Thread Rating:
  • 0 Vote(s) - 0 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery JISM by Riya jaan
#58
इस सुरीली आवाज ने जाकिर के जख्मो पर कुछ मरहम के जैसा असर किया और वो थोडा झुंझलाना कम करते हुए शिकायती लहजे में बोला,"सबर! और कितना सबर करवाएगी। तेरे इस सबर के चक्कर में तेरे इस आशिक की कबर ही न बन जाये।"
"ऒफ़्फ़ॊ! आप और आपकी बाते। बस बाते ही बनाते रहिएगा। कितना बोलते हैं आप। लगता है की इसका भी कुछ करना पड़ेगा।"और इतना कहते ही रेखा ने एक दूसरी चुनरी से जाकिर के मुह को भी बांध दिया।

अब कमरे की हालत देखकर ऐसा लग रहा था की जैसे रेखा ने जाकिर को अगवा कर के उसे कैद कर रखा हो। जाकिर की हालत तो ऐसी हो रही थी की काटो तो खून नहीं। उसके दिमाग ने तो सोच सोच के आसमान सर पर उठा रखा था की अब क्या होने वाला है कहीं ये औरत उसे फसा तो नहीं देगी। आज तक गाँव की कई कलियों का रस चूस चूका था वो पर किसी ने ऐसा कुछ नहीं किया था। सच कहो तो जाकिर की सारी इन्द्रियों को रेखा कैद कर बेबस कर चुकी थी।सिर्फ उसकी नाक और कान अब भी खुले थे।
जाकिर को तभी ऐसा एहसास हुआ, की रेखा कमरे का दरवाजा बंद कर रही है। "कहीं ये मुझे यहाँ बंद करके बाहर से किसी को बुलाने तो नहीं गयी। अगर ऐसा हुआ, तो आज तो जेल पक्की जाकिर मिया। ऊपर से गाँव वालों के लात घूंसे खाओगे वो अलग। बड़े आये थे शिकारी बनने, हो गया शिकार खुद तुम्हारा ही।" ऐसे ही उधेड़बुन में लगे जाकिर को ना जाने कितना वक़्त बीता होगा तभी उसे कुछ भीनी भीनी सी महक आई जिसे वो दिमाग पर जोर डाले बिना ही पहचान गया की ये महक रेखा की थी।
"तो आप तैयार हैं ना।" जाकिर के कानो के पास मुह लाकर रेखा ने खुसफुसाते हुए कहा। इस तरह खुसफुसाती हुई रेखा की नशीली आवाज कानो पर पड़ती उसकी गर्म साँसें और बदन की महक से जाकिर को कई बोतलों का नशा एक साथ ही हो गया। एक आज्ञाकारी बच्चे की तरह उसने सर को कई बार हिलाकर रेखा के सवाल का जवाब हाँ में दिया। और अगले ही पल एक झटके में उसके आँखों की पट्टी खुल गयी। पलकों को बार बार जल्दी जल्दी झपककर वो चारो ओर देखने लगा। कमरे का दरवाजा बंद होने से अन्दर हल्का हल्का उजाला आ रहा था। चारो तरफ देखने पर उसे रेखा कहीं नजर नहीं आई। उसके ठीक सामने पलंग पर रेखा की कपडे पड़े थे जिसे रेखा ने थोड़ी देर पहले पहन रक्खा था।

"तो क्या रेखा अभी नंगी है। ऒह्ह्ह्ह..... । इसी पल का तो न जाने कब से इंतजार था। पर ये साली बिना कपड़ो के चली कहाँ गयी। कहाँ है बुलबुल।" जाकिर की नजरे रेखा को ढूंढ़ रही थी और दिमाग अपने पहाड़े पड़ने में व्यस्त था।
"क्या हुआ। किसे ढूंढ़ रहे है आप। ही.. ही.. ही....!" खनकती सी हंसी के साथ रेखा की आवाज उसे सुनाई दी जो की उसके ठीक पीछे से आ रही थी। बिना कपड़ो के रेखा उसके पीछे खड़ी है ऐसा दिमाग में आते ही जाकिर का दिल तो मानो बुलेट ट्रेन के जैसे दौड़ने लगा। उसके गले की दीवारे सुखकर मानो आपस में ही चिपक रही थी जिसे उसने अपना थूक गटककर थोडा तर किया। अंडरवियर के अन्दर उसका लिंग तो फुल कर ऐसा दबा जा रहा था जैसे खरगोश के पिंजरे में शेर को डाल दिया गया हो।
"अब मै आपके सामने आने वाली हूँ। पर उससे पहले आपको अपनी आंखे बंद करनी होंगी फिर जब मै बोलूं उससे पहले आंखे मत खोलना। समझे।" एक आदेशात्मक लहजे में रेखा की आवाज आयी। जिसके जवाब में जाकिर का सर अपने आप ही हाँ में कई बार हिल गया। "तो कीजिये आंखे बंद।" और जाकिर ने पलके मूंद ली। एक बार तो उसका ख्याल आया की वो आंखे खोलके देखे की ये हो क्या रहा है पर न जाने क्या सोचकर उसने पलके बंद ही रखी पूरी ईमानदारी के साथ।

रेखा के उसके बगल से निकलकर आगे की ओर जाने और पलंग पर चढने का एहसास उसे हो गया। आगे क्या होने वाला है ये सोच सोचकर ही धडकने बढती जा रही थी।
"अब आप आंखे खोलिए।" रेखा की इसी बात की राह देखती जाकिर की आंखे तुरंत ही खिल गयी। सामने देखने पर उसने पाया की रेखा पलंग के ऊपर खड़ी है। पलंग एक तरह के छोटे से स्टेज की तरह हो गया था मानो किसी स्ट्रिप क्लब में होता है और सामने जाकिर दर्शक की तरह कुर्सी पर बैठा था पर हाथ पैर बंधे हुए।
पलंग के बीचोबीच रेखा खड़ी हुई थी, पर जाकिर ने जैसी उम्मीद की थी वैसी नहीं। रेखा का सिर्फ गर्दन के ऊपर का हिस्सा ही खुला था। गर्दन से लेकर घुटनों के कुछ निचे तक का भाग छिपाने के लिए उसने एक चादर ओढ़ रखी थी।
"अब आप कुछ ऐसा देखने जा रहे हैं जो मेरे पति के अलावा कोई और नहीं देख पाया आज तक। वादा कीजिये की ये राज आप अपने सीने में दफ़न करके रखेंगे।"शर्म से जाकिर से नजरे न मिला पा रही रेखा अपने पैर के नाखुनो की ओर देखते हुए बोली और बोलने के तुरंत बाद जाकिर की ओर देखा उत्तर जानने के लिए। जाकिर ने तुरंत ही हामी भर दी। और एक लम्बी साँस लेते हुए रेखा ने चादर पर अपनी पकड़ ढीली कर दी। सरसराहट के साथ निचे गिरकर चादर सेकेंड के सौवें हिस्से में ही रेखा के पैरो को चूमने लगी।

सामने उपस्थित दृश्य से तो मानों जाकिर के दिल ने धडकना ही छोड़ दिया। उस मद्धम उजाले से रौशन कमरे में रेखा का बदन कुछ इस तरह चमका की एक बार तो जैसे उसकी आंखे ही चौंधिया गयी। अपनी आँखों पर यकीन करने के लिए जाकिर ने तीन चार बार पलके झपका कर आँखों को अच्छी तरह साफ किया और फिर मानो उसके मुह और उसकी आँखों में प्रतिस्पर्धा सी होने लगी क्यूंकि जैसे जैसे हैरत से उसकी आंखे फैलती जा रही थी वैसे वैसे ही उसका मुह भी खुलता जा रहा था। सामने दृश्य ही ऐसा था कि कही ये सब सपना तो नहीं ये सोचकर उसने अपनी जीभ को दांतों से हल्का सा काट कर देखा।
चादर के गिरते ही एक खूबसूरती का जीता जागता नमूना पलंग के बीचोबीच खड़ा था। चाँद की किरणों जैसे उजले चेहरे के साथ साथ उसका पूरा बदन भी मानो चांदनी में धुला हुआ लग रहा था। जाकिर की नजरें ऊपर से निचे तक उसके यौवन का मुआयना करने लगी। शर्म से गिरी हुई चादरों की तह में छुपना चाह रही ऑंखें, पतली सी सुतवा नाक, कुछ झिझक और कुछ उत्तेजना से लरजते होठ, और उनकी सुर्ख खिडकियों से झांकते दांत रूपी मोतियों की कतारें, थोड़ी सी बाहर को उभरी हुई ठोड़ी, उसके चेहरे के खजाने के अनमोल रत्न थे।

चेहरे से जाकिर की नजर उसकी मोर जैसी गर्दन से नीचे फिसलती चली गयी जो की सीधे रेखा के उभारों को ढके हुए साधारण से ब्रा में आकर रुक गयी। "ओह्ह तो इसने ब्रा पेंटी पहनी हुई है।" मन ही मन जाकिर ने सोचा जो की उसके नंगे बदन की उम्मीद लगाये बैठा था। इस अल्प अन्तराल के बाद फिर से शारीरिक निरीक्षण शुरू हो गया।
कन्धों पर सफ़ेद रंग के ब्रा के स्ट्रेप्स के अलावा और कुछ नहीं था। पर असली खजाने की चौकीदारी तो ये ब्रा ही कर रही थी। इन साधारण से कपड़ो के निचे छिपे असाधारण सौन्दर्य शिखरों के दबाव से उसने लगभग 36 साइज़ होने का अंदाजा लगा लिया। पर असली आकर्षण माप का नहीं था बल्कि इतने बड़े होने पर भी जो कसावट और गोलाईयाँ जाकिर की पारखी नजरों ने महसूस की वो अद्वितीय लगी। ब्रा ने लगभग 80% स्तनों को ढक रखा था पर ऊपर से झांकता उसका बचा हुआ हिस्सा भी जानलेवा था। एकदम केसर कुल्फी के जैसी रंगत इस नज़ारे को और भी हसीं बना रही थी। छाती लगभग पूरी ढकने की ब्रा बस असफल सी कोशिश ही कर रहा था पर उन सिंदूरी पपीतों के बीच की गहरी खाई में तो अच्छे अच्छों का इमान भी खो सकता था।
 horseride  Cheeta    
Like Reply


Messages In This Thread
JISM by Riya jaan - by sarit11 - 11-05-2020, 09:11 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 11-05-2020, 09:13 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 11-05-2020, 09:15 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 11-05-2020, 09:15 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 11-05-2020, 09:18 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 11-05-2020, 09:19 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 11-05-2020, 09:20 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 11-05-2020, 09:28 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 11-05-2020, 09:28 PM
RE: JISM by Riya jaan - by rabiakhan338 - 11-05-2020, 11:55 PM
RE: JISM by Riya jaan - by BHOG LO - 12-05-2020, 12:58 AM
RE: JISM by Riya jaan - by raj500265 - 13-05-2020, 12:06 PM
RE: JISM by Riya jaan - by Jakir bhai - 13-05-2020, 02:14 PM
RE: JISM by Riya jaan - by vat69addict - 13-05-2020, 02:57 PM
RE: JISM by Riya jaan - by Sumit1234 - 13-05-2020, 04:51 PM
RE: JISM by Riya jaan - by yogita9 - 13-05-2020, 11:07 PM
RE: JISM by Riya jaan - by Sumit1234 - 14-05-2020, 09:09 PM
RE: JISM by Riya jaan - by Jakir bhai - 15-05-2020, 12:44 AM
RE: JISM by Riya jaan - by Sumit1234 - 15-05-2020, 04:41 PM
RE: JISM by Riya jaan - by BHOG LO - 15-05-2020, 04:42 PM
RE: JISM by Riya jaan - by Sumit1234 - 15-05-2020, 04:55 PM
RE: JISM by Riya jaan - by Sumit1234 - 15-05-2020, 10:10 PM
RE: JISM by Riya jaan - by Sumit1234 - 18-05-2020, 01:54 AM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 18-05-2020, 07:03 AM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 18-05-2020, 07:04 AM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 18-05-2020, 07:05 AM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 18-05-2020, 07:08 AM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 18-05-2020, 07:11 AM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 18-05-2020, 07:19 AM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 18-05-2020, 07:22 AM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 18-05-2020, 07:24 AM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 18-05-2020, 07:25 AM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 18-05-2020, 07:27 AM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 18-05-2020, 07:28 AM
RE: JISM by Riya jaan - by Sumit1234 - 20-05-2020, 02:30 AM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 20-05-2020, 01:06 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 20-05-2020, 01:08 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 20-05-2020, 01:16 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 20-05-2020, 01:26 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 20-05-2020, 01:27 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 20-05-2020, 01:27 PM
RE: JISM by Riya jaan - by Sumit1234 - 21-05-2020, 02:08 AM
RE: JISM by Riya jaan - by Curiousbull - 21-05-2020, 02:16 AM
RE: JISM by Riya jaan - by doctor101 - 21-05-2020, 02:55 AM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 21-05-2020, 12:16 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 21-05-2020, 12:20 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 21-05-2020, 12:21 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 21-05-2020, 12:22 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 21-05-2020, 12:22 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 21-05-2020, 12:24 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 21-05-2020, 12:25 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 21-05-2020, 12:26 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 21-05-2020, 12:27 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 21-05-2020, 12:30 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 21-05-2020, 12:31 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 21-05-2020, 12:32 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 21-05-2020, 12:33 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 21-05-2020, 12:35 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 21-05-2020, 12:35 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 21-05-2020, 12:40 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 21-05-2020, 12:41 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 21-05-2020, 01:15 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 21-05-2020, 01:16 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 21-05-2020, 01:17 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 21-05-2020, 01:17 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 21-05-2020, 01:26 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 21-05-2020, 01:31 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 21-05-2020, 01:32 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 21-05-2020, 01:35 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 21-05-2020, 01:36 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 21-05-2020, 01:37 PM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 21-05-2020, 01:38 PM
RE: JISM by Riya jaan - by Curiousbull - 22-05-2020, 02:33 AM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 22-05-2020, 06:31 AM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 22-05-2020, 06:32 AM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 22-05-2020, 06:34 AM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 22-05-2020, 06:34 AM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 22-05-2020, 06:35 AM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 22-05-2020, 06:36 AM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 22-05-2020, 06:37 AM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 22-05-2020, 06:45 AM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 22-05-2020, 06:47 AM
RE: JISM by Riya jaan - by sarit11 - 22-05-2020, 06:54 AM
RE: JISM by Riya jaan - by prenu4455 - 23-05-2020, 10:36 PM
RE: JISM by Riya jaan - by Sumit1234 - 24-05-2020, 02:29 AM
RE: JISM by Riya jaan - by Curiousbull - 24-05-2020, 04:39 AM
RE: JISM by Riya jaan - by Sumit1234 - 25-05-2020, 01:39 AM
RE: JISM by Riya jaan - by Sumit1234 - 27-05-2020, 01:44 AM
RE: JISM by Riya jaan - by playboy131 - 29-05-2020, 12:56 AM
RE: JISM by Riya jaan - by Curiousbull - 29-05-2020, 01:42 AM
RE: JISM by Riya jaan - by Sumit1234 - 30-05-2020, 02:14 AM
RE: JISM by Riya jaan - by Sumit1234 - 30-05-2020, 02:05 PM
RE: JISM by Riya jaan - by doctor101 - 03-07-2020, 04:09 PM



Users browsing this thread: 1 Guest(s)