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तुम्हारी रचना मौसी
#6
उनके अचानक से चले जाने की वजह से मुझे लगा कि मौसी मेरी गंदी खा जाने वाली नजर का बुरा मान जाएगी, लेकिन में क्या करता? में तो बिल्कुल पागल सा हो गया था, मुझसे अपने आप पर बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं हो रहा था और उस समय मम्मी और पापा भी घर पर नहीं थे और उस समय रात के 9:30 का टाईम हुआ था और बाहर बारिश अब भी बहुत ज़ोर से लगातार हो रही थी। फिर में भी अपने रूम में चला गया और अब में अपने कपड़े बदलने लगा और वापस बाहर आकर सोफे पर बैठकर टी.वी. देखने लगा। तभी इतने में मौसी भी वहां पर आ गई, उन्होंने ग्रे कलर की ड्रेस पहनी हुई थी और में वापस उन्हें घूरकर देखता रह गया, क्योंकि उनके उस बिल्कुल टाईट ड्रेस से उनके बूब्स के साथ साथ उनके पूरे गदराए हुए बदन का आकार बाहर से साफ साफ नजर आ रहा था। उस पल को में किसी भी शब्द में आप सभी को नहीं बता सकता कि में उस समय क्या महसूस कर रहा था और मेरे मन में अपनी सेक्सी मौसी के लिए क्या क्या चल रहा था।

फिर उन्होंने मेरी नजर से बचने के लिए मेरा ध्यान अपने सेक्सी जिस्म से हटाने के लिए मुझसे कहा कि हमें बहुत देर हो गई है, में हमारे लिए खाना बना लेती हूँ। अब मैंने उनसे कहा कि आपको इन सभी कामों को करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि मम्मी ने हमारे लिए खाना पहले से ही बनाया हुआ है, हमें तो बस खाना खाकर मज़े करने है। दोस्तों वो मेरी यह बात सुनकर शरारती तरीके से मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी। फिर हमने साथ में बैठकर खाना खाया और फिर से टी.वी. देखने लगे, लेकिन अब हम एक दूसरे से आँख नहीं मिला रहे थे, लेकिन हमारे मन में कुछ और ही था और शायद वो भी अपने सेक्सी जिस्म की आग में तड़प रही थी, लेकिन मुझसे छुपाने की कोशिश कर रही थी। फिर कुछ देर बाद मैंने उनसे कहा कि अब 10:30 बज चुके है और में अब सोने जा रहा हूँ। तभी मौसी ने तुरंत मुझसे कहा कि मुझे यहाँ पर अकेले में बहुत डर लग रहा है, तुम जब तक तुम्हारे मम्मी, पापा वापस नहीं आ जाए तब तक तुम यहीं पर मेरे पास बैठे रहो और मुझसे बातें करो प्लीज। फिर मैंने कहा कि ठीक है, आप कहती है तो में आपके पास बैठ जाता हूँ, लेकिन दोस्तों उसे क्या पता कि मेरे दिल में अब एक शैतान था, जो अपनी नींद से उठ चुका था और उनको अपने सामने देखकर मुझसे अब बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं हो रहा था, मेरा लंड अभी भी तनकर खड़ा था और मेरे धीरे धीरे झटके दे रहा था, जिसकी वजह से मुझे एक बहुत अजीब सा असहनीए दर्द हो रहा था, जिसको में अपने किसी भी शब्दों में नहीं बता सकता कि मुझे वो कैसा दर्द हुआ था? दोस्तों मौसी भी अब बार बार मेरे लंड को देख रही थी। फिर मैंने थोड़ी हिम्मत की और उनसे कहा कि मौसी आप बहुत सुंदर हो और सेक्सी भी, लेकिन मौसी मुझसे कुछ नहीं बोली और वो अपने सर को झुकाकर शरमाने लगी और फिर मुझे पूरा यकीन हो गया कि मौसी भी शायद अब तैयार है, मुझसे अब ज्यादा कंट्रोल नहीं हो रहा था और आख़िर मैंने मौसी को ज़ोर से अपनी बाहों में भर लिया[Image: 8.jpg?coupon=10069&c=0] और उनके होंठो पर किस करने लगा।[Image: 9.jpg?coupon=10069&c=0]

[Image: 16.jpg?coupon=10069&c=0][Image: 7.jpg?coupon=10069&c=0][Image: 8.jpg?coupon=10069&c=0][Image: 16.jpg?coupon=10069&c=0][Image: 8.jpg?coupon=10069&c=0]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: तुम्हारी रचना मौसी - by neerathemall - 21-02-2019, 11:51 PM
मौसी - by neerathemall - 23-05-2022, 03:36 PM



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