21-02-2019, 10:18 PM
और यह सब सीमा मुस्कुराते हुए करती रही. दरअसल उसको भी मज़ा आ रहा था और मुझे भी. मैं उसके हर पोज़ पर वारी वारी जाता और पजामे मैं हाथ डालकर उसके सामने मुठ मारता रहा. उसने कोई एतराज़ नहीं किया.
मेरा लंड इस दो घंटे के खेल में दो बार झड़ चुका था. मेरे वीर्य से पूरा पजामा गीला हो चुका था पर लंड था कि बैठने का नाम ही नहीं ले रहा था. सीमा ये देख कर मुस्कुराये जा रही थी. मैंने कहा “सीमा १० मिनट का ब्रेक है. पर कपड़े मत पहनना. मेरे लिए चाय बना दो. मैं शोवर ले कर आता हूँ.”
सीमा: ओके भैय्या.
मैं तुरंत बाथरूम में गया और पजामा निकाल दिया. एक शोवर ले कर मैंने सिर्फ फ्रेंची पहन ली. फिर मैं सीधा किचन में गया. वहाँ मेरी प्यारी सेक्सी बहना मेरे लिए चाय बना रही थी और साथ में एपल जूस पी रही थी. उसकी पैंटी साइड से ऊपर हो गयी थी जिससे उसके गोरे छोटे और गोल गोल चूतड़ और भी एक्स्पोज़ हो रहे थे. मुझसे रहा नहीं गया. मैंने पीछे से अपनी प्यारी बहना को पकड़ लिया और उसके दोनों हाथों से उसका पेट सहलाने लगा. उस वक्त मेरा लंड उसकी गांड में घुसा जा रहा था.
सीमा: आह भैय्या, क्या करते हो? आप बैठो, मैं चाय लाती हूँ.
मैं: यार कण्ट्रोल नहीं होता.
सीमा (हंसकर): अरे भैय्या आपको कण्ट्रोल तो करना ही पड़ेगा. मैं तो आपकी सगी बहन हूँ. आपके सामने बेफिक्र होकर ब्रा और पैंटी में हूँ. किसी और के आगे मैं इस तरह से नहीं आ सकती क्योंकि वो तो मुझे चोद ही डालेगा.
मैं: तू है ही ऐसी. जो भी तेरी चूत लेगा, नसीबवाला होगा.
सीमा: और जो लड़की आपका लंड लेगी वो भी किस्मत वाली होगी.
हम दोनों खुलते जा रहे थे. चूत लंड की भाषा बोल रहे थे. मैंने सीमा के बूब्स दबाते हुए कहा “तो तू ही किस्मत वाली बन जा और ले ले मेरा लंड अपनी चूत में.” ऐसा कह कर मैंने उसे अपनी और घुमाया और उसके लिप्स पर किस करने लगा. मेरा एक हाथ उसके बूब्स दबा रहा हा और दूसरा पैंटी के ऊपर से उसकी चूत सहलाने लगा. वो पहले से ही गरम थी इसलिए मेरे टच करते ही झड़ गयी. मैंने देखा कि उसकी पैंटी गीली हो चुकी है. उसने तुरंत मुझे अलग किया और हाँफते हुए थोड़ा गुस्से से बोली, “नहीं भैया ये ठीक नहीं है. आप अभी वहाँ ड्राइंग रूम मैं बैठो, मैं चाय लेके आती हूँ.”
मैंने लंबी सांस लेते हुए उसे बुझे मन से छोड़ दिया. जब वो चाय लेके आई, तो मैं ड्राइंग रूम में टी वी देख रहा था. जब उसने चाय दी तो मैंने उसे बिना देखे चाय ले ली और चुप चाप चाय पीने लगा. ऐसा देख कर वो मेरी गोद में आ गई और मेरे बालों में उंगलियां फेरने लगी.
सीमा: नाराज़ हो?
मैं: नहीं तो
सीमा: तो फिर इतने चुप क्यों हो?
मैं: कुछ भी तो नहीं.
मैंने चाय खत्म कि और टी वी की और मुहं कर के बैठ गया.
सीमा: चलो ना भैय्या ट्रेनिंग शुरू करते हैं.
मैंने उखड़े मन से जवाब दिया “आज नहीं, फिर कभी” मेरा लंड भी इस नाराज़गी के चलते सुस्त हो कर बैठ गया था. बेचारे को दो ढाई घंटे के बाद आराम मिला था.
सीमा (मेरे गले में बाहें डालते हुए): क्या यार, तुमने इतना मज़ा लूट लिया. क्या इतना काफी नहीं? तुम तो सीधा मेरे साथ सेक्स की सोच रहे हो जो कि बहन और भाई में नामुमकिन है. जरा समझा करो मेरे प्यारे भाई.
सीमा की बात सही थी. अब तक मैंने सिर्फ पिक्चर देख कर या ब्लू फिल्म देख कर ही मुठ मारी थी. किसी लड़की को ब्रा और पैंटी में नहीं देखा था. आज मेरी कई हसरतें पूरी हुई थीं और वो भी मेरी प्यारी बहन के कारण. मझे इतने पर सब्र कर लेना चाहिए और सगी बहन को चोदना पाप है. मैं सब सोचता रहा, पर जैसे ही मेरी नज़र अपनी बहन पर पड़ी – उसका मस्त यौवन, छोटी संतरे जैसी चुचियाँ, मस्त गांड, लहराते हुए लंबे बाल, गदराया हुआ गोरा संगमरमर जैसा चिकना बदन - मेरा लंड विद्रोह करने लगा. एक मन कहने लगा – तेरी बहन पर जवानी आ गयी है, इसे भोग ले वर्ना कोई और इसे चोद देगा. मना हर लड़की करती है, फिर तुम तो उसके सगे भाई हो. क्या सोचते हो चूत खोल कर इनवाइट कर के कहेगी कि आओ मेरे राजा भैया, मेरे सैंया बन जाओ और अपनी बहन कि चूत फाड़ डालो, मैं तुम्हारे लंड की दीवानी हूँ?. मन कहने लगा उठो इस गोद में लेटी भरपूर जवानी का मज़ा लो. अपनी बहना की चूत चाटो, बूब्स चूसो, लाल लाल होंठों पर लिप्स किस करो. जी भर कर चुदाई करो. ऐसा मौका बार बार नहीं आता.
मेरा लंड फिर उठने की तय्यारी में था. सीमा को मेरा लंड उसकी गांड में चुभता हुआ सा महसूस हुआ. सीमा ने मेरी तरफ प्रश्नवाचक दृष्टि से देखा. जैसे मिन्नत कर रही हो प्लीज़ मान जाओ, ऐसा मत करो. मुझे भी थोड़ी आत्मग्लानी हुई और अंत में मेरा दिमाग जीत गया और मेरा लंड हार गया. वो फिर नाराज़ होकर सिकुड कर बैठ गया. मैंने सीमा से कहा “सॉरी यार, मैं बहक गया था. जवानी के नशे में भूल गया कि तू मेरी सगी बहन है. मुझे माफ कर दे”
सीमा (खुश होकर): इट्स ओके भैया. आज मेरी नज़र में आपकी इज्जत और बढ़ गयी है. क्योंकि इतना होने के बाद किसी का कण्ट्रोल नहीं हो पता.
मैं (हँसते हुए): तुझे कैसे पता?
सीमा: मेरी सीनियर सहेलियों ने बताया है जो चुदाई के मज़े ले चुकी हैं.
मैं: अच्छा बस कर. अब से ऐसी भाषा मेरे साथ यूज़ मत करना और ऐसे मेरे सामने मत आना. हर बार मुझ से कंट्रोल करना मुश्किल होगा. समझ गयी मेरी प्यारी बहना?
(मैंने उसके प्यार से गाल पर चपत लगते हुए कहा).
सीमा: भैय्या आपने इतनी अच्छी ट्रेनिंग दी है और आपने मुझ से कोई जबरदस्ती भी नहीं की. इसलिए मैं आपको इनाम देना चाहती हूँ.
मैं: क्या?”
सीमा: ये आपको दस मिनट बाद पता लगेगा. मैं थोड़ी देर नहा कर आती हूँ.
मेरा लंड इस दो घंटे के खेल में दो बार झड़ चुका था. मेरे वीर्य से पूरा पजामा गीला हो चुका था पर लंड था कि बैठने का नाम ही नहीं ले रहा था. सीमा ये देख कर मुस्कुराये जा रही थी. मैंने कहा “सीमा १० मिनट का ब्रेक है. पर कपड़े मत पहनना. मेरे लिए चाय बना दो. मैं शोवर ले कर आता हूँ.”
सीमा: ओके भैय्या.
मैं तुरंत बाथरूम में गया और पजामा निकाल दिया. एक शोवर ले कर मैंने सिर्फ फ्रेंची पहन ली. फिर मैं सीधा किचन में गया. वहाँ मेरी प्यारी सेक्सी बहना मेरे लिए चाय बना रही थी और साथ में एपल जूस पी रही थी. उसकी पैंटी साइड से ऊपर हो गयी थी जिससे उसके गोरे छोटे और गोल गोल चूतड़ और भी एक्स्पोज़ हो रहे थे. मुझसे रहा नहीं गया. मैंने पीछे से अपनी प्यारी बहना को पकड़ लिया और उसके दोनों हाथों से उसका पेट सहलाने लगा. उस वक्त मेरा लंड उसकी गांड में घुसा जा रहा था.
सीमा: आह भैय्या, क्या करते हो? आप बैठो, मैं चाय लाती हूँ.
मैं: यार कण्ट्रोल नहीं होता.
सीमा (हंसकर): अरे भैय्या आपको कण्ट्रोल तो करना ही पड़ेगा. मैं तो आपकी सगी बहन हूँ. आपके सामने बेफिक्र होकर ब्रा और पैंटी में हूँ. किसी और के आगे मैं इस तरह से नहीं आ सकती क्योंकि वो तो मुझे चोद ही डालेगा.
मैं: तू है ही ऐसी. जो भी तेरी चूत लेगा, नसीबवाला होगा.
सीमा: और जो लड़की आपका लंड लेगी वो भी किस्मत वाली होगी.
हम दोनों खुलते जा रहे थे. चूत लंड की भाषा बोल रहे थे. मैंने सीमा के बूब्स दबाते हुए कहा “तो तू ही किस्मत वाली बन जा और ले ले मेरा लंड अपनी चूत में.” ऐसा कह कर मैंने उसे अपनी और घुमाया और उसके लिप्स पर किस करने लगा. मेरा एक हाथ उसके बूब्स दबा रहा हा और दूसरा पैंटी के ऊपर से उसकी चूत सहलाने लगा. वो पहले से ही गरम थी इसलिए मेरे टच करते ही झड़ गयी. मैंने देखा कि उसकी पैंटी गीली हो चुकी है. उसने तुरंत मुझे अलग किया और हाँफते हुए थोड़ा गुस्से से बोली, “नहीं भैया ये ठीक नहीं है. आप अभी वहाँ ड्राइंग रूम मैं बैठो, मैं चाय लेके आती हूँ.”
मैंने लंबी सांस लेते हुए उसे बुझे मन से छोड़ दिया. जब वो चाय लेके आई, तो मैं ड्राइंग रूम में टी वी देख रहा था. जब उसने चाय दी तो मैंने उसे बिना देखे चाय ले ली और चुप चाप चाय पीने लगा. ऐसा देख कर वो मेरी गोद में आ गई और मेरे बालों में उंगलियां फेरने लगी.
सीमा: नाराज़ हो?
मैं: नहीं तो
सीमा: तो फिर इतने चुप क्यों हो?
मैं: कुछ भी तो नहीं.
मैंने चाय खत्म कि और टी वी की और मुहं कर के बैठ गया.
सीमा: चलो ना भैय्या ट्रेनिंग शुरू करते हैं.
मैंने उखड़े मन से जवाब दिया “आज नहीं, फिर कभी” मेरा लंड भी इस नाराज़गी के चलते सुस्त हो कर बैठ गया था. बेचारे को दो ढाई घंटे के बाद आराम मिला था.
सीमा (मेरे गले में बाहें डालते हुए): क्या यार, तुमने इतना मज़ा लूट लिया. क्या इतना काफी नहीं? तुम तो सीधा मेरे साथ सेक्स की सोच रहे हो जो कि बहन और भाई में नामुमकिन है. जरा समझा करो मेरे प्यारे भाई.
सीमा की बात सही थी. अब तक मैंने सिर्फ पिक्चर देख कर या ब्लू फिल्म देख कर ही मुठ मारी थी. किसी लड़की को ब्रा और पैंटी में नहीं देखा था. आज मेरी कई हसरतें पूरी हुई थीं और वो भी मेरी प्यारी बहन के कारण. मझे इतने पर सब्र कर लेना चाहिए और सगी बहन को चोदना पाप है. मैं सब सोचता रहा, पर जैसे ही मेरी नज़र अपनी बहन पर पड़ी – उसका मस्त यौवन, छोटी संतरे जैसी चुचियाँ, मस्त गांड, लहराते हुए लंबे बाल, गदराया हुआ गोरा संगमरमर जैसा चिकना बदन - मेरा लंड विद्रोह करने लगा. एक मन कहने लगा – तेरी बहन पर जवानी आ गयी है, इसे भोग ले वर्ना कोई और इसे चोद देगा. मना हर लड़की करती है, फिर तुम तो उसके सगे भाई हो. क्या सोचते हो चूत खोल कर इनवाइट कर के कहेगी कि आओ मेरे राजा भैया, मेरे सैंया बन जाओ और अपनी बहन कि चूत फाड़ डालो, मैं तुम्हारे लंड की दीवानी हूँ?. मन कहने लगा उठो इस गोद में लेटी भरपूर जवानी का मज़ा लो. अपनी बहना की चूत चाटो, बूब्स चूसो, लाल लाल होंठों पर लिप्स किस करो. जी भर कर चुदाई करो. ऐसा मौका बार बार नहीं आता.
मेरा लंड फिर उठने की तय्यारी में था. सीमा को मेरा लंड उसकी गांड में चुभता हुआ सा महसूस हुआ. सीमा ने मेरी तरफ प्रश्नवाचक दृष्टि से देखा. जैसे मिन्नत कर रही हो प्लीज़ मान जाओ, ऐसा मत करो. मुझे भी थोड़ी आत्मग्लानी हुई और अंत में मेरा दिमाग जीत गया और मेरा लंड हार गया. वो फिर नाराज़ होकर सिकुड कर बैठ गया. मैंने सीमा से कहा “सॉरी यार, मैं बहक गया था. जवानी के नशे में भूल गया कि तू मेरी सगी बहन है. मुझे माफ कर दे”
सीमा (खुश होकर): इट्स ओके भैया. आज मेरी नज़र में आपकी इज्जत और बढ़ गयी है. क्योंकि इतना होने के बाद किसी का कण्ट्रोल नहीं हो पता.
मैं (हँसते हुए): तुझे कैसे पता?
सीमा: मेरी सीनियर सहेलियों ने बताया है जो चुदाई के मज़े ले चुकी हैं.
मैं: अच्छा बस कर. अब से ऐसी भाषा मेरे साथ यूज़ मत करना और ऐसे मेरे सामने मत आना. हर बार मुझ से कंट्रोल करना मुश्किल होगा. समझ गयी मेरी प्यारी बहना?
(मैंने उसके प्यार से गाल पर चपत लगते हुए कहा).
सीमा: भैय्या आपने इतनी अच्छी ट्रेनिंग दी है और आपने मुझ से कोई जबरदस्ती भी नहीं की. इसलिए मैं आपको इनाम देना चाहती हूँ.
मैं: क्या?”
सीमा: ये आपको दस मिनट बाद पता लगेगा. मैं थोड़ी देर नहा कर आती हूँ.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.