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एक दिन अचानक
#14
" बुरा नही था' उसने मुस्कुराते हुए कहा "लेकिन तुम्हारे इस मोटे और लंबे लंड ने मुझे आज पहली बार चुदाई का मजा क्या है ये दिखा दिया." कहकर उसने मेरे लंड पर हाथ रखा और उसे दबाया.
"रागिनी क्या पहली बार तुमने अपने पति के सिवा किसी दूसरे का लंड लिया?"
"हाँ.. मैंने कभी सपने में भी नही सोचा था की मै ऐसा कभी करुँगी... मै सच कह रही हूँ."
" लेकिन अच्छा लगा ना?"
"हाँ, बहुत अच्छा.. मुझे तो अभी तक विश्वास ही नही हो रहा है की मैंने ऐसा किया है..लेकिन अगर तुम ये बात गुप्त रखोगे तो मै इसके बाद भी तुम्हारे साथ करने के लिए तैयार हूँ" कहकर उसने मेरे होंठो को किस किया.. फ़िर उठ कर बैठी.."मुझे बाथरूम जाना है..मै अभी आती हूँ "और वो नंगी ही बाथरूम गई..मै उसके जाते हुए बदन को देख रहा था.. उसके नितम्ब और चूतड.. पतली कमर उफ्फ्फ..मै उसके चूतड देख कर फ़िर से गरम हो गया.. चूतड के बीच में लंड डाल कर घिसने का मजा ही कुछ और है... उसके वापिस आते ही मैंने कहा "रागिनी मुझे तुम्हारे चूतड और गांड देखना है.. मै वहाँ प्यार करना चाहता हूँ.."
"मुझे पूरी नंगी कर के सब कुछ तो देख लिया तुमने."
"रागिनी तुम्हारे चूतड सच में किसी भी मर्द का लंड खड़ा कर देंगे. शायद तुम्हारे पीछे चलने वाले मर्द तो अपने पंट में ही झड़ जाते होंगे" मैंने उसका हाथ पकड़ कर पास खींचा और उसका मुंह घुमा दिया और उसके चूतड पर हाथ फेरते हुए कहा.
"अच्छा..
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: एक दिन अचानक - by neerathemall - 22-02-2019, 12:14 AM



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