21-02-2019, 10:19 PM
दस मिनट बाद सीमा आ गयी. मैं तब तब वोदका का दूसरा पेग मार चुका था. उसके आने के बाद मैं भी बाथरूम में फ्रेश हो कर आ गया और बोला,
“चल मेरी बहना अब मैं भी तेरी चूत का रस पीना चाहता हूँ”.
“आज जो चाहे कर लो भैय्या. मैं आज से आपकी हूँ.”
मैंने उसे बाँहों में भर लिया और गाल पर किस करके कहा, “तो तू पहले मना क्यों कर रही थी?”
“मैं आप को परख रही थी. आप मेरी बात मान गए इसलिए मैं भी आपकी बात मान गयी. एक बात और, कोई लड़की एक बार में हाँ नहीं बोलती. अगर वो जल्दी से मान जाती है तो उसे बदचलन समझा जाता है. फिर आपकी हालत देख कर मैने सोचा कि अपना जिस्म दिखा कर अपने ही सगे भैय्या को तरसाना ठीक बात नहीं”
“ओह. अब समझा. पर तेरे दिल में पहले से मेरे लिए कुछ था?”
“नहीं भैया. कसम से कुछ नहीं था. मैं आपको एक भाई के नाते ही देखती थी. पर आज मोडेलिंग के चक्कर में ये सब हो गया”.
मैंने प्यार से उसे अपने से चिपका कर कहा, “आज से तू मेरी मॉडल है. मेरे लिए तू कपड़े उतारेगी, नंगी होएगी और किसी के सामने नहीं. समझ गयी?”
सीमा: हाँ भैय्या समझ गयी. अब मुझे मोडेलिंग से कोई लेना देना नहीं है.
मैं: चल अब जाकर बिस्तर पर लेट जा.
सीमा (मचल कर): खुद ही उठा कर ले चलो ना.
मैंने अपनी फूल सी कोमल बहन को उठा लिया उसने झट से मेरे गले में बाहें डाल दीं. मैं उसे बिस्तर पर गिराते ही बोला, “देख सीमा मेरा लंड किस तरह से खड़ा हो रहा है.”
दरअसल सीमा को गोद में लेते ही मेरा लंड फिर खड़ा होने जा रहा था और मैं इसे अपनी प्यारी बहना को दिखाना चाहता था. सीमा बड़ी हैरानी से मेरे लंड के बढ़ते हुए साइज़ को देखती रही. फिर उसने मेरे लंड को बड़े प्यार से अपने हाथ में ले लिया और उसकी स्किन पीछे कर दी. मेरे लड़ का सुपाड़ा लाल होकर अंगारे की तरह गर्म था.सीमा के लिए ये एक नया अनुभव था. मैं सीमा के उपर लेट गया. उसकी कमसिन जवानी मेरे जिस्म के नीचे दबी हुई थी. मैं बड़े प्यार से अपनी बहना के बूब्स दबाने लगा और उससे पूछा “सीमा, मेरी जान, मेरी प्यारी बहन, सच सच बता मज़ा आ रहा है ना?”
सीमा मेरे होंठों को चूसते हुए बोली, “आह भय्या, ऐसा मज़ा तो जिंदगी में कभी भी नहीं आया. जी चाहता है आप और मैं दिन रात ऐसे ही नंगे होकर एक दूसरे से लिपटे रहे”.
उसने मुझको और जोर से भींच लिया.
सीमा की चूत सहलाते हुए मैंने पूछा “मेरी जान, अपनी चूत देगी मुझको? बोल क्या चुदवायेगी अपने भाई से?”
हाँ भैय्या, आज चोदो मुझे. जी भर के. मैं आज से तुम्हारी हूँ. (शर्माते हुए) आज से आप मेरे भाई भी हो और पति भी.”
“तो चल पहले अपनी चूत का रस पिला दे मेरी जान. फिर मैं बहनचोद बन कर अपनी प्यारी बहना की चूत का उदघाटन अपने इस मस्त लंड से करूँगा.”
“तो फिर देर किस बात की है? चूस लो अपनी बहना की चूत को आज भय्या”
मैं सीमा को किस करते हुए बूब्स के नीचे पेट से होता हुआ उसकी मखमली चूत तक जा पहुंचा. उसकी साफ़ चूत पर हाथ फेरते हुए मैंने पूछा, “इसकी शेव कब बनाई तुने?”
सीमा (शर्माते हुए): अभी तक बाल भी नहीं आये.
वाह! क्या बात थी. मैं अपनी बहन कि चिकनी चूत देखकर निहाल हो गया. वो एकदम छोटी सी थी. दोनों फांकें जुड़ी हुई थीं. उसकी चूत से बड़ी मीठी खुशबु आ रही थी. मैंने अपनी बहन चूत की दोनों फांकों को अलग किया और जैसे ही अपनी जीभ का किनारा टच किया, सीमा जोर से उछल पड़ी.
मैं: अरे? क्या हुआ?
सीमा: ओह भैय्या, ये क्या कर रहे हो? मुझे बहुत गुदगुदी हो रही है.
मैं (शरारत से मुस्कुराते हुए): तो ना करूँ?
सीमा: नहीं नहीं. (शर्माते हुए) प्लीज़ चाटो ना! (फिर उसने मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत के मुहं के आगे कर दिया और टांगें खोल के लेट गयी).
फिर मैंने अपनी प्यारी गुड़िया सी बहना की मस्त चूत चाटनी शुरू की. सीमा से कण्ट्रोल नहीं हो रहा था. वो बार बार अपने चूतड़ उछल कर मेरा साथ दे रही थी. उसके मुहं से तेज सिसकियाँ निकल रही थीं.
“आ आ आ हह हह हा य ओह उफ़ मेरी माँ. और चूसो तेज भैय्या बहुत मज़ा आ रहा है. आह...................वाह .......आप तो कमाल का चूसते हो भैय्या.........करते रहो.....”
फिर एक आनंद से भरी चीख से वो निढाल हो कर शांत पड़ गयी. उसकी चूत से झर झर कर काम रस निकल रहा था जिसे मैं पूरा का पूरा पी गया. मैं फिर भी लगातार उसकी चूत चाटता रहा. वो दो बार झड़ चुकी थी.
सीमा उठी और मुझे पीठ के बल लिटा कर मेरे ऊपर चढ़ गयी और मुझे ऊपर से नीचे तक चूमने लगी. उसने मेरे निप्पल चूसने शुरू किये तो मैं पागल सा हो गया. आनंद से मेरा बुरा हाल था. फिर वो मेरे ही स्टाइल से नीचे आई. पहले उसने मेरी बाल्स को मुहं में लिया और चूसने लगी. मैं सिस्कारियां भर रहा था.
“ओह मेरी प्यारी बहन, ये कहाँ से सीखा तूने? तू तो पूरा मज़ा दे रही है मेरी जान. हाय मेरी तो जान ही निकल जायेगी. आह................उह..........आ...अ..आ.....अब चूस मेरे लंड को मेरी बहन. अपने भाई का लंड अपने मुहं में ले कर मुझे निहाल कर दे. तेरे जैसी बहन पा कर मैं धन्य हो गया. आह ..........चूस मेरे लौड़ा मेरी जान.........और जोर से.........निकाल दे मेरा रस...........रुकना मत......लगी रह.....आह.....और तेज....और तेज............आह....”
सीमा तेज़ी से मेरा लंड चूस रही थी. इस बार वो एकदम परफेक्ट तरीके से चूस रही थी और एक हाथ से मेरी बाल्स से भी खेल रही थी. इस से मुझे दुगना मज़ा मिल रहा था. लगभग पन्द्रह मिनट चूसने के बाद मेरे लंड ने ढेर सारा वीर्य उगल दिया. इस बार मेरी प्यारी बहना ने एक भी बूँद बेकार नहीं जाने दी. उसने मेरा पूरा का पूरा वीर्य चाट चाट कर मेरे लंड को खाली कर दिया.
अब तक मैं तकरीबन छः सात बार झड़ चुका था और सीमा का भी यही हाल था. हम दोनों बुरी तरह से थक चुके थे पर असली चुदाई बाकी थी. मेरे लंड में थोड़ा थोड़ा दर्द होने लगा था. सीमा का बदन भी दुःख रहा था. मैंने घड़ी की और देखा, शाम के छः बजे थे. ममी के आने का वक्त भी हो चला था. इसलिए हम दोनों भाई बहनों ने कपड़े पहने और एक दूसरे को किस करके ममी के आने से पहले ही अलग अलग अपने कमरों में चले गए.
“चल मेरी बहना अब मैं भी तेरी चूत का रस पीना चाहता हूँ”.
“आज जो चाहे कर लो भैय्या. मैं आज से आपकी हूँ.”
मैंने उसे बाँहों में भर लिया और गाल पर किस करके कहा, “तो तू पहले मना क्यों कर रही थी?”
“मैं आप को परख रही थी. आप मेरी बात मान गए इसलिए मैं भी आपकी बात मान गयी. एक बात और, कोई लड़की एक बार में हाँ नहीं बोलती. अगर वो जल्दी से मान जाती है तो उसे बदचलन समझा जाता है. फिर आपकी हालत देख कर मैने सोचा कि अपना जिस्म दिखा कर अपने ही सगे भैय्या को तरसाना ठीक बात नहीं”
“ओह. अब समझा. पर तेरे दिल में पहले से मेरे लिए कुछ था?”
“नहीं भैया. कसम से कुछ नहीं था. मैं आपको एक भाई के नाते ही देखती थी. पर आज मोडेलिंग के चक्कर में ये सब हो गया”.
मैंने प्यार से उसे अपने से चिपका कर कहा, “आज से तू मेरी मॉडल है. मेरे लिए तू कपड़े उतारेगी, नंगी होएगी और किसी के सामने नहीं. समझ गयी?”
सीमा: हाँ भैय्या समझ गयी. अब मुझे मोडेलिंग से कोई लेना देना नहीं है.
मैं: चल अब जाकर बिस्तर पर लेट जा.
सीमा (मचल कर): खुद ही उठा कर ले चलो ना.
मैंने अपनी फूल सी कोमल बहन को उठा लिया उसने झट से मेरे गले में बाहें डाल दीं. मैं उसे बिस्तर पर गिराते ही बोला, “देख सीमा मेरा लंड किस तरह से खड़ा हो रहा है.”
दरअसल सीमा को गोद में लेते ही मेरा लंड फिर खड़ा होने जा रहा था और मैं इसे अपनी प्यारी बहना को दिखाना चाहता था. सीमा बड़ी हैरानी से मेरे लंड के बढ़ते हुए साइज़ को देखती रही. फिर उसने मेरे लंड को बड़े प्यार से अपने हाथ में ले लिया और उसकी स्किन पीछे कर दी. मेरे लड़ का सुपाड़ा लाल होकर अंगारे की तरह गर्म था.सीमा के लिए ये एक नया अनुभव था. मैं सीमा के उपर लेट गया. उसकी कमसिन जवानी मेरे जिस्म के नीचे दबी हुई थी. मैं बड़े प्यार से अपनी बहना के बूब्स दबाने लगा और उससे पूछा “सीमा, मेरी जान, मेरी प्यारी बहन, सच सच बता मज़ा आ रहा है ना?”
सीमा मेरे होंठों को चूसते हुए बोली, “आह भय्या, ऐसा मज़ा तो जिंदगी में कभी भी नहीं आया. जी चाहता है आप और मैं दिन रात ऐसे ही नंगे होकर एक दूसरे से लिपटे रहे”.
उसने मुझको और जोर से भींच लिया.
सीमा की चूत सहलाते हुए मैंने पूछा “मेरी जान, अपनी चूत देगी मुझको? बोल क्या चुदवायेगी अपने भाई से?”
हाँ भैय्या, आज चोदो मुझे. जी भर के. मैं आज से तुम्हारी हूँ. (शर्माते हुए) आज से आप मेरे भाई भी हो और पति भी.”
“तो चल पहले अपनी चूत का रस पिला दे मेरी जान. फिर मैं बहनचोद बन कर अपनी प्यारी बहना की चूत का उदघाटन अपने इस मस्त लंड से करूँगा.”
“तो फिर देर किस बात की है? चूस लो अपनी बहना की चूत को आज भय्या”
मैं सीमा को किस करते हुए बूब्स के नीचे पेट से होता हुआ उसकी मखमली चूत तक जा पहुंचा. उसकी साफ़ चूत पर हाथ फेरते हुए मैंने पूछा, “इसकी शेव कब बनाई तुने?”
सीमा (शर्माते हुए): अभी तक बाल भी नहीं आये.
वाह! क्या बात थी. मैं अपनी बहन कि चिकनी चूत देखकर निहाल हो गया. वो एकदम छोटी सी थी. दोनों फांकें जुड़ी हुई थीं. उसकी चूत से बड़ी मीठी खुशबु आ रही थी. मैंने अपनी बहन चूत की दोनों फांकों को अलग किया और जैसे ही अपनी जीभ का किनारा टच किया, सीमा जोर से उछल पड़ी.
मैं: अरे? क्या हुआ?
सीमा: ओह भैय्या, ये क्या कर रहे हो? मुझे बहुत गुदगुदी हो रही है.
मैं (शरारत से मुस्कुराते हुए): तो ना करूँ?
सीमा: नहीं नहीं. (शर्माते हुए) प्लीज़ चाटो ना! (फिर उसने मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत के मुहं के आगे कर दिया और टांगें खोल के लेट गयी).
फिर मैंने अपनी प्यारी गुड़िया सी बहना की मस्त चूत चाटनी शुरू की. सीमा से कण्ट्रोल नहीं हो रहा था. वो बार बार अपने चूतड़ उछल कर मेरा साथ दे रही थी. उसके मुहं से तेज सिसकियाँ निकल रही थीं.
“आ आ आ हह हह हा य ओह उफ़ मेरी माँ. और चूसो तेज भैय्या बहुत मज़ा आ रहा है. आह...................वाह .......आप तो कमाल का चूसते हो भैय्या.........करते रहो.....”
फिर एक आनंद से भरी चीख से वो निढाल हो कर शांत पड़ गयी. उसकी चूत से झर झर कर काम रस निकल रहा था जिसे मैं पूरा का पूरा पी गया. मैं फिर भी लगातार उसकी चूत चाटता रहा. वो दो बार झड़ चुकी थी.
सीमा उठी और मुझे पीठ के बल लिटा कर मेरे ऊपर चढ़ गयी और मुझे ऊपर से नीचे तक चूमने लगी. उसने मेरे निप्पल चूसने शुरू किये तो मैं पागल सा हो गया. आनंद से मेरा बुरा हाल था. फिर वो मेरे ही स्टाइल से नीचे आई. पहले उसने मेरी बाल्स को मुहं में लिया और चूसने लगी. मैं सिस्कारियां भर रहा था.
“ओह मेरी प्यारी बहन, ये कहाँ से सीखा तूने? तू तो पूरा मज़ा दे रही है मेरी जान. हाय मेरी तो जान ही निकल जायेगी. आह................उह..........आ...अ..आ.....अब चूस मेरे लंड को मेरी बहन. अपने भाई का लंड अपने मुहं में ले कर मुझे निहाल कर दे. तेरे जैसी बहन पा कर मैं धन्य हो गया. आह ..........चूस मेरे लौड़ा मेरी जान.........और जोर से.........निकाल दे मेरा रस...........रुकना मत......लगी रह.....आह.....और तेज....और तेज............आह....”
सीमा तेज़ी से मेरा लंड चूस रही थी. इस बार वो एकदम परफेक्ट तरीके से चूस रही थी और एक हाथ से मेरी बाल्स से भी खेल रही थी. इस से मुझे दुगना मज़ा मिल रहा था. लगभग पन्द्रह मिनट चूसने के बाद मेरे लंड ने ढेर सारा वीर्य उगल दिया. इस बार मेरी प्यारी बहना ने एक भी बूँद बेकार नहीं जाने दी. उसने मेरा पूरा का पूरा वीर्य चाट चाट कर मेरे लंड को खाली कर दिया.
अब तक मैं तकरीबन छः सात बार झड़ चुका था और सीमा का भी यही हाल था. हम दोनों बुरी तरह से थक चुके थे पर असली चुदाई बाकी थी. मेरे लंड में थोड़ा थोड़ा दर्द होने लगा था. सीमा का बदन भी दुःख रहा था. मैंने घड़ी की और देखा, शाम के छः बजे थे. ममी के आने का वक्त भी हो चला था. इसलिए हम दोनों भाई बहनों ने कपड़े पहने और एक दूसरे को किस करके ममी के आने से पहले ही अलग अलग अपने कमरों में चले गए.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.