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एक दिन अचानक
#13
मैंने उसकी गांड को दबाते हुए उसके होंठो पर झुका और उससे कहाँ "रागिनी मेरा होने वाला है.." कहते हुए मैंने बहुत जोर से अपना लंड उसकी चूत की गहराई में धकेल दिया जड़ तक और उसे दबा कर पिचकारी से मेरा लावा उसकी चूत में डालने लगा.. मालूम नही कितनी पिचकारी निकली... लेकिन उसकी चूत पूरी भर गई.. और मेरे वीर्य की गर्मी से रागिनी फ़िर से झड़ गई. और मुझसे बहुत जोर से चिपक गई. मै भी उसके ऊपर लेट गया .. ऐसे करीब 10 मिनट हम एक दूसरे से चिपके रहे.. मेरा लंड अभी भी उसकी चूत में था..हम दोनों एक दूसरे से लिपटे हुए गहरी साँस लेते हुए लेते हुए थे. उसका नरम और गदराया बदन मेरी बांहों में था. मै उसे हलके हलके चूम भी रहा था. उसके सख्त उरोज मेरे सीने में दबे हुए थे. मेरी बीवी को इस तरह सीने से लगाने पर उसकी चून्चियां मेरे सीने में दब कर चपटी हो जाती है.. लेकिन रागिनी के खड़े निपल मानो मेरे सीने के बालों को भेद कर छेद कर देंगे. ऐसा महसूस हो रहा था दो गरम नरम कबूतर मेरे और उसके सीने के बीच में दबे हुए है.. ये सब मिल कर मेरे लंड को पूरा ढीला होने से रोक रहे थे.. वो आधा सख्त रागिनी की चूत में फ़िर से चुदाई के लिए तैयार हो रहा था. मैंने अपना लंड बाहर निकाला.. उस पर मेरा और उसका दोनों का रस लगा हुआ था और उसकी चूत से भी मेरा क्रीम बहते हुए उसकी गांड की तरफ़ बह रहा था.
उसकी चूत एकदम लाल हो चुकी थी.. और मुंह भी खुल गया था... चूत थोडी फूल भी गई थी. मै उसके स्तन को अब हलके से सहला रहा था.. थोड़ा उठ कर उसके रसीले होंठो को फ़िर से चूमा.. " रागिनी कैसा रहा ये अनुभव,, ?
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: एक दिन अचानक - by neerathemall - 22-02-2019, 12:13 AM



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