22-05-2020, 03:48 PM
भैया ने चादर को छीन लिए और मेरी नंगी बदन को वो घुर घुर कर देखने लगे. और फिर मेरे मेरे करीब आ गए वो इतने करीब की उनके होठ मेरे होठ के पास आ गये, उनके मुह से शराब की बू आ रही थी. मैं बोली भैया ये ठीक नहीं है, तो भैया बोले मैं तेरी तड़प को करीब पंद्रह मिनट से देख रहा हु, आजा मैं तेरी तड़प बुझा देता हु. मैं पहले से ही गरम थी और उन्होंने मेरे होठ को चूमने लगे और मेरी चुचियों को दबाने लगे. पहले तो मैं थोड़े शांत थी पर मेरी भी ज्वाला धधक रही थी. मैं भी सहयोग करने लगी. और भैया के होठ को चूसने लगी. ये किसी मर्द को चूमने का मेरा पहला एहसास था.
उसके बाद तो भैया मेरे ऊपर ऐसे टूट पड़े, जैसे एक भूखा भेड़िया एक मेमने पर टूट पडा हो. मैं भी कम नहीं थी. मैं भी बहूत प्यासी थी. मैं उसके लंड को पकड़ ली और दांतों से अपने होठ को काटने लगी. भैया निचे सरक गए और मेरी दोनों जन्घो को अलग अलग कर बिच में अपना मुह घुसा दिए, और मेरी चूत को चाटने लगे. मैं तड़प रही थी मैं उनके बाल पकड़ कर अपने चूत को चटवा रही थी. मेरी चूचियां बड़ी बड़ी गोल गोल उसपर से पिंक निप्पल तन गया था, चूचियां काफी टाइट हो गई थी. फिर भैया ऊपर आये और मेरे चूच को पिने लगे मेरे मुह से सिर्फ आह आह आह आह आह आ ऊ ऊ ऊ ओ उफ़ उफ़ की आवाज निकल रही थी.
उसके बाद फिर वो निचे गए, और अपना मोटा लंड निकाल कर मेरे चूत के बिच में रख दिए, और अन्दर घुसाने लगे, मुझे काफी दर्द हो रहा था बर्दस्थ नहीं कर पा रही थी मोटा लंड, आज तक मैं कभी चूदी नहीं थी. मैंने कहा भैया धीरे धीरे, उन्होंने कुछ भी नहीं सूना, और फिर से लंड को चूत पर लगा कर जोर से धक्का मारा और उनका पूरा लंड मेरे चूत में समा गया, मैं कराह उठी. दर्द से बेचैन हो गई. पर कुछ ही देर बाद सब कुछ ठीक हो गया और फिर क्या बताऊँ.
मैं जोर जोर से अपना गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी. वो जोर जोर से गाली दे दे के मुझे चोद रहा था, मैं उसके गठीले बदन को सहला रही थी वो जोर जोर से मेरी चुचियों को दबाता हुआ जोर जोर से अपने मोटे लंड को मेरी चूत में पेल रहा था. मैं खूब मजे ले रही थी. फिर वो मुझे ऊपर किया मैं उसका मोटा लंड पकड़ कर अपने चूत में छिपा ली. वो मुझे जोर जोर से धक्के दे दे के चोद रहा था, आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है अगर कही और पढ़ रहे है तो नॉनवेज स्टोरी से चुराई हुई है, उसके बाद ऊपर से मैं धक्के देती निचे से वो देता. करीब दस मिनट तक वो मुझे ऐसे ही चोदा, फिर वो मुझे डोग्गी स्टाइल में पीछे से चोदने लगा. वो मेरी चूतड पर जोर जोर से मार रहा था और जोर जोर से अपने लैंड को अन्दर बाहर कर रहा था. मैं इस बिच दो बार झड चुकी थी. उसके बाद वो जोर जोर से आह आह आह आह करने लगा और अपना सारा माल मेरी चूत के अन्दर डाल दिया, हम दोनों एक दुसरे को पकड़ के सो गए.
फिर करीब एक घंटे बाद उठे, और फिर से चुदाई करने लगे. पूरी रात हम दोनों ने चुदाई की. दुसरे दिन मंगलवार था भैया की छुट्टी थी. वो मुझे दिन भर चोदे, उन्होंने मेरी चूत की गर्मी शांत की. फिर क्या बताऊँ दोस्तों मैं तिन दिन तक लंगडा कर चली थी. क्यों की बाद में मुझे काफी दर्द हुआ था. अब तो एक नंबर की चुदक्कड हो गई हु.
उसके बाद तो भैया मेरे ऊपर ऐसे टूट पड़े, जैसे एक भूखा भेड़िया एक मेमने पर टूट पडा हो. मैं भी कम नहीं थी. मैं भी बहूत प्यासी थी. मैं उसके लंड को पकड़ ली और दांतों से अपने होठ को काटने लगी. भैया निचे सरक गए और मेरी दोनों जन्घो को अलग अलग कर बिच में अपना मुह घुसा दिए, और मेरी चूत को चाटने लगे. मैं तड़प रही थी मैं उनके बाल पकड़ कर अपने चूत को चटवा रही थी. मेरी चूचियां बड़ी बड़ी गोल गोल उसपर से पिंक निप्पल तन गया था, चूचियां काफी टाइट हो गई थी. फिर भैया ऊपर आये और मेरे चूच को पिने लगे मेरे मुह से सिर्फ आह आह आह आह आह आ ऊ ऊ ऊ ओ उफ़ उफ़ की आवाज निकल रही थी.
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
