21-02-2019, 10:01 PM
(This post was last modified: 22-08-2022, 02:23 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
"नेहा दीदी.... आप कितनी अच्छी है.... हाय....मुझे कितना मजा आ रहा है...." मुन्ना मस्ती में लन्ड पेल रहा था। मेरी चूत में अब दर्द तो नहीं हो रहा था.... पर मेरी चूत में आग भड़कती ही जा रही थी....
"भैय्या .... अब छोड दो ना प्लीज़.... आगे भी तो आग लगी है मुन्ना...." मैने मुन्ना से विनती की।
"भैय्या .... अब छोड दो ना प्लीज़.... आगे भी तो आग लगी है मुन्ना...." मैने मुन्ना से विनती की।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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