21-02-2019, 07:26 PM
अजय
![[Image: sixteen-male4.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/22/sixteen-male4.jpg)
अजय जित्ता भी सीधा लगे ,उसके हाथ और होंठ दोनों ही जबरदस्त बदमाश थे ,ये मुझे आज ही पता लगा।
शुरू में तो अच्छे बच्चो की तरह उसने हलके हलके होंठों को ,गालो को चूमा लेकिन अँधेरा देख और अकेली लड़की पा के वो अपने असली रंग में उतर आये।
मेरे दोनों रस से भरे गुलाबी होंठों को उसने हलके से अपने होंठों के बीच दबाया ,कुछ देर तक वो बेशरम उन्हें चूसता रहा, चूसता रहा जैसे सारा रस अभी पी लेगा ,और फिर पूरी ताकत से कचकचा के ,इतने जोर से काटा की आँखों में दर्द से आंसू छलक पड़े , फिर होंठों से ही उस जगह दो चार मिनट सहलाया और फिर पहले से भी दुगुने जोर से और खूब देर तक… पक्का दांत के निशान पड़ गए होंगे।
मेरी सहेलियां , चंदा , पूरबी ,गीता ,कजरी तो चिढ़ाएंगी ही ,चम्पा भाभी और बसंती भी …
लेकिन मैं न तो मना कर सकती थी न चीख सकती थी ,मेरे दोनों होंठ तो उस दुष्ट के होंठों ने ऐसे दबोच रखे थे जैसे कोई बाज किसी गौरेया को दबोचे।
![[Image: sixteen-lips6.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/22/sixteen-lips6.jpg)
बड़ी मुश्किल से होंठ छूटे तो गाल ,
और वैसे भी मेरे भरे भरे डिम्पल वाले गालों को वो हरदम ऐसे ललचा ललचा के देखता था जैसे कोई नदीदा बच्चा हवा मिठाई देख रहा हो।
गाल पर भी उसने पहले तो थोड़ी देर अपने लालची होंठ रगड़े ,और फिर कचकचा के , पहले थोड़ी देर चूस के दो दांत जोर से लगा देता ,मैं छटपटाती ,चीखती अपने चूतड़ पटकती ,फिर वो वहीँ थोड़ी देर तक होंठों से सहलाने के बाद दुगुनी ताकत से , .... दोनों गालों पर।
मुझे मालूम था उसके दाँतो के निशान मेरे गुलाब की पंखुड़ियों से गालों पर अच्छे खासे पड़ जाएंगे ,
पर आज मैंने तय कर लिया था।
मेरा अजय ,
उसकी जो मर्जी हो ,उसे जो अच्छा लगे ,… करे।
मैं कौन होती हूँ बोलने वाली , उसे रोंकने टोकने वाली।
और शह मिलने पर जैसे बच्चे शैतान हो जाते हैं वैसे ही उसके होंठ और हाथ ,
उसके होंठ जो हरकत मेरे होंठों और गालों के साथ कर रह रहे थे ,वही हरकत अजय के हाथ मेंरे मस्त उभरते कड़े कड़े टेनिस बाल साइज के जोबन के साथ कर रहे थे।
आज तक मेरे जोबन ,चाहे शहर के हो या या गांव के लड़के ,उन्हें तंग करते ,ललचाते ,उनके पैंट में तम्बू बनाते फिरते थे ,
आज उन्हें कोई मिला था , टक्कर देने वाला।
और वो सूद ब्याज के साथ ,उनकी रगड़ाई कर रहा था ,
पर मेरे जोबन चाहते भी तो यही थे।
कोई उन्हें कस के मसले ,कुचले ,रगड़े ,मीजे दबाये,
और फिर जोबन का तो गुण यही है , बगावत की तरह उन्हें जितना दबाओ उतना बढ़ते हैं ,और सिर्फ मेरे जुबना को मैं क्यों दोष दूँ ,
सभी तो यही चाहते थे न की मैं खुल के मिजवाऊं ,दबवाऊं ,मसलवाऊं।
चंपा भाभी ,मेरी भाभी ,
यहाँ तक की भाभी की माँ भी
![[Image: Guddi-wet2211.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/22/Guddi-wet2211.md.jpg)
और फिर जब दबाने मसलने वाला मेरा अपना हो ,
अजय
तो मेरी हिम्मत की मैं उसे मना करूँ।
और क्या कस कस के ,रगड़ रगड़ के मसल रहा था वो।
आज वो अमराई वाला अजय नहीं था ,जिसने मेरी नथ तो उतारी , मेरी झिल्ली भी फाड़ी थी अमराई में ,लेकिन हर बार वो सम्हल सम्हल कर ,झिझक झिझक कर मुझे छू रहा था ,पकड़ रहा था ,दबा रहा था.
आज आ गया था ,मेरे जोबन का असली मालिक ,मेरे जुबना का राजा ,
आज आ गया था मेरे जोबन को लूटने वाला ,जिसके लिए सोलह साल तक बचा के रखा था मैंने इन्हे ,
भैया की शादी में मेरा चौदहवां पूरा हो चला था और यही भाभी नयी नयी आयी थी और अकेले मिलते ही एकदम ,मेरे जस्ट आये जोबन मसल कर ,
![[Image: teen-young-1245.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/22/teen-young-1245.jpg)
' अरे चौदहवां पूरा हो गया ,तेरा अब तक चुदी नहीं , ... लोग तुझे तो कुछ नहीं मुझे कहेंगे कैसी भाभी है ननद का ख्याल नहीं रखती "
भाभी के छेड़ने का जवाब भी मैं एकदम ननद के स्टाइल में ही देती ,
" सच तो कहेंगे , आप तो रोज बिना नागा , ... और बेचारी ननद ,... "
" अरे यार मेरे गांव में तो मेरे सारे कज़िन , ... जिससे कह उससे , अजय सुनील , .. सच बोलती हूँ अगर एक बार बस तू मेरे गाँव चल चल मेरे साथ बस ,... आगे का काम मेरे कजिन्स के हवाले ,... और तब तक तेरा कजिन है न रविंद्र , उससे चलवा दूँ तेरा चक्कर
मेरी पूरी देह गनगना रही थी ,मेरी सहेली गीली हो रही थी ,
बाहर चल रहे तूफान से ज्यादा तेज तूफान मेरे मन को मथ रहा था.
और मेरे उरोजों की मुसीबत, हाथ जैसे अकेले काफी नहीं थे , उनका साथ देने के लिए अजय के दुष्ट पापी होंठ भी आ गए।
दोनों ने मिल के अपना माल बाँट लिया ,एक होंठों के हिस्से एक हाथ के हवाले।
गाल और होंठों का रस लूट चुके ,अजय के होंठ अब बहुत गुस्ताख़ हो चुके थे , सीधे उन्होंने मेरे खड़े निपल पर निशाना लगाया और साथ में अजय की एक्सपर्ट जीभ भी ,
उसकी जीभ ने मेरे कड़े खड़े , कंचे की तरह कड़े निपल को पहले तो फ्लिक किया ,देर तक और फिर दोनों होंठों ने एक साथ गपुच लिया और देर तक चुभलाते रहे चूसते रहे , जैसे किसी बच्चे को उसका पसंदीदी चॉकलेट मिल जाए और वो खूब रस ले ले के धीमे धीमे चूसे , बस उसी तरह चूस रहा था वो।
और दूसरा निपल बिचारा कैसे आजाद बचता ,उसे दूसरे हाथ के अंगूठे और तरजनी ने पकड़ रखा था और धीमे धीमे रोल कर रहे थे ,
![[Image: sixteen-boobs3.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/22/sixteen-boobs3.jpg)
जब पहली बार शीशे में अपने उभरते उभारों को देख के मैं शरमाई ,
जब गली के लड़कों ने मुझे देख के ,खास तौर से मेरे जोबन देख के पहली बार सीटी मारी ,
जब कॉलेज जाते हुए मैंने किताब को अपने सीने के सामने रख के उन्हें छिपाना शुरू किया ,
जब पड़ोस की आंटी ने मुझे ठीक से चुन्नी न रखने के लिए टोका ,
और जब पहली बार मैंने अपनी टीन ब्रा खरीदी ,
तब से मुझे इसी मौके का तो इन्तजार था , कोई आये ,कस कस के इसे पकडे ,रगड़े ,दबाये ,मसले ,
और आज आ गया था , मेरे जुबना का राजा।
मैंने अपने आप को अजय के हवाले कर दिया था ,मैं उसकी ,जो उसकी मर्जी हो करे।
मैं चुप चाप लेटी मजे ले रही थी ,सिसक रही थी और जब उसने जोर से मेरी टेनिस बाल साइज की चूंची पे कस के काटा तो चीख भी रही थी।
पर थोड़ी देर में मेरी हालत और ख़राब हो गयी ,उसका जो हाथ खाली हुआ उससे ,अजय ने मेरी सुरंग में सेंध लगा दी।
मेरी सहेली तो पहले से गीली थी और ऊपर से उसने अपनी शैतान गदोरी से जोर जोर से मसला रगड़ा।
मेरी जांघे अपने आप फैल गयी ,और उसको मौका मिल गया ,खूब जोर से पूरी ताकत लगा के घचाक से एक उंगली दो पोर तक मेरी बुर में पेलने का।
उईई इइइइइइइ ,मैं जोर से चीख उठी.
आज उसे मेरे चीखने की कोई परवाह नहीं थीं ,वो गोल गोल अपनी उंगली मेरी बुर में घुमा रहा था ,
मैं सिसक रही थी चूतड़ पटक रही थी , मैंने लता की तरह अजय को जोर से अपनी बाँहों में ,अपने पैरों के बीच लता की तरह लपेट लिया।
लता कितनी भी खूबसूरत क्यों न हो ,उसे एक सपोर्ट तो चाहिए न ,ऊपर चढ़ने के लिए।
और आज मुझे वो सहारा मिल गया था ,मेरा अजय।
लेकिन था वो बहुत दुष्ट ,एकदम कमीना।
उसे मालूम था मुझे क्या चाहिए इस समय ,उसका मोटा और सख्त ,… लेकिन मैं जानती थी वो बदमाश मेरे मुंह से सुनना चाहता था।
मैंने बहुत तड़पाया था उसे ,और आज वो तड़पा रहा था।
![[Image: sixteen-male4.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/22/sixteen-male4.jpg)
अजय जित्ता भी सीधा लगे ,उसके हाथ और होंठ दोनों ही जबरदस्त बदमाश थे ,ये मुझे आज ही पता लगा।
शुरू में तो अच्छे बच्चो की तरह उसने हलके हलके होंठों को ,गालो को चूमा लेकिन अँधेरा देख और अकेली लड़की पा के वो अपने असली रंग में उतर आये।
मेरे दोनों रस से भरे गुलाबी होंठों को उसने हलके से अपने होंठों के बीच दबाया ,कुछ देर तक वो बेशरम उन्हें चूसता रहा, चूसता रहा जैसे सारा रस अभी पी लेगा ,और फिर पूरी ताकत से कचकचा के ,इतने जोर से काटा की आँखों में दर्द से आंसू छलक पड़े , फिर होंठों से ही उस जगह दो चार मिनट सहलाया और फिर पहले से भी दुगुने जोर से और खूब देर तक… पक्का दांत के निशान पड़ गए होंगे।
मेरी सहेलियां , चंदा , पूरबी ,गीता ,कजरी तो चिढ़ाएंगी ही ,चम्पा भाभी और बसंती भी …
लेकिन मैं न तो मना कर सकती थी न चीख सकती थी ,मेरे दोनों होंठ तो उस दुष्ट के होंठों ने ऐसे दबोच रखे थे जैसे कोई बाज किसी गौरेया को दबोचे।
![[Image: sixteen-lips6.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/22/sixteen-lips6.jpg)
बड़ी मुश्किल से होंठ छूटे तो गाल ,
और वैसे भी मेरे भरे भरे डिम्पल वाले गालों को वो हरदम ऐसे ललचा ललचा के देखता था जैसे कोई नदीदा बच्चा हवा मिठाई देख रहा हो।
गाल पर भी उसने पहले तो थोड़ी देर अपने लालची होंठ रगड़े ,और फिर कचकचा के , पहले थोड़ी देर चूस के दो दांत जोर से लगा देता ,मैं छटपटाती ,चीखती अपने चूतड़ पटकती ,फिर वो वहीँ थोड़ी देर तक होंठों से सहलाने के बाद दुगुनी ताकत से , .... दोनों गालों पर।
मुझे मालूम था उसके दाँतो के निशान मेरे गुलाब की पंखुड़ियों से गालों पर अच्छे खासे पड़ जाएंगे ,
पर आज मैंने तय कर लिया था।
मेरा अजय ,
उसकी जो मर्जी हो ,उसे जो अच्छा लगे ,… करे।
मैं कौन होती हूँ बोलने वाली , उसे रोंकने टोकने वाली।
और शह मिलने पर जैसे बच्चे शैतान हो जाते हैं वैसे ही उसके होंठ और हाथ ,
उसके होंठ जो हरकत मेरे होंठों और गालों के साथ कर रह रहे थे ,वही हरकत अजय के हाथ मेंरे मस्त उभरते कड़े कड़े टेनिस बाल साइज के जोबन के साथ कर रहे थे।
आज तक मेरे जोबन ,चाहे शहर के हो या या गांव के लड़के ,उन्हें तंग करते ,ललचाते ,उनके पैंट में तम्बू बनाते फिरते थे ,
आज उन्हें कोई मिला था , टक्कर देने वाला।
और वो सूद ब्याज के साथ ,उनकी रगड़ाई कर रहा था ,
पर मेरे जोबन चाहते भी तो यही थे।
कोई उन्हें कस के मसले ,कुचले ,रगड़े ,मीजे दबाये,
और फिर जोबन का तो गुण यही है , बगावत की तरह उन्हें जितना दबाओ उतना बढ़ते हैं ,और सिर्फ मेरे जुबना को मैं क्यों दोष दूँ ,
सभी तो यही चाहते थे न की मैं खुल के मिजवाऊं ,दबवाऊं ,मसलवाऊं।
चंपा भाभी ,मेरी भाभी ,
यहाँ तक की भाभी की माँ भी
![[Image: Guddi-wet2211.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/22/Guddi-wet2211.md.jpg)
और फिर जब दबाने मसलने वाला मेरा अपना हो ,
अजय
तो मेरी हिम्मत की मैं उसे मना करूँ।
और क्या कस कस के ,रगड़ रगड़ के मसल रहा था वो।
आज वो अमराई वाला अजय नहीं था ,जिसने मेरी नथ तो उतारी , मेरी झिल्ली भी फाड़ी थी अमराई में ,लेकिन हर बार वो सम्हल सम्हल कर ,झिझक झिझक कर मुझे छू रहा था ,पकड़ रहा था ,दबा रहा था.
आज आ गया था ,मेरे जोबन का असली मालिक ,मेरे जुबना का राजा ,
आज आ गया था मेरे जोबन को लूटने वाला ,जिसके लिए सोलह साल तक बचा के रखा था मैंने इन्हे ,
भैया की शादी में मेरा चौदहवां पूरा हो चला था और यही भाभी नयी नयी आयी थी और अकेले मिलते ही एकदम ,मेरे जस्ट आये जोबन मसल कर ,
![[Image: teen-young-1245.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/22/teen-young-1245.jpg)
' अरे चौदहवां पूरा हो गया ,तेरा अब तक चुदी नहीं , ... लोग तुझे तो कुछ नहीं मुझे कहेंगे कैसी भाभी है ननद का ख्याल नहीं रखती "
भाभी के छेड़ने का जवाब भी मैं एकदम ननद के स्टाइल में ही देती ,
" सच तो कहेंगे , आप तो रोज बिना नागा , ... और बेचारी ननद ,... "
" अरे यार मेरे गांव में तो मेरे सारे कज़िन , ... जिससे कह उससे , अजय सुनील , .. सच बोलती हूँ अगर एक बार बस तू मेरे गाँव चल चल मेरे साथ बस ,... आगे का काम मेरे कजिन्स के हवाले ,... और तब तक तेरा कजिन है न रविंद्र , उससे चलवा दूँ तेरा चक्कर
मेरी पूरी देह गनगना रही थी ,मेरी सहेली गीली हो रही थी ,
बाहर चल रहे तूफान से ज्यादा तेज तूफान मेरे मन को मथ रहा था.
और मेरे उरोजों की मुसीबत, हाथ जैसे अकेले काफी नहीं थे , उनका साथ देने के लिए अजय के दुष्ट पापी होंठ भी आ गए।
दोनों ने मिल के अपना माल बाँट लिया ,एक होंठों के हिस्से एक हाथ के हवाले।
गाल और होंठों का रस लूट चुके ,अजय के होंठ अब बहुत गुस्ताख़ हो चुके थे , सीधे उन्होंने मेरे खड़े निपल पर निशाना लगाया और साथ में अजय की एक्सपर्ट जीभ भी ,
उसकी जीभ ने मेरे कड़े खड़े , कंचे की तरह कड़े निपल को पहले तो फ्लिक किया ,देर तक और फिर दोनों होंठों ने एक साथ गपुच लिया और देर तक चुभलाते रहे चूसते रहे , जैसे किसी बच्चे को उसका पसंदीदी चॉकलेट मिल जाए और वो खूब रस ले ले के धीमे धीमे चूसे , बस उसी तरह चूस रहा था वो।
और दूसरा निपल बिचारा कैसे आजाद बचता ,उसे दूसरे हाथ के अंगूठे और तरजनी ने पकड़ रखा था और धीमे धीमे रोल कर रहे थे ,
![[Image: sixteen-boobs3.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/22/sixteen-boobs3.jpg)
जब पहली बार शीशे में अपने उभरते उभारों को देख के मैं शरमाई ,
जब गली के लड़कों ने मुझे देख के ,खास तौर से मेरे जोबन देख के पहली बार सीटी मारी ,
जब कॉलेज जाते हुए मैंने किताब को अपने सीने के सामने रख के उन्हें छिपाना शुरू किया ,
जब पड़ोस की आंटी ने मुझे ठीक से चुन्नी न रखने के लिए टोका ,
और जब पहली बार मैंने अपनी टीन ब्रा खरीदी ,
तब से मुझे इसी मौके का तो इन्तजार था , कोई आये ,कस कस के इसे पकडे ,रगड़े ,दबाये ,मसले ,
और आज आ गया था , मेरे जुबना का राजा।
मैंने अपने आप को अजय के हवाले कर दिया था ,मैं उसकी ,जो उसकी मर्जी हो करे।
मैं चुप चाप लेटी मजे ले रही थी ,सिसक रही थी और जब उसने जोर से मेरी टेनिस बाल साइज की चूंची पे कस के काटा तो चीख भी रही थी।
पर थोड़ी देर में मेरी हालत और ख़राब हो गयी ,उसका जो हाथ खाली हुआ उससे ,अजय ने मेरी सुरंग में सेंध लगा दी।
मेरी सहेली तो पहले से गीली थी और ऊपर से उसने अपनी शैतान गदोरी से जोर जोर से मसला रगड़ा।
मेरी जांघे अपने आप फैल गयी ,और उसको मौका मिल गया ,खूब जोर से पूरी ताकत लगा के घचाक से एक उंगली दो पोर तक मेरी बुर में पेलने का।
उईई इइइइइइइ ,मैं जोर से चीख उठी.
आज उसे मेरे चीखने की कोई परवाह नहीं थीं ,वो गोल गोल अपनी उंगली मेरी बुर में घुमा रहा था ,
मैं सिसक रही थी चूतड़ पटक रही थी , मैंने लता की तरह अजय को जोर से अपनी बाँहों में ,अपने पैरों के बीच लता की तरह लपेट लिया।
लता कितनी भी खूबसूरत क्यों न हो ,उसे एक सपोर्ट तो चाहिए न ,ऊपर चढ़ने के लिए।
और आज मुझे वो सहारा मिल गया था ,मेरा अजय।
लेकिन था वो बहुत दुष्ट ,एकदम कमीना।
उसे मालूम था मुझे क्या चाहिए इस समय ,उसका मोटा और सख्त ,… लेकिन मैं जानती थी वो बदमाश मेरे मुंह से सुनना चाहता था।
मैंने बहुत तड़पाया था उसे ,और आज वो तड़पा रहा था।
![[Image: teen-sexy-7.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/22/teen-sexy-7.md.jpg)