22-05-2020, 03:46 PM
मैं समीरा, उम्र 18 साल, गांव : उत्तर प्रदेश, दिल्ली में रहती हु, आज मैं आपको अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रही हु, ये चुदाई की कहानी मेरे और मेरे बड़े भाई जान आफ्ताव की है, आज मैं आपको अपनी चुदाई की पूरी कहानी सूना रही हु, कैसे मेरा भाई मेरे चूत की प्यास को बुझाया और मुझे शांत किया, मैं वासना की आग में बहूत दिनों से जल रही थी, मेरी चूत की गर्मी शांत नहीं हो रही थी, मुझे लंड चाहिए था, और आखिरकार, मुझे शांत किया मेरा अपने सगे भाई ने.
मैं दिल्ली में रहती हु, मेरे साथ मेरी एक छोटी बहन, जो की अभी ८ साल की है, मेरी भाभी और मेरे भैया, भैया को अपना सलून का काम है और भाभी मेरी मसाज पार्लर में काम करती है, हम दो बहने घर पर रहते है, पापा मम्मी दोनों उत्तर प्रदेश में अपने गाँव में ही रहते है. मैं जब छोटी थी तभी मैंने अपने कई सारे दोस्तों से सुनी की, चूचियां दबबाने में बहूत मजा आता है, कई लड़कियां अपने पड़ोस के लड़के से अपनी चूचियां दब्बाती थी, मेरा भी मन करता था पर परिवार बाले के डर से ये कदम कभी नहीं उठाई.
फिर दिल्ली आ गई थी, यहाँ टीवी पर किस करते हुए या तो सुहागरात मानते हुए देखती थी तभी से मेरी चूत में पानी आ जाती थी, धीरे धीरे मेरी तड़प बढ़ने लगी. और मैं मजे लेने लगी. इमरान हाश्मी को देखकर लगता था काश मुझे भी मेरे होठों को भी ऐसा कोई चूसता तो कितना मजा आता सच पूछिए तो मैं परेशां होने लगी चुदवाने के लिए. रात इ सोती थी तो अपनी चूच को खुद ही दबाती, और अपने चूत को सहलाती, और जब मेरी चूत से गरम गरम पानी निकलता तो अपने ऊँगली में लगा को चाटती थी, वो नमकीन स्वाद मुझे मदहोश करने लगी थी.
अब मेरी चूत बहूत ही प्यासी रह जाती क्यों की खुद से कुछ नहीं होता था, इसी बिच, मेरी भाभी प्रेग्नेंट हो गई, और डॉक्टर ने कहा की अब आप दोनों वाइफ हसबंड चुदाई नहीं करनी है, तो वो दोनों चुदाई नहीं करने लगे. ये बात मेरी भाभी ने मुझको बताई, फिर कुछ ही दिन बाद भाभी के मायके बाले आये और भाभी को ले गए, क्यों को बच्चा उनके मायके में ही होना था, इसलिए, अब भैया रोज रात को घर लेट आते, वो भी काफी नशे में होते थे, अक्सर वो बाहर ही खाना खाते थे, मैं देर रात तक टीवी देखती और फिर मैं अपने सारे कपडे उतार कर, अपने चुचियों को दबाती और अपने चूत को सहलाती, फिर धीरे धीरे मैं अपने चूत में ऊँगली करने भी सिख गई थी. रोज रोज अब रूटीन हो गया था, मैं खुद अपने चुचियों को दबा कर अपने चूत में ऊँगली करती, मैं काफी ज्यादा कामुक हो जाती. मेरी साँसे काफी तेज तेज चलने लगती थी, पर प्यासी की प्यासी ही रह जाती थी, मुझे अब सच का लंड अपने चूत में चाहिए था, पर कोई कदम उठाने से डरती थी . कभी तो लगता था भाई को ही पटा कर चुदवा लूँ,
एक रात की बात है करीब १२ बज रहे थे, मुझे लगा की आज भैया नहीं आयंगे, क्यों की वो कई बार नहीं भी आते थे, वो अपने दोस्त के यहाँ रह जाते थे क्यों की उनकी दोस्त की बीवी से भैया का चक्कर था, तो मुझे लगा हो सकता था की आज भैया नहीं आयेंगे. तभी केवल पर एक फिल्म आ रही थी कमसिन जवानी, वो बी ग्रेड की मूवी थी. बहूत मजे ले रही थी फिर मैं अपने सारे कपडे उतार कर, अपने चूच को सहला रही थी और चूत में ऊँगली डाल रही थी. आँखे बंद थी सिसकियाँ ले रही थी, चूतड़ उठा उठा का आह आः आः आह आह आह आह आह उफ़ कर रही थी. मेरी चूत काफी गीली हो गई थी, खूब मजे ले रही थी. अपने होठ को अपने दांतों से काट रही थी. मैं अपने आप में ही मस्त थी हलकी सी रौशनी थी कमरे में, जब मेरी आँख खुली तो देखि भैया मेरे सामने खड़े है, और नंगी बेड पर हु, उनकी आँखे लाल लाल थी. मैं समझ गई की वो ड्रिंक किये हुए है , मैं वही पड़ी चादर ले ली और अपने तन को ढकने लगी.
मैं दिल्ली में रहती हु, मेरे साथ मेरी एक छोटी बहन, जो की अभी ८ साल की है, मेरी भाभी और मेरे भैया, भैया को अपना सलून का काम है और भाभी मेरी मसाज पार्लर में काम करती है, हम दो बहने घर पर रहते है, पापा मम्मी दोनों उत्तर प्रदेश में अपने गाँव में ही रहते है. मैं जब छोटी थी तभी मैंने अपने कई सारे दोस्तों से सुनी की, चूचियां दबबाने में बहूत मजा आता है, कई लड़कियां अपने पड़ोस के लड़के से अपनी चूचियां दब्बाती थी, मेरा भी मन करता था पर परिवार बाले के डर से ये कदम कभी नहीं उठाई.
फिर दिल्ली आ गई थी, यहाँ टीवी पर किस करते हुए या तो सुहागरात मानते हुए देखती थी तभी से मेरी चूत में पानी आ जाती थी, धीरे धीरे मेरी तड़प बढ़ने लगी. और मैं मजे लेने लगी. इमरान हाश्मी को देखकर लगता था काश मुझे भी मेरे होठों को भी ऐसा कोई चूसता तो कितना मजा आता सच पूछिए तो मैं परेशां होने लगी चुदवाने के लिए. रात इ सोती थी तो अपनी चूच को खुद ही दबाती, और अपने चूत को सहलाती, और जब मेरी चूत से गरम गरम पानी निकलता तो अपने ऊँगली में लगा को चाटती थी, वो नमकीन स्वाद मुझे मदहोश करने लगी थी.
अब मेरी चूत बहूत ही प्यासी रह जाती क्यों की खुद से कुछ नहीं होता था, इसी बिच, मेरी भाभी प्रेग्नेंट हो गई, और डॉक्टर ने कहा की अब आप दोनों वाइफ हसबंड चुदाई नहीं करनी है, तो वो दोनों चुदाई नहीं करने लगे. ये बात मेरी भाभी ने मुझको बताई, फिर कुछ ही दिन बाद भाभी के मायके बाले आये और भाभी को ले गए, क्यों को बच्चा उनके मायके में ही होना था, इसलिए, अब भैया रोज रात को घर लेट आते, वो भी काफी नशे में होते थे, अक्सर वो बाहर ही खाना खाते थे, मैं देर रात तक टीवी देखती और फिर मैं अपने सारे कपडे उतार कर, अपने चुचियों को दबाती और अपने चूत को सहलाती, फिर धीरे धीरे मैं अपने चूत में ऊँगली करने भी सिख गई थी. रोज रोज अब रूटीन हो गया था, मैं खुद अपने चुचियों को दबा कर अपने चूत में ऊँगली करती, मैं काफी ज्यादा कामुक हो जाती. मेरी साँसे काफी तेज तेज चलने लगती थी, पर प्यासी की प्यासी ही रह जाती थी, मुझे अब सच का लंड अपने चूत में चाहिए था, पर कोई कदम उठाने से डरती थी . कभी तो लगता था भाई को ही पटा कर चुदवा लूँ,
एक रात की बात है करीब १२ बज रहे थे, मुझे लगा की आज भैया नहीं आयंगे, क्यों की वो कई बार नहीं भी आते थे, वो अपने दोस्त के यहाँ रह जाते थे क्यों की उनकी दोस्त की बीवी से भैया का चक्कर था, तो मुझे लगा हो सकता था की आज भैया नहीं आयेंगे. तभी केवल पर एक फिल्म आ रही थी कमसिन जवानी, वो बी ग्रेड की मूवी थी. बहूत मजे ले रही थी फिर मैं अपने सारे कपडे उतार कर, अपने चूच को सहला रही थी और चूत में ऊँगली डाल रही थी. आँखे बंद थी सिसकियाँ ले रही थी, चूतड़ उठा उठा का आह आः आः आह आह आह आह आह उफ़ कर रही थी. मेरी चूत काफी गीली हो गई थी, खूब मजे ले रही थी. अपने होठ को अपने दांतों से काट रही थी. मैं अपने आप में ही मस्त थी हलकी सी रौशनी थी कमरे में, जब मेरी आँख खुली तो देखि भैया मेरे सामने खड़े है, और नंगी बेड पर हु, उनकी आँखे लाल लाल थी. मैं समझ गई की वो ड्रिंक किये हुए है , मैं वही पड़ी चादर ले ली और अपने तन को ढकने लगी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
