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लेडीज - गर्ल्स टॉक [ गर्ल्स व् लेडीज की आपसी बातचीत , किसी भी विषय पर जैसे ड्रेसिंग,
"तलब" कि बात है तो सब स्टेज कि अपनी अलग तलब होती है कुछ कि - जानने कि - और कुछ कि करवाने कि ......

तो , अब वापस अपनी कहनी मैं चलते हैं.....

अपने रूम का दरवाजा बंद किया और सबसे पहेले कुर्ती उतारी अहा क्या आराम आया था, जोबन कि कसावट को, फिर देर न करते हुए अपने जोबन को भी आज़ाद कर दिया ब्रा कि कैद से ........ अलमारी मैं लगे शीशे मैं खुद को नंगा देख कर शरम भी आई और अच्छा भी लगा फिर अपने दोनों हाथो से अपने जोबन को दबाया एक करंट गया नीचे दोनों टांगो के बीच मैं और रस टपका गया फिर से, 

अब कोई डर नहीं था रूम मैं अकेली थी और बिना कपड़ो के मेरी उँगलियाँ अपने आप नीचे चली गयी और डूब गयी चाशनी मैं कुछ देर "नीचे वाली" के साथ खेल लेने के बाद एक बार फिर चाशनी चाटने कि तलब लग गयी, कोई तो था नहीं रोकने वाला सो "चाट" गयी उसकी खुशबू और एकदम नया स्वाद एकदम बोरा दिया दिमाग को. आँख बंद किये हुए और एकदम नंगी शीशे के सामने खड़ी थी कोई पांच मिनिट तक जब रस का स्वाद कम हुआ तो होंश आया और ध्यान आया कि मैं बिना कपड़ो के हूँ, जो कि कभी रही नहीं इतनी देर ..... क्या हो रहा है मुझे ...... अब क्या पहेनु ....

 ह्म्म्म 
एक ढीली सी टी शर्ट निकल ली और स्कर्ट जो घुटने तक आती थी जल्दी से पेहेंन ली इस बार बिना ब्रा के और बिना पेंटी के ... यह  भी जब याद आया जब मैं मोबाइल ले कर बेड पर बैठ गयी और मूवी चला दी थी .... एक स्माइल आ गयी और अपने 

आप से बोली "निहारिका  - आज तेरी ब्रा और पेंटी कहाँ हैं, तू तो गयी ...... हो गया है कुछ तुजे "

हो तो गया था कुछ मुझे ... पर क्या ? कौन बताता ? सोचा कि अब मूवी देखि जाए .......बैठ गयी अपने दोनों घुटने मोड़ के और अपनी पीठ टिका के पीछे तकिया लगा के ........ सबसे पहेले मोबाइल कि आवाज कम करी और मूवी "ओंन" फिर तो फॉरवर्ड कर के वहां जा पहुची जहाँ से छोड़ कर आई थी सुमन भाभी के यहाँ ....

सुमन भाभी "वो क्या कर रही होंगी अब ..... वो भी तो गीली थी मेरी जैसी ?" क्या पता .... मैं तो देखू मूवी ......

वो ही सीन ..... जहाँ वो लड़की दूसरी वाली कि चाशनी चाट रही थी , दोनों कि आँख बंद वो लड़की अपनी टांगे खोल कर अपनी 

"नीचे वाली" को फैला कर ऊँगली डलवा रही थी मैंने मोवी रोक कर देखा उफ़. इतनी बड़ी होती हैं, या हो जाती है आदमी के "उससे" मेरी तो इस मुकाबले मैं छोटी है, पता नही कैसे मेरी ऊँगली नीचे थक पहुँच गयी और "चिकनी लकीर " पर चलने लगी 
और उसे नापने लगी, फिर चाशनी लपेट कर सीधा मेरे मुह मैं ...... इस बार यह अपने आप हो गया था ..... फिर वो लड़की 

झुकी और अपना मुह लगा दिया उस लड़की के "चाशनी कि दुकान" मैं. अब हुई मेरी धड़कन तेज़ और मेरे निप्पल कड़क होने 

लगे और कुर्ती से रगड़ लगने लगी - साली रगड़ जोबन पर लगती और चिंगारी "नीचे वाली" में से निकलती और जब हाथ लगाओ तो चाशनी के दो तार  उन्ग्लिओं पर .... मुश्किल हो रही थी मुवी देखना .

फिर मैंने सोच लिया "अब नहीं" "नीचे हाथ नहीं" , एक स्माइल के साथ, अब मूवी मैं दोनों लड़कियां नंगी थी, एक दुसरे से चिपकी हुई , लिप किस करती हुई , जोबन दबाती , हलके से काटी - कटी करती , उफ़, जैसे वो काटी काटी करती वैसे ही मुझे 

कुछ होता ........ अपना हाथ बड़ी मुश्किल से रोके रखे था "नीचे" जाने से .

फिर एक लड़की लेट गयी और दूसरी वाली ने अपनी ऊँगली को उसकी "नीचे वाली" मैं अन्दर - बाहर करना शुरू किया और साथ मैं चाट भी रही थी , अब यह अन्दर - बाहर तो कल वाली मोवी से समझ आ रहा था उस मैं "वो" जा रहा था यहाँ पर ऊँगली 

.... चलो जो भी हो आछा लग रहा था, फर्स्ट टाइम लड़की के साथ कुछ होता हुआ देख रही थी और कर भी एक लड़की रही थी. 
अब याद आया कि "निहारिका तू एटम बम है" सहेली कि बात , फिर कभी सोचेंगी कि क्यों कहा था, ह्म्म्म, अंदाजा तो हो ही गया था अब तक.

फिर उसने एक बैग उठाया और उसमे से एक प्लास्टिक के "वो" निकला , उफ़ , मुझे लगा कि यह असली का है, था ही इतना आछे से डिजाईन कि कोई भी धोका खा जाए , और मैं तो पहेली बार देख रही थी, अब क्या करेगी इसका ....

और उसने "वो" प्लास्टिक वाला अपने मुह मैं डाला और उसे चिकना किया फिर उस लड़की कि नीचे वाली मैं डाल दिया मैं देख कर दंग रह गयी यह क्या किया, काफी बड़ा था और सारा डाल दिया अन्दर, अब मेरे हाथ ने कर दी बगावत .... पहुंच गया नीचे 

वाली पर और रगड़ दिया उसे, अह ....... माँ ......... मेरे मुह से निकल गया ......

और मोबाइल मेरे हाथ से नीचे गिर गया , एक हाथ मेरे जोबन को दबा रहा था और एक मेरी "नीचे वाली" पर  मस्ती कर रहा था, आंख बंद और मेरे होंठ सुख रहे थे ... न जाने क्यों बदन गर्म हो रहा था ...... जैसे बुखार मैं होता है..... फिर मेरे हाथो कि 

रगड़ तेज़ हो गयी मेरी नीचे वाली पर .... न जाने क्यों आछा लग रहा था ऐसा करना और साथ मैं जोबन दबाना , फिर ध्यान आया कि मूवी ...... मोबाइल उठाया ... तोवो लड़की तड़प रही थी जिसके अन्दर "वो" डाला हुआ था , आवाज निकल रही थी, 

जोबन दबा रखे थे उसने दोनों हाथो से ...... एक होंठ नीचे वाला दबा हुआ था, कुछ देर मैं सब शांत ..... नीचे पड़ी लड़की स्माइल दे रही थी जैसे कुछ मिल गया हो ..... कुछ सुकून सा उसकी आँख नशीली हो गयी थी, और दूसरी "वो" जो एकदम 

चिकना था शायद चाशनी मैं चाट रही थी और उसे भी चटा रही थी...... फिर अपनी ऊँगली दाल दी अन्दर उसकी नीचे वाली मैं .... और चाट गयी ..... इधर मैं भी यही कर रही थी ...... अपनी चाशनी कि दुकान से ..... चंशनी चाट रही थी.....

और मूवी ख़तम हो गयी ......... एक नशा सा था मेरी आँखों मैं ....... बदन गरम था ....... नींद आ रही थी .............. 

इंतज़ार मैं। ........

आपकी निहारिका 


सहेलिओं , पाठिकाओं, पनिहारिनों,  आओ कुछ अपनी दिल की बातें करें -
लेडीज - गर्ल्स टॉक - निहारिका 
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RE: लेडीज - गर्ल्स टॉक [ गर्ल्स व् लेडीज की आपसी बातचीत , किसी भी विषय पर जैसे ड्रेसिंग, - by Niharikasaree - 19-05-2020, 10:06 PM



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