22-02-2019, 12:00 AM
फिर मैंने तुरंत मौसी के दोनों हाथों को ज़ोर से पकड़ लिया। मैंने अब एक और ज़ोर से झटका लगा दिया और मैंने महसूस किया कि अब तक मेरा आधा लंड अंदर चला गया था और मौसी की आँख से आँसू बाहर निकलने लगे थे, लेकिन उन्होंने उस दर्द पर बहुत कंट्रोल किया। फिर मैंने ज़ोर ज़ोर से करीब 6-7 और लगातार धक्के लगाए तो मौसी की बहुत ज़ोर से चीख निकल गई। मैंने मौसी के होंठो पर किस किए और अब धीरे से झटके लगाने लगा और मौसी अब भी बहुत तड़प रही थी, लेकिन मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था। मैंने बस लगातार झटके लगाना शुरू कर दिया था और मेरे धक्को की वजह से ठप ठप की आवाज़ आ रही थी और में उसके बूब्स को ज़ोर से दबा रहा रहा था और कुछ देर बाद उसका दर्द जब थोड़ा कम हुआ तो वो भी आह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह कर रही थी और सिसकियाँ ले रही थी। अब मैंने कुछ देर धक्कों के बाद उनके दोनों पैरों को अपने कंधे पर रख लिया और उनको मज़े से धक्के देकर चोदने लगा। दोस्तों मेरा लंड अब पूरा अंदर चला गया था और कुछ देर की चुदाई के बाद में अब झड़ने वाला था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
