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चचेरी बहन की रजाई
#2
यह घटना आज से करीब चार साल पहले की है जब मेरी बहन की सगाई थी, तब वहां पर हमारे सभी रिश्तेदार आए हुए थे और उनमे मेरी चचेरी बहन सरिता भी थी, वो एकदम पतली दुबली सी और दिखने में बहुत सुंदर, सेक्सी लड़की थी, लेकिन उसके बूब्स की साईज़ 32 उभरे हुए बिल्कुल सुडोल थे और उसकी कमर बहुत पतली थी, उसकी कमर का साईज 26 था। दोस्तों वो मुझे बहुत ही अच्छी लगती थी और उसे देखकर मेरा मन करता था कि में उसे अभी पकड़कर चोद दूँ। हम पहले भी एक बार किस कर चुके थे जब वो गर्मियों की छुट्टियों में मेरे गाँव आई हुई थी। हम पहली बार मिलकर एक दूसरे से इतना करीब हुए थे। दोस्तों वो दिखने में बहुत ही सुंदर और हमेशा खुलकर बात करने वाली एक लड़की थी।

दोस्तों में उसे पहली बार देखते ही उसकी तरफ पूरी तरह से आकर्षित हो गया और फिर लगातार उसके सुंदर बदन को देखता रहा। उसके शरीर का हर एक हिस्सा उस एकदम टाईट कपड़ो में मेरे सामने उभरकर बाहर आ रहा था, जिसको देखकर में उसका बिल्कुल दीवाना हो चुका था। फिर वो मेरे इस तरह घूरकर देखने का मतलब समझकर मेरी तरफ थोड़ा सा मुस्कुराई और मुझसे पूछने लगी कि क्या हुआ मुझसे पहले कभी कोई लड़की नहीं देखी क्या? तब मुझे थोड़ा सा होश आया और फिर में उससे बोला कि मैंने लड़कियाँ तो बहुत देखी है, लेकिन आज तक मैंने तुम्हारी जितनी सुंदर लड़की कोई भी नहीं देखी, दोस्तों वो मेरी यह बात सुनकर शरमा गई और फिर मुस्कुराकर वहां से चली गई और में उसे जाते समय पीछे से घूरकर देख रहा था। फिर उसी शाम को जब हम छत पर बैठे हुए इधर उधर की बातें कर रहे थे कि तभी अचानक से उसने कुछ देर बाद मुझसे पूछा कि क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? दोस्तों पहले तो में उसके मुहं से यह बात सुनकर बहुत चकित हुआ और फिर मैंने कुछ देर सोचकर तुरंत उससे कहा कि नहीं, तो वो झट से बोली कि यह तुम्हारी बात सच है या तुम मुझे ही पागल बना रहे हो? तो मैंने उससे कहा कि मुझ जैसे लड़के को कौन सी लड़की अपना बॉयफ्रेंड बनाएगी? तो वो तुरंत बोली कि क्यों ऐसी क्या कमी है तुम में, जो तुम यह सभी बातें सोचते हो? दोस्तों मुझे उसकी बातों से अब कुछ बातें समझ में आ रही थी, वो शायद अब मेरी तरफ झुकने लगी थी और फिर ऐसे ही हमारे बीच बातें चल रही थी। फिर छत पर कुछ घंटे बिताने के बाद हम नीचे आ गए। अब हमने नीचे आकर देखा तो सभी लोग सो चुके थे और उस बात का फायदा उठाते हुए हम दोनों रात को एक ही रज़ाई में बैठकर टीवी देखने लगे और कुछ देर बाद जब उसे ज्यादा सर्दी लगी तो वो अपने पैरों को मेरे पैरों से छूने लगी, लेकिन धीरे धीरे अब वो अपना एक हाथ मेरी जाँघो पर ले गई। फिर मैंने भी थोड़ी हिम्मत करके अपना एक हाथ उसके बूब्स पर रख दिया, लेकिन उसने मुझसे कुछ नहीं कहा। अब हम दोनों ही कुछ देर बाद सोने का नाटक करके रज़ाई के अंदर आ गये। वहां पर हम अब एक दूसरे के नाज़ुक अंगो से खेल रहे थे और में जैसे ही उसके गाल पर किस करने के लिए थोड़ा आगे बढ़ा तो उसने अपने होंठो को आगे कर दिया और हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे। हमें ऐसा बहुत अच्छा लग रहा था और हम दोनों यहाँ पर किस से ज़्यादा कुछ नहीं कर सकते थे, क्योंकि हमारे साथ और भी दो कज़िन सो रहे थे इसलिए हम बस एक दूसरे को प्यार कर रहे थे। फिर हम दोनों उठकर अलग अलग रूम में जाकर सो गये। फिर हमे उसके बाद एक दूसरे के इतना पास आने का समय ही नहीं मिला, क्योंकि वो दूसरे दिन अपने घर पर चली गई, लेकिन वो हमारी अधूरी कहानी को पूरी करने के लिए पूरे 6 महीने बाद मेरे बहुत करीब अपनी सगाई में आई।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: चचेरी बहन की रजाई - by neerathemall - 21-02-2019, 11:20 PM



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