21-02-2019, 11:21 PM
इस बार मेरा प्लान उसे चोदने का था और पहले दिन ही वो मुझे देखते ही मेरे पास आ गई थी। अब उस समय घर पर बहुत सारे मेहमान आए हुए थे तो सभी लोगों को रात में सोने के लिए जगह की बहुत बड़ी समस्या थी, उस समय रात भी बहुत हो चुकी थी। कुछ लोग पहले ही इधर उधर जाकर सो चुके थे और उस समय सर्दियों का समय था तो इसलिए सभी रज़ाई ओढ़कर सो रहे थे, वो भी अपनी एक रज़ाई में बिल्कुल अकेली ही थी और उसके पास थोड़ी जगह थी उसने मुझे अपने पास आने का इशारा किया, तो में पहले बाहर गया और सभी लोगों को सोता हुआ देखकर चुपचाप जाकर उसकी रज़ाई में घुस गया और हम दोनों एक बार फिर से पूरे 6 महीने बाद एक दूसरे के बहुत पास थे। में अब अपना हाथ उसके नाजुक अंगो पर घुमाने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी। कुछ देर बाद जब वो थोड़ा सा गरम हो गई तो में उसकी कमीज में अपना एक हाथ डालकर उसके मुलायम, बड़े बड़े बूब्स को दबाने मसलने लगा। दोस्तों मैंने कुछ देर बाद महसूस किया कि उसके निप्पल अब तक बहुत टाईट हो चुके थे और सरिता भी अपना एक हाथ मेरे लंड पर ले गई वो भी अब तक तनकर बहुत टाईट हो गया था। अब धीरे धीरे हम दोनों थोड़ा आगे बढ़े और उस समय रूम में और भी बहुत लोग थे, इसलिए हमें उनका भी ध्यान रखना था कि किसी को हम पर शक ना हो।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.