18-05-2020, 11:59 PM
मैं - माँ , वो मेरा मोबाइल रह गया था बाथरूम मैं ....... बस वो ही लेने जा रही थी ....
माँ - हमम , बिना कुछ पहेने ...... पागल लड़की अब तू बड़ी हो गयी है ....... देख अपने जोबन , काया - शरीर सोच कर काम किया कर ...
मैं - मन मैं -- उफ़, सारी सोच तो बह गयी आज तो माँ ...............
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प्रिय सहेलिओं ,
निहारिका का प्यार भरा नमस्कार ,
अब आगे ,
उफ़, सारी सोच तो बह गयी आज तो माँ ...... मन मैं यही सोचा और मन ही मन हंस दी .......
मेरा सारा ध्यान तो नीचे वाली के गीलेपन मैं था माँ क्या कह कर गयी सुना ही नहीं कुछ बस अब तो मूवी देखने कि तलब थी, आज पता चला कि "तलब" क्या होती हैं, क्यों सारी लड्कियें ऊपर से कुछ नहीं बोलती पर जब आपस मैं मिलती हैं तो लडको के नाम जोड़ कर सताने का पहेला काम होता है और जो "डिप्लोमा धारी" और "डिग्री धारी' होती हैं उनसे सारी डिटेल मैं बाते उगलवाना और मजे लेना ....... अब वो लड़कियां जिनका " न्यू एडमिशन " था उनकी सब जानने कि तलब उफ़ देखते ही बनती थी ....
हमम.
यहाँ मैं कुछ बता ही दू नहीं तो सब अपने - अपने मतलब निकाल लेंगे ....
"न्यू एडमिशन " - मतलब वो लड़कियां जो अभी - अभी जवानी के उस दौर मैं आई हैं जब खुजली शुरू हो ती है, पर पता कुछ नहीं होता , आधी - अधूरी जानकारी के साथ भटकती हैं. [ जैसे मैं थी - इस समय कहानी मैं ]
"डिप्लोमा धारी" - मतलब वो लड़कियां जो थ्योरी सिख चुकी हैं और ऊपर - ही ऊपर करवा चुकी हैं, जैसे किस, जोबन दबवाना, खरबूजे मिस्वाना , खरबूजे कि दरार मैं ऊँगली डलवाना, और कुछ जो "वो' चूस भी चुकी हैं.
"डिग्री धारी'- मतलब वो लड़कियां जो सब करवा चुकी हैं, न जाने कितनी बार और कितनो से [ मेरी सहेली थी यहाँ इस दौर मैं]
डिग्री धरी लड़कियां कुछ "कन्या रस" कि भी शौकीन थी उनका एक अलग वातावरण था, एकदम चिपक कर बैठना, धीरे - धीरे बोलना, मुह से कम और आँखों से बोलना, दुपट्टे कि ओट मैं जोबन दबाना , और हंस देना, फिर साथ मैं बाथरूम जाना ..... बिलकुल अलग.
इंतज़ार मैं। ........
आपकी निहारिका
सहेलिओं , पाठिकाओं, पनिहारिनों, आओ कुछ अपनी दिल की बातें करें -
लेडीज - गर्ल्स टॉक - निहारिका