवल के
( ऐलवल , मेरी ननद का मोहल्ला )
उनकी हालत खराब थी ,लेकिन मम्मी इत्ती आसानी से छोड़नी वाली नहीं थी और हम दोनों ने , हम दोनों का ज्वाइंट भजन शुरू हुआ ,
गंगा जी तुम्हरा भला करे , गंगा जी तुम्हरा भला करे ,गंगा जी।
तोहरी बहना क बुरिया , तोहरी अम्मा क बुरिया ,
पोखरवा जैसी , तालवा जैसे ,गढ़हिया जैसी ,
ओहमें ९०० गुंडे नहाया करे , डुबकी लगाया करें ,
गंगा जी
तोहरी बहना क बुरिया , तोहरी अम्मा क बुरिया ,
बटुलिया जैसी , पतिलवा जैसी जिसमें ९ मन चावल पका करे
गंगा जी …
फिर मैंने एक शुरू किया , मम्मी का फेवरिट ,
हमरी सासु जी की बिलिया में क्या क्या अमाये,क्या क्या समाये ,
मुन्ने की अम्मा की बुरिया में क्या क्या जाए , क्या समाये।
गदहा जाए ,घोड़ा जाए ,ऊंट बिचारा गोता खाए ,
मुन्ने के मामा जांय ,कमर पकड़ के धक्का लगाएं
मुझसे ज्यादा जोश से मम्मी उन्हें छेड़ छेड़ के गा रही थीं ,
और मैंने उन्हें और चिढ़ाया ,
" क्या मम्मी इनके मामा भी मेरी सासु के साथ ,… "
मम्मी ने मेरी बात अनसुनी करते हुएजैसे वो कुछ सोच रहीं हों , फिर अचानक बोली ,
" वो जो इसकी ममेरी बहन आई थी ,मस्त माल , जिसके टिकोरे देख के सारे लौंडे दीवाने हो रहे थे ,क्या नाम था उसका ,?"
मेरे कुछ बोलने के पहले ही उन्होंने बोल दिया ,
" मम्मी ,गुड्डी। "