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पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ
मेरा नाम मनोज घोष है । आप ही की तरह में भी नाईटडिअर का बहुत बड़ा फैन हूँ और मैंने इस पर कई सेक्सी कहानियाँ पढ़ी है और ये कहानी मेरी और मेरी मौसीके बीच की एक सच्ची घटना है। दोस्तों में कोलकाता का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 18 साल की है।
अभी मौसी की उम्र कुछ 47 साल की होगी और तब उनकी उम्र शायद 44 या 45 की थी। मुझे हमेशा उन पर एक सेक्स आकर्षण था और में सोचता था कि एक ना एक दिन में उन्हें ज़रूर चोदूंगा और उनकी शादी के कुछ समय बाद ही उनका तलाक भी हो चुका था.. क्योंकि उनके पति का कोई और लड़की के साथ शारीरिक संबंध था। वो थोड़ी मोटी है लेकिन बहुत गोरी है.. लम्बे बाल और बूब्स भी बड़े बड़े है.. लेकिन मुझे फिगर के साईज़ का कोई अंदाज़ा नहीं है। उनका एक बेटा था लेकिन वो अपने पिता के पास रहता था और कभी कभी मौसी से घर पर आकर मिला करता है। में मौसी के पास रहता हूँ और वो मुझे अपने बेटे से भी ज़्यादा प्यार करती है।
में जो भी मांगू वो मुझे लाकर देती है.. वो बहुत आमिर है क्योंकि उनकी तलाक के कारण उन्हें एक मोटी रकम मिली थी और उनका एक घर है गावं में जो कि उन्होंने किराए पर दिया हुआ है। में नहीं जानता कि उन्हें सेक्स में ज्यादा रूचि है कि नहीं। में हर रोज़ रात में अपने रूम में सोने से पहले उनके दिए हुए लॅपटॉप में ब्लूफिल्म देखता रहता हूँ.. मस्त चुदाई वाली चुदाई मेरा करना और फिल्मो में देखना मुझे बहुत अच्छा लगता है। मेरे रूम से जो बाथरूम है वो उनके रूम से भी जुड़ा हुआ है और बाथरूम में दो दरवाज़े है जब भी कोई भी बाथरूम में जाएगा वो अंदर से दोनों दरवाज़े लॉक करेंगे। में रात को बाथरूम में जाकर उनकी पेंटी में अपना लंड रगड़ कर अपना रस उनकी पेंटी से पोछता हूँ यह में हर दिन रात को सोने से पहले करता हूँ और कभी कभार अगर उनकी पेंटी नहीं मिले तो में बाथरूम में ही गिरा डालता हूँ।
फिर एक दिन अचानक से उनका पेंटी रखना बंद हो गया और उनके स्वाभाव में भी बदलाव आ गया और वो हमेशा मुझसे गुस्से से बात करने लगी और करीब दो हफ्ते बाद जब मौसी मुझे सुबह उठाने आई तो में फ्रेश होकर किचन के पास डाइनिंग टेबल पर गया तो उनका मूड ठीक नहीं था और नाश्ता करते करते हम इधर उधर की बातें कर रहे थे.. जैसे पढ़ाई के बारे में और उनके दोस्तों के बारे में और उनकी पार्टी वगेरह वगेरह। फिर उन्होंने पूछा:
मौसी : बेटा आज रविवार है और क्या तेरी कहीं पर ट्यूशन है?
में : नहीं मौसी आज कहीं पर ट्यूशन नहीं है. क्यों?
मौसी : नहीं में सोच रही थी कि अगर आज हम लंच बाहर करें और कहीं पर घूमने चलें तो कैसा होगा क्योंकि में बहुत बोर हो रही हूँ और फिर हम शाम को फिल्म देखते हुए घर पर लौटेंगे।
में : ठीक है मौसी में आ कर तैयार हो जाता हूँ और आप भी तैयार हो जाईए।
मौसी : ठीक है बेटा।
फिर हम लोग एक मॉल में गये वहाँ पर मौसी ने कुछ शॉपिंग की मुझे कंप्यूटर गेम्स का बहुत शौक था तो उन्होंने मुझे 4 गेम्स खरीद कर दिए। फिर हम लोगो ने मॉल में पिज़्ज़ा खाया और फिल्म देखने हॉल में घुसे तो फिल्म शुरू होने में अभी भी 20 मिनट बाकी थे तो हम बातचीत कर रहे थे। तभी अचानक मौसी ने कहा कि बेटा एक बात पूंछू.. सच सच बताएगा?
में : हाँ मौसी पूछो ना।
मौसी : तू मेरी पेंटी से हर रात को खेलता था ना?
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Messages In This Thread
Pahli bar bahan k sath picnic - by neerathemall - 14-02-2019, 03:18 AM
RE: Soni Didi Ke Sath Suhagraat - by neerathemall - 26-04-2019, 12:23 AM
didi in waterfall - by neerathemall - 04-06-2019, 01:34 PM
Meri Didi Ki Garam Jawani - by neerathemall - 29-01-2020, 11:22 AM
RE: पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ - by neerathemall - 22-05-2020, 03:59 PM



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