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Incest सगी बहन के साथ अधूरा सेक्स
#11
मैं: अरे ये क्या करती है? तेरी जगह तो मेरे दिल में है मेरी जान. (यह कहकर मैंने उसे सीने से लगा लिया).

सीमा: आज आप भैया से मेरे सैंय्या बन गए हो.

मैंने उसे उठा कर अपनी बाँहों में जकड़ लिया. मेरी सगी बहन पूरी नंगी अवस्था में मेरे नंगे बदन से चिपकी हुई थी. उसकी चुचियाँ मेरे सीने में दब रही थीं और मेरा लंड उस वक्त ठीक उसकी चूत से टकरा रहा था. मैंने शरारत से अपने कूल्हे हिलाए और अपनी बहन कि चूत पर अपना लंड दबा कर उसे चुमते हुए कहा “मेरी प्यारी बहना को शादी मुबारक”.

सीमा ने भी उसी अंदाज़ में अपने कूल्हे हिलाकर अपनी चूत मेरे लंड से सटा दी और हँसते हुए बोली “आपको भी मेरे प्यारे भाई.”

मैं (उसके चूतड़ दबाते हुए): तो चल सुहागरात मनाते हैं.

सीमा: जैसा तुम चाहो. आज से मैं आपकी हूँ. भैय्या आज जी भर के चोदना. मुझे दर्द हो तो भी मत रुकना. मुझे आज लड़की से औरत बना दो मेरे प्यारे भैय्या.

मैं: पहले मैं तेरी चूत चाटूँगा. सच में उस दिन बहुत मज़ा आया था. (चूत सहलाते हुए) बड़ी नमकीन है मेरी प्यारी बहना की चूत.

सीमा: मैं भी अपने प्यारे भाई का लंड चूसने के लिए बेताब हो रही हूँ.

मैं: तो चूस न मेरी जान. देख कब से खड़ा है. एक बार तो मेरा पानी निकाल दे. बहुत तरस रहा है बेचारा.

ऐसा कह कर मैंने अपनी प्यारी बहना को सोफे पर बैठा दिया और अपना लंड उसके मुहं में डाल दिया. वो मज़े से चूसने लगी. मैं उसकी जुल्फें पीछे कर रहा था जो बार बार मेरा लंड चूसते हुए आगे आ जाती थीं. मैं लगातार सीमा को देख रहा था और वो लंड चूसने में बिजी थी. मेरी बहन उस वक्त मुझे बड़ी प्यारी लग रही थी. एक बार हमारी नज़रें मिलीं. अब सीमा मुझे देखते हुए मेरे लंड चूसने लगी. मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि मेरी सगी बहना अपने सगे भाई का लंड चूस रही है.

मैं: हाययययययय्य्य ऊऊह्ह्हह ओह्ह्ह्ह्ह्ह मेरी जान मेरा रस निकाल दे, मेरी सबसे अच्छी बहना, डार्लिंग, आई लव यू .........कम ऑन.......

देखते देखते मेरे लंड ने मेरी प्यारी बहना के मुहं में लावा उगल दिया. सीमा बड़े प्यार से मेरी वीर्य पीने लगी. आखिरी बूँद तक वो चाट गयी और मेरा लंड उसने चाट चाट के साफ़ कर दिया. मेरा लंड फिर से सिकुड़ने लगा. मेरा वीर्य अभी तक उसके लाल लाल होंठों पे लगा हुआ था जिसे उसने अपने होंठों पर जीभ फेर कर चाट लिया. मैं अब उसके बूब्स चूसने लगा. वो जोर जोर से सीत्कार कर रही थी. अपनी बहना का गोरा मांसल बदन सहलाते हुए धीरे धीरे मेरा हाथ उसकी चूत तक जा पहुंचा. अब मैं उसकी चूत सहलाने लगा. मैं एक साथ उसके होंठ चूस रहा था, बूब्स दबा रहा था और चूत भी सहला रहा था. मेरी बहना का बुरा हाल था. उसका चेहरा उत्तेजना से लाल हो गया. फिर मैंने अपनी प्यारी गुड़िया सी बहना की मस्त चूत चाटनी शुरू की. पहले मैंने जीभ से उसकी चूत को बाहर से चाटा फिर उसकी दोनों फांके अलग कर देखने लगा. अंदर से मेरी कमसिन बहना की कुंवारी चूत गुलाबी रंग की थी. इसे देख कर मेरे मुंह में पानी आ गया. मैंने सीमा की पहले चूत चाटी फिर पूरी की पूरी जीभ अंदर घुसा दी और अंदर बाहर करने लगा. सीमा से कण्ट्रोल नहीं हो रहा था. वो बार बार अपने चूतड़ उछल कर मेरा साथ दे रही थी. उसकी दोनों टांगें चौड़ी और ऊपर थीं. अपने दोनों हाथों से बूब्स दबाते हुए उसके मुंह से तेज सिसकियाँ निकल रही थीं.

“आ आ आ हह हह हा य ओह उफ़ मेरी माँ. और चूसो तेज भैय्या बहुत मज़ा आ रहा है. आह...................वाह .......आप तो कमाल का चूसते हो भैय्या.........करते रहो.....”

बेचारी नई नई जवान हुई थी और अब तक कुंवारी थी इसलिए जल्दी ही एक आनंद से भरी चीख से वो निढाल हो कर शांत पड़ गयी. उसकी चूत से झर झर कर काम रस निकल रहा था जिसे मैं पूरा का पूरा पी गया. मैं फिर भी लगातार उसकी चूत चाटता रहा जिससे वो दो बार झड गयी.

हम एक दूसरे के ऊपर कुछ देर लेटे रहे. हम दोनों कि सांसें बहुत तेज चल रही थीं और दिल भी जोर जोर से धड़क रहे थे.

सीमा मुझे चूम कर बोली: ओह भैया आई लव यू.

मैं: आई लव यू टू. (फिर उसके कान में बोला) मैं अभी आया.

मैं फिर से पापा के कमरे में गया और एक मोटा वोदक का पेग बनाया और उसे पी ही रहा था कि पीछे पीछे सीमा भी वहाँ पर आ गयी.

सीमा: भैया मुझे भी थोड़ी सी दो ना.

मैं: तू तो खुद एक बोतल है मेरी जान. तुझ में तो ऐसा नशा है कि जिंदगी भर ना उतरे. पर चल आज तुझे भी पिलाता हूँ.

मैंने जाम उसके नाज़ुक होंटों से लगा दिया. सीमा को थोड़ा कड़वा लगा पर वो इसे पूरा पी गयी. मैंने एक जाम और बनाया और उसके बूब्स पर गिरा दिया. अब मैं उसके बूब्स से वोदका चूसने लगा. एक घूंट भर कर मैं उसके लिप्स पर किस करने लगा और मैंने अपने मुहं से वोदका उसके मुहं में डाल दी. हम काफी देर तक लिप्स पर किस करते रहे. मेरा लंड अब तक खड़ा हो चुका था. मैंने बड़े प्यार से सीमा को बेड पर लिटा दिया और बोला

“चल मेरी प्यारी बहना अब तू अपने भैय्या से चुदने के लिए तैयार हो जा.”

मैंने उसकी दोनों टांगें खोल दीं और उसके ऊपर चढ़ गया. मैं धीरे धीरे अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा. सीमा मतवाली हुए जा रही थी. मैंने धीरे से अपना लंड उसकी चूत में घुसेड़ दिया.

सीमा: आःह्ह्ह्ह्ह्ह ..........भैय्या जरा धीरे से.......दर्द होता है........

मैं: शुरू शुरू में हर लड़की को दर्द होता है. तुझे हिम्मत से काम लेना होगा

ये कह के मैंने थोड़ा सा लंड और आगे किया. सीमा नें दर्द से अपने होंठ भींच लिए. मेरा आधा लंड अपनी प्यारी बहना की चूत में घुस चुका था. मैं अब अपना लंड अंदर बाहर करने लगा जिससे सीमा को थोड़ा मज़ा आने लगा. मेरे दोनों हाथ उसके बूब्स दबा रहे थे और मैं लगातार उसके लिप्स पर किस भी किये जा रहा था. थोड़ी देर बाद वो भी नीचे से चूतड़ हिला हिला कर मेरा साथ देने लगी. उसे वोदका का नशा भी चढ़ गया था इसलिए उसे दर्द कम महसूस हो रहा था. मेरी प्यारी सगी बहना का मस्त यौवन, उफ़ उसकी छोटी संतरे जैसी चुचियाँ, मस्त गांड, लहराते हुए लंबे बाल, गदराया हुआ गोरा संगमरमर जैसा चिकना बदन. मैं ये सब देख कर मस्ती से उसे चोदे जा रहा था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: सगी बहन के साथ अधूरा सेक्स - by neerathemall - 21-02-2019, 11:06 PM



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