22-05-2020, 03:52 PM
मैं एक ग्रेजुएट लड़का हूं, मेरी उम्र 22 साल है, मैं दिखने में हैंडसम हूं और मेने जिस मौसी की बात शेयर करने वाला हूं उस मौसी के बारे में थोड़ा शॉर्टकट बोलता हूं. उस मौसी का नाम नजुफा है, उम्र 35 साल होगी, दिखने में सेक्स बोम्ब है. किसी का भी लंड खड़ा कर दे. मौसी शादीशुदा थी. मौसी को एक लड़की भी थी, उसका नाम अमृता था. उस की उम्र 18 साल थी. मेरे मौसाजी ** में थे इसीलिए साल में तीन चार बार ही घर आते थे, तो मैं सीधे कहानी पर आता हूं. कि कैसे मैंने जाना कि मेरी मौसी रंडी है और किस तरह से मैने उस को चोदा.
तो यह बात कुछ दिन पहले की है जब मुझे अचानक घर से मौसी के शहर में जाने की जरूरत पड़ी कुछ काम के लिए. तो मैं शहर चला गया तो मैंने अपना काम निपटा कर मौसी के घर में जाने की सोचने लगा. मैंने उनको कॉल भी नहीं किया और बिना बताए मौसी के घर में घुस गया. तो मैंने देखा दरवाजा अंदर से लॉक नहीं था. तो मैं अंदर घुस गया तो मौसी और मेरी कजिन कहीं दिख नहीं रहे थे. तो मैंने सोचा कहीं गए होंगे. तो मैंने मौसि के बेडरूम से कुछ आवाजें निकल रही थी वह सुनी. तो मैंने सोचा कि यह क्या चल रहा है अंदर? तो जैसे मैं रुम के नजदीक आया तो मेरे होश उड़ गए. तब पूरा चुदाई की आवाज़ आ रही थी और मौसी के मुंह से “चोद मुझे चोद मुझे मादरचोद.. चाट मेरी गांड.. मार दे मेरी चूत”. यह सब सुन रहा था और मेरा लंड खड़ा हो गया. मैंने सोचा अभी दरवाजा खोलना ठीक नहीं होगा तो मैं बाहर बैठ कर इंतजार करने लगा के अंदर कौन मेरी मौसी को चोद रहा है वह देख सकूं.
कुछ देर के बाद दरवाजा खुला तो मौसी ने मुझे देख कर हैरान हो गई और मौसी के पीछे पीछे जो बंदा बाहर आया वह मौसी का खुद का देवर था यानी मौसा जी का छोटा भाई था.. तो वह दोनों मुझे बोलने लगे कि कब आए बेटा कैसा है तू? मैंने भी चालाकी से बोला कि मैं २ मिनट पहले ही आया हूं, बस और मौसी का देवर घर चला गया. घर में सिर्फ मैं और मौसी थे. मौसी ने मुझे हग किया बहुत दिन बाद मिलने के लिए. लेकिन मुझे तो बचपन से ही शौक था मौसी को चोदने का. मैंने मौसी से उनकी बेटी के बारे में पूछा तो वह बोली वह कॉलेज की छुट्टी में कहीं घूमने गई है. घर में सिर्फ मौसी अकेली रहती है और बोली तू आया है अब कुछ दिन यहीं रुक जा. मेरे मन में लड्डू फूटने लगे और मैंने भी उसे जोर से हग कर दिया, मौसी को और गाल पर किस करते करते कान पर काट लिया और एक स्माइल दे कर बाथरूम में गया फ्रेश होने के लिए. रात को डिनर करने के बाद मौसी ने बोला मेरे बेडरूम में सो जा एक साथ सोएंगे हम, तो मैंने हां बोल दिया. और रात में मैंने अचानक हिम्मत करके मौसी को बोल दिया तुम दोनों डोर लोक कर के क्या कर रहे थे? तो मौसी ने सीधा बोल दिया तेरे मौसाजी आते ही नहीं और मैं बचपन से ही चुदाई की प्यासी हूं, तो तू बोल मैं कैसे रह सकती हूं इसलिए जब भी मौका मिलता है किसी ना किसी से चुदवा लेती हूं. यह सब सुन कर मेरा लंड खड़ा हो गया, तो मैंने मौसी को बोला मौसी मैं आपको बचपन से ही चोदना चाहता हूं. मैं आपकी गांड और चूत के छेद में जीभ डालना चाहता हूं क्या आप मुझसे चुदवायेंगे? तो मौसी ने बोला किसी को बोलना मत मैं तुझसे रोज चुदूंगी और तू मेरा चूत, नाक, कान, गांड सब सक करेगा बोल मंजूर है? यह सुनकर मैंने डायरेक्ट मौसी की नाक के छेद में जीभ घुसा दी और चूसने लगा.
तो यह बात कुछ दिन पहले की है जब मुझे अचानक घर से मौसी के शहर में जाने की जरूरत पड़ी कुछ काम के लिए. तो मैं शहर चला गया तो मैंने अपना काम निपटा कर मौसी के घर में जाने की सोचने लगा. मैंने उनको कॉल भी नहीं किया और बिना बताए मौसी के घर में घुस गया. तो मैंने देखा दरवाजा अंदर से लॉक नहीं था. तो मैं अंदर घुस गया तो मौसी और मेरी कजिन कहीं दिख नहीं रहे थे. तो मैंने सोचा कहीं गए होंगे. तो मैंने मौसि के बेडरूम से कुछ आवाजें निकल रही थी वह सुनी. तो मैंने सोचा कि यह क्या चल रहा है अंदर? तो जैसे मैं रुम के नजदीक आया तो मेरे होश उड़ गए. तब पूरा चुदाई की आवाज़ आ रही थी और मौसी के मुंह से “चोद मुझे चोद मुझे मादरचोद.. चाट मेरी गांड.. मार दे मेरी चूत”. यह सब सुन रहा था और मेरा लंड खड़ा हो गया. मैंने सोचा अभी दरवाजा खोलना ठीक नहीं होगा तो मैं बाहर बैठ कर इंतजार करने लगा के अंदर कौन मेरी मौसी को चोद रहा है वह देख सकूं.
कुछ देर के बाद दरवाजा खुला तो मौसी ने मुझे देख कर हैरान हो गई और मौसी के पीछे पीछे जो बंदा बाहर आया वह मौसी का खुद का देवर था यानी मौसा जी का छोटा भाई था.. तो वह दोनों मुझे बोलने लगे कि कब आए बेटा कैसा है तू? मैंने भी चालाकी से बोला कि मैं २ मिनट पहले ही आया हूं, बस और मौसी का देवर घर चला गया. घर में सिर्फ मैं और मौसी थे. मौसी ने मुझे हग किया बहुत दिन बाद मिलने के लिए. लेकिन मुझे तो बचपन से ही शौक था मौसी को चोदने का. मैंने मौसी से उनकी बेटी के बारे में पूछा तो वह बोली वह कॉलेज की छुट्टी में कहीं घूमने गई है. घर में सिर्फ मौसी अकेली रहती है और बोली तू आया है अब कुछ दिन यहीं रुक जा. मेरे मन में लड्डू फूटने लगे और मैंने भी उसे जोर से हग कर दिया, मौसी को और गाल पर किस करते करते कान पर काट लिया और एक स्माइल दे कर बाथरूम में गया फ्रेश होने के लिए. रात को डिनर करने के बाद मौसी ने बोला मेरे बेडरूम में सो जा एक साथ सोएंगे हम, तो मैंने हां बोल दिया. और रात में मैंने अचानक हिम्मत करके मौसी को बोल दिया तुम दोनों डोर लोक कर के क्या कर रहे थे? तो मौसी ने सीधा बोल दिया तेरे मौसाजी आते ही नहीं और मैं बचपन से ही चुदाई की प्यासी हूं, तो तू बोल मैं कैसे रह सकती हूं इसलिए जब भी मौका मिलता है किसी ना किसी से चुदवा लेती हूं. यह सब सुन कर मेरा लंड खड़ा हो गया, तो मैंने मौसी को बोला मौसी मैं आपको बचपन से ही चोदना चाहता हूं. मैं आपकी गांड और चूत के छेद में जीभ डालना चाहता हूं क्या आप मुझसे चुदवायेंगे? तो मौसी ने बोला किसी को बोलना मत मैं तुझसे रोज चुदूंगी और तू मेरा चूत, नाक, कान, गांड सब सक करेगा बोल मंजूर है? यह सुनकर मैंने डायरेक्ट मौसी की नाक के छेद में जीभ घुसा दी और चूसने लगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
