Thread Rating:
  • 7 Vote(s) - 2 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ
मेरा नाम सोनिया है. मैं बहुत ही सेक्सी और खूबसूरत लड़की हूँ. मेरे चूचों का साइज 34 है. मैं अब 24 साल की हो चुकी हूं. हमारे घर में हम सिर्फ चार ही लोग हैं. मम्मी-पापा, मेरा भाई और मैं. मेरा भाई जिसका नाम सचिन है वो मुझसे 2 साल छोटा है. जो बात मैं आपको आज बताने जा रही हूं वह घटना आज से चार साल पहले की है.
मैं कॉलेज में पढ़ रही थी और मेरी सभी सहेलियां रोज चुदाई की बातें किया करती थीं. उन सबने अपने ब्वॉयफ्रेंड बना लिये थे और रोज ही मुझे उनकी चुदाई की कहानियां सुनने को मिलती थी. मगर मैंने अपनी चूत में कभी आज तक उंगली भी नहीं ली थी. जब मेरी सहेलियां अपने यारों के बारे में बातें करती थी तो मेरा भी मन करता था कि कोई मुझे अपने लंड से चोदे.
जब मेरी चूत की प्यास बढ़ने लगी तो मैं अपनी सहेलियों के साथ ही मिलकर अपनी चूत को शांत कर लेती थी. मगर लंड की प्यास अभी भी महसूस होती थी.
फिर एक दिन मैंने ये बात अपनी एक सहेली को बताई. उसका नाम रूपाली था.
रूपाली ने मुझसे कहा- तेरे घर में तेरा भाई तो है, उसी से क्यों नहीं चुद लेती तू?
मैंने कहा- ये कैसे हो सकता है? मैं अपने भाई से कैसे चुद सकती हूं?
मैंने उसकी बात को इग्नोर कर दिया.
कई दिन ऐसे ही बीत गये. कुछ दिन के बाद रूपाली ने मुझे अपने फोन में एक वीडियो दिखाई. उसमें रूपाली घोड़ी बनी हुई थी और एक लड़का उसको पीछे से चोद रहा था.
मैंने पूछा तो रूपाली ने बताया कि ये उसका भाई है.
वो बोली कि मैं तो अपने भाई से बहुत बार चुदवाती हूं. इसलिए मैं तुझे भी कह रही हूं कि तू भी सचिन से चुदवा ले. घर की बात घर में ही रह जायेगी और किसी को पता भी नहीं चलेगा.
रूपाली के वीडियो को मैं ध्यान से देख रही थी. मैंने देखा कि उसके भाई का लंड बहुत ही मोटा था. उसका लंड काफी लम्बा था और रूपाली की चूत में पूरा जा भी नहीं रहा था. उस वीडियो को देख कर तो मेरा यही मन करने लगा कि मैं रूपाली के घर ही चली जाऊं और उसके भाई के मोटे लंड से चुदवा लूं. मगर ऐसा होना तो संभव नहीं था.
फिर मैंने रूपाली की बात पर ध्यान दिया कि अपने ही भाई से चुदवाने में हर्ज ही क्या है. मैंने सोच लिया कि अपने भाई के साथ ही ट्राई करके देख लेती हूं.
उस दिन जब मैं घर पहुंची तो मेरे भाई सचिन ने ही दरवाजा खोला. घर पर सचिन के अलावा कोई भी नहीं था. मां-पापा दोनों कहीं बाहर शादी में गये हुए थे.
मैंने जल्दी से कपड़े बदले और एक काले रंग का टॉप डाल लिया जो पीछे से खुला हुआ था. उसमें से मेरी ब्रा की पट्टी साफ दिखाई दे रही थी. मैंने जानबूझकर ऐसा ड्रेस पहना था ताकि सचिन मेरी तरफ आकर्षित हो सके. टॉप के ऊपर से मैंने एक चुन्नी डाल ली. मैंने चुन्नी को ऐसे रखा हुआ था ताकि जब मैं नीचे झुकूं तो मेरी चुन्नी अपने आप ही गिर जाये और सचिन को मेरी चूचियों के दर्शन हो जायें.
मैं उसके कमरे में जब सफाई करने गई तो वो अपने लैपटॉप में कुछ देख रहा था. मैं झाड़ू लगाने लगी और जैसे ही मैं नीचे झुकी, मेरी चुन्नी सरक कर नीचे गिर गई. मैंने मेरे चूचे उसके सामने थे. वो मेरे चूचों को देख रहा था और उसका मुंह ऐसे खुला हुआ था जैसे वो मेरी चूत को अभी चोद देगा.
फिर मैं उसके कमरे से बाहर चली गई.
कुछ देर के बाद आकर मैंने उससे कहा- अपने कपड़े दे दे धोने के लिए.
उसने अपने कपड़े दे दिये और मैं बाथरूम में चली गई. हमारी कपड़े धोने वाली मशीन खराब हो गई थी इसलिए हम लोग हाथ से ही कपड़े धोते थे.
जब मैं बाथरूम में कपड़े धो रही थी तो मैंने चुन्नी नहीं डाली हुई थी. बाथरूम का दरवाजा खुला हुआ था और सचिन फिर मेरे रूम में आकर बैठ गया था. मेरे रूम से बाथरूम का सब कुछ दिखाई देता था. वहां से वो मेरे चूचों को घूर रहा था.
मैं भी पूरी कोशिश कर रही थी कि उसको अपने चूचे दिखाती रहूं. मैंने देखा कि मेरे चूचों को देखते हुए उसका लंड तन गया है जो मुझे पैंट में साफ दिखाई दे रहा था. उसका लंड पैंट में तन कर अकड़ गया था.
वो कुछ देर तक ऐसे ही देखता रहा. उसके बाद वो उठ कर चला गया. उस दिन मैंने उसको अपने चूचों के दर्शन अच्छी तरह करवा दिये थे. फिर शाम को मां और पापा भी आ गये. हम सब लोग खाना खाने के बाद अपने-अपने रूम में जाकर लेट गये.
कुछ देर के बाद किसी ने मेरे रूम के दरवाजे को खटखटाया. मैंने खोल कर देखा तो सचिन खड़ा था.
उसने कहा- दीदी मुझे डर लग रहा है. मैं आज तुम्हारे साथ सोना चाहता हूं.
मैं तो खुद ही चाहती थी कि सचिन मेरे पास आ जाये. इसलिए मैं खुश हो गई और हम भाई-बहन मेरे बेड पर सोने लगे.
मैंने एक निक्कर और एक छोटा सा टॉप पहना हुआ था. उसमें से मेरे चूचे अलग से दिखाई दे रहे थे. कुछ देर के बाद मुझे नींद आ गई.
रात को अचानक मुझे महसूस हुआ कि कोई मेरे चूचों को दबा रहा है. मैंने देखा तो सचिन मेरे चूचों को दबा रहा था. मैंने उसको कुछ नहीं कहा. फिर उसने कुछ देर मेरे चूचे दबाये और फिर उसने अपनी पैंट निकाल दी. उसने अपने लंड को निकाल लिया और मेरे मुंह के करीब ले आया. उसके लंड से बहुत ही अच्छी खुशबू आ रही थी. उसने अपने लंड को मेरे होंठों पर रगड़ दिया और फिर अपने लंड के टोपे को मेरे मुंह में दे दिया.
उसके लंड का टोपा बहुत ही बड़ा था. ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने मेरे मुंह में कुछ ठूंस दिया हो. वो मेरे मुंह को चोदने लगा. मैंने आंख खोल कर जागने का नाटक किया और सचिन को पीछे करते हुए एक्टिंग करने लगी लेकिन मैं अंदर से चाह रही थी कि सचिन अपना लंड मेरे मुंह में डाले रखे.
कुछ देर के बाद उसने मेरे मुंह को चोदते हुए अपने लंड का पानी मेरे मुंह में ही निकाल दिया. मुझे पहली बार लंड से निकले पानी का टेस्ट मिला था जो मुझे बहुत अच्छा लगा. मैंने उसके लंड को अपनी जीभ से चाट कर साफ कर दिया.
उसने पूछा- कैसा लगा बहन मेरे लंड का पानी?
मैंने जवाब दिया- अच्छा था. लेकिन अब मेरी चूत को कौन शांत करेगा?
वो बोला- मेरा ये लंड ही तेरी चूत को शांत करेगा.
फिर उसने मेरे टॉप को उतारा और मेरी ब्रा को निकाल कर मेरे चूचों को चूसने लगा. भाई ने फिर मेरे निक्कर को भी निकाल दिया और मेरी पैंटी को खींच कर फाड़ दिया. मेरी चूत से पानी छूट रहा था. उसने मेरी गीली चूत को चाटना शुरू कर दिया. काफी देर तक सचिन मेरी गीली चूत में अपनी जीभ लगाकर उसकी आग को और ज्यादा तेज करता रहा.
अब मुझे लंड की बहुत प्यास महसूस हो रही थी. मैंने उसके लंड को पकड़ कर मुट्ठ मारना शुरू कर दिया. सचिन को मैंने अपने ऊपर लेटा लिया और उसके लंड को खुद की अपनी चूत पर लगवा लिया. सचिन का लंड बहुत मोटा था और मेरी चूत का छेद बहुत छोटा था. उसका मोटा लंड मेरी चूत पर जब दबाव बनाने लगा तो उसका लंड फिसल गया. उसने दोबारा से कोशिश की लेकिन लंड अंदर नहीं जा रहा था.
फिर उसने नारियल के तेल की शीशी से तेल निकाल कर अपने लंड पर लगाया और थोड़ा सा तेल मेरी चूत के मुंह पर भी लगा दिया. उसने तेल लगाने के बाद मेरी टांगों को अपने हाथों से पकड़ा और लंड का मोटा सुपारा मेरी चूत में घुस गया. मेरी जान निकल गई और उसको पीछे धकेलने लगी. लेकिन उसने तब तक दूसरा धक्का दे दिया और आधा लंड चूत में घुसा दिया. उम्म्ह… अहह… हय… याह… मेरी चूत जैसे फट गई थी. मुझे बहुत दर्द होने लगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply


Messages In This Thread
Pahli bar bahan k sath picnic - by neerathemall - 14-02-2019, 03:18 AM
RE: Soni Didi Ke Sath Suhagraat - by neerathemall - 26-04-2019, 12:23 AM
didi in waterfall - by neerathemall - 04-06-2019, 01:34 PM
ANUSHKA IS ASHWIN'S SWEET WIFE - by ashw - 03-07-2019, 07:08 PM
ANUSHKA IS ASHWIN'S SWEET WIFE - by ashw - 24-01-2020, 11:08 AM
Meri Didi Ki Garam Jawani - by neerathemall - 29-01-2020, 11:22 AM
Zohra Ki Pyaas Papa Ne Bujhaee - by neerathemall - 29-01-2020, 02:39 PM
RE: पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ - by neerathemall - 22-05-2020, 04:06 PM



Users browsing this thread: 36 Guest(s)