22-05-2020, 03:28 PM
मेरा नाम अरमान है और मैं एक छोटे से शहर के रहने वाला लड़का हूं। मैं बहुत ही सिंपल और साधारण हूं। मुझे बिल्कुल भी शोर शराबा और किसी के साथ झगड़ा करना भी पसंद नहीं है। मैं अपने आप में ही खोया रहता हूं और मुझे अपने आप में ही रहना अच्छा लगता है। मेरे जितने भी दोस्त हैं वह सब मेरी तरह ही हैं। वह भी इन सब चीजों में बिल्कुल नहीं पड़ते और कहते हैं कि हम इस तरीके से ही ठीक हैं। मेरे पिताजी चाहते हैं कि मैं थोड़ा अपने आप को बदलने की कोशिश करू लेकिन मैं नहीं चाहता कि मैं अपने आप को बदलू। मैं जैसा हूं वैसे ही अपने आप में खुश हूं। इसी वजह से मेरे पिताजी ने मुझे मेरे मामा जी के यहां पर भेज रहे थे और कहने लगे कि तुम कुछ दिनों के लिए बेंगलुरु जाकर घूम आओ। मैंने उन्हें कहा कि मैं वहां पर क्या करूंगा।
वह लोग बहुत ही बड़े लोग हैं और हम बहुत ही मामूली और साधारण लोग हैं। वह फिर भी मुझसे जिद करने लगे और कहने लगे कि तुम वहां पर चले जाओ। कुछ दिनों तक तुम वहां पर रहोगे तो तुम्हें भी अच्छा लगेगा। घर पर वैसे भी कुछ काम तो है नहीं। तुम्हारी मां मैं और तुम्हारे बड़े भैया तो यहां पर हैं। तुम कुछ दिन घूम आओ तो तुम्हारा मन भी बहल जाएगा। मैं भी उनकी बात मान गया और सोचा कुछ दिनों के लिए घूम ही आता हूं। जब मैंने अपने मामा जी को फोन किया तो वह कहने लगे कि तुम कब आओगे। मैंने उन्हें बताया कि मैं अगले हफ्ते तक आपके घर पर आ जाऊंगा। कुछ दिनों तक मैं वहीं पर रहने वाला हूं। यह बात जब मैंने उनसे कही तो वह बहुत खुश हुए और कहने लगी कि चलो कम से कम तुम इस बहाने घर से बाहर तो निकलोगे। नहीं तो तुम सिर्फ घर पर ही रहते हो और तुम कहीं भी नहीं जाते। मैंने उन्हें कहा मामा जी ऐसी कोई बात नहीं है। मैं जाता तो हूं लेकिन मुझे ज्यादा शोर शराबा पसंद नहीं है और मैं अपने आप से ही खुश हूं। अब मैं अगले हफ्ते उनके घर पर चला गया। जब मैं उनके घर गया तो मेरे मामा की लड़की मुझे मिली। उसका नाम काजल है और वह बहुत ही मॉडल ख्यालातो की है। वह मुझे देखकर बहुत ही खुश हुई। वह उनकी इकलौती लड़की है। वह उससे बहुत ही प्यार करते हैं और उसकी हर चीज के लिए वह हमेशा आगे रहते हैं। मेरे मामा ने काजल को कहा कि तुम अरमान को घुमा देना और उसे अपने साथ ले जाया करो। ताकि उसका टाइम पास हो जाया करें। नहीं तो वह घर में अकेले अकेले बोर हो जाएगा। काजल मुझसे 2 साल ही बड़ी है और उसने एक अच्छे कॉलेज से पढ़ाई की है। अब वह मेरे साथ ही रहती। और घर पर भी हम दोनों साथ में ही थे।
एक दिन उसने मुझे कहा कि चलो मैं तुम्हें शहर घुमा कर ले आती हूं। मैंने उसे कहा कि अब कौन सा टाइम हो रहा है घूमने का। उसने कहा यही टाइम तो घूमने का है। मैंने उसे कहा कि बहुत रात हो गई है। अब कहां जाएंगे। उसने मुझे कहा कि तुम तैयार हो जाओ और मेरे साथ चलो अब वह मुझे अपने साथ ले गई। मैं उसके साथ गया। उसने मुझे अपने दोस्तों से मिलाया। उसके दोस्त बहुत ही ज्यादा मॉडर्न थे और सब मुझे घूर रहे थे। मुझे अपने आप में बहुत ज्यादा शर्म सी महसूस होने लगी। काजल ने उन लोगों से मुझे मिलाया लेकिन वह मेरे साथ बिल्कुल भी अच्छे से बात नहीं कर रहे थे। मुझे यह बात बहुत ही बुरी लग रही थी लेकिन यह बात काजल को बिल्कुल भी समझ नहीं आया और वह अपने दोस्तों के साथ एंजॉय कर रही थी लेकिन मैं अकेला बैठा हुआ था। तो मुझे बहुत ही बुरा लग रहा था। जब उन लोगों की पार्टी खत्म हो गई। तो वह मुझे कहने लगी कि अब घर चलो। हम दोनों अब घर आ गए लेकिन उसे तब भी कुछ समझ नहीं आया और मैंने उससे बात भी नहीं की। हम दोनों जब घर आए तो हम दोनों काफी देर तक बातें कर रहे थे लेकिन मेरा मन बिल्कुल भी उससे बात करने का नहीं था। फिर भी मैं उस से बातें कर रहा था। मैंने उसे कहा कि क्या तुम्हें मुझे अपने साथ लेकर जाना चाहिए था। वह कहने लगी क्यों, तुम्हें बुरा लगा क्या। मैंने उसे कहा कि तुम्हारे दोस्त बहुत ही मॉडर्न ख्यालातों के हैं और मैं एक सिंपल साधारण सा इंसान हूं। मुझे यह चीज बिल्कुल भी पसंद नहीं है लेकिन उसके बावजूद भी तुम मुझे अपने साथ ले गई और तुम्हारे दोस्त मुझे किस तरीके से घूर रहे थे। मुझे तो बहुत ही बुरा लग रहा था। वह कहने लगी कि चलो तुम मुझे माफ कर दो। अगर तुम्हें इस बात से बुरा लगा। मैंने उसे कहा कि इसी वजह से मैं तुम्हारे घर आना नहीं चाहता था लेकिन मेरे पिताजी मुझे कहने लगे कि तुम कुछ दिनों के लिए अपने मामा के पास चले जाओ। वह मुझसे कहने लगी कि अकर तुम्हें इस चीज का बुरा लगा तो मुझे माफ़ कर दो। मेरा तुम्हे हर्ट करने का बिल्कुल भी इरादा नही था।
वह लोग बहुत ही बड़े लोग हैं और हम बहुत ही मामूली और साधारण लोग हैं। वह फिर भी मुझसे जिद करने लगे और कहने लगे कि तुम वहां पर चले जाओ। कुछ दिनों तक तुम वहां पर रहोगे तो तुम्हें भी अच्छा लगेगा। घर पर वैसे भी कुछ काम तो है नहीं। तुम्हारी मां मैं और तुम्हारे बड़े भैया तो यहां पर हैं। तुम कुछ दिन घूम आओ तो तुम्हारा मन भी बहल जाएगा। मैं भी उनकी बात मान गया और सोचा कुछ दिनों के लिए घूम ही आता हूं। जब मैंने अपने मामा जी को फोन किया तो वह कहने लगे कि तुम कब आओगे। मैंने उन्हें बताया कि मैं अगले हफ्ते तक आपके घर पर आ जाऊंगा। कुछ दिनों तक मैं वहीं पर रहने वाला हूं। यह बात जब मैंने उनसे कही तो वह बहुत खुश हुए और कहने लगी कि चलो कम से कम तुम इस बहाने घर से बाहर तो निकलोगे। नहीं तो तुम सिर्फ घर पर ही रहते हो और तुम कहीं भी नहीं जाते। मैंने उन्हें कहा मामा जी ऐसी कोई बात नहीं है। मैं जाता तो हूं लेकिन मुझे ज्यादा शोर शराबा पसंद नहीं है और मैं अपने आप से ही खुश हूं। अब मैं अगले हफ्ते उनके घर पर चला गया। जब मैं उनके घर गया तो मेरे मामा की लड़की मुझे मिली। उसका नाम काजल है और वह बहुत ही मॉडल ख्यालातो की है। वह मुझे देखकर बहुत ही खुश हुई। वह उनकी इकलौती लड़की है। वह उससे बहुत ही प्यार करते हैं और उसकी हर चीज के लिए वह हमेशा आगे रहते हैं। मेरे मामा ने काजल को कहा कि तुम अरमान को घुमा देना और उसे अपने साथ ले जाया करो। ताकि उसका टाइम पास हो जाया करें। नहीं तो वह घर में अकेले अकेले बोर हो जाएगा। काजल मुझसे 2 साल ही बड़ी है और उसने एक अच्छे कॉलेज से पढ़ाई की है। अब वह मेरे साथ ही रहती। और घर पर भी हम दोनों साथ में ही थे।
एक दिन उसने मुझे कहा कि चलो मैं तुम्हें शहर घुमा कर ले आती हूं। मैंने उसे कहा कि अब कौन सा टाइम हो रहा है घूमने का। उसने कहा यही टाइम तो घूमने का है। मैंने उसे कहा कि बहुत रात हो गई है। अब कहां जाएंगे। उसने मुझे कहा कि तुम तैयार हो जाओ और मेरे साथ चलो अब वह मुझे अपने साथ ले गई। मैं उसके साथ गया। उसने मुझे अपने दोस्तों से मिलाया। उसके दोस्त बहुत ही ज्यादा मॉडर्न थे और सब मुझे घूर रहे थे। मुझे अपने आप में बहुत ज्यादा शर्म सी महसूस होने लगी। काजल ने उन लोगों से मुझे मिलाया लेकिन वह मेरे साथ बिल्कुल भी अच्छे से बात नहीं कर रहे थे। मुझे यह बात बहुत ही बुरी लग रही थी लेकिन यह बात काजल को बिल्कुल भी समझ नहीं आया और वह अपने दोस्तों के साथ एंजॉय कर रही थी लेकिन मैं अकेला बैठा हुआ था। तो मुझे बहुत ही बुरा लग रहा था। जब उन लोगों की पार्टी खत्म हो गई। तो वह मुझे कहने लगी कि अब घर चलो। हम दोनों अब घर आ गए लेकिन उसे तब भी कुछ समझ नहीं आया और मैंने उससे बात भी नहीं की। हम दोनों जब घर आए तो हम दोनों काफी देर तक बातें कर रहे थे लेकिन मेरा मन बिल्कुल भी उससे बात करने का नहीं था। फिर भी मैं उस से बातें कर रहा था। मैंने उसे कहा कि क्या तुम्हें मुझे अपने साथ लेकर जाना चाहिए था। वह कहने लगी क्यों, तुम्हें बुरा लगा क्या। मैंने उसे कहा कि तुम्हारे दोस्त बहुत ही मॉडर्न ख्यालातों के हैं और मैं एक सिंपल साधारण सा इंसान हूं। मुझे यह चीज बिल्कुल भी पसंद नहीं है लेकिन उसके बावजूद भी तुम मुझे अपने साथ ले गई और तुम्हारे दोस्त मुझे किस तरीके से घूर रहे थे। मुझे तो बहुत ही बुरा लग रहा था। वह कहने लगी कि चलो तुम मुझे माफ कर दो। अगर तुम्हें इस बात से बुरा लगा। मैंने उसे कहा कि इसी वजह से मैं तुम्हारे घर आना नहीं चाहता था लेकिन मेरे पिताजी मुझे कहने लगे कि तुम कुछ दिनों के लिए अपने मामा के पास चले जाओ। वह मुझसे कहने लगी कि अकर तुम्हें इस चीज का बुरा लगा तो मुझे माफ़ कर दो। मेरा तुम्हे हर्ट करने का बिल्कुल भी इरादा नही था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
