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Adultery सोलवां सावन
#70
सोलहवीं फुहार 

पिया मिलन की आस 

[Image: Bride-bindi.md.jpg]


पक्के वाले आँगन से निकलते समय उसके और कच्चे वाले हिस्से के बीच का दरवाजा मैने अच्छी तरह बंद कर दिया। 



वैसे भी दोनों हिस्सों में दूरी इतनी थी की मेरे कमरे में क्या हो रहा था वहां पता नहीं चलने वाला था , और चंपा भाभी ,मेरी भाभी की कब्बड्डी तो वैसे ही सारे रात चलने वाली थी,



फिर भी ,… 



अब मैं कच्चे वाले आँगन में आ गयी ,जहाँ एक बड़ा सा नीम का पेड़ था, और ज्यादातर आँगन कच्चा था.



वहां ताखे में रखी ढिबरी बुझ चुकी थी ,कुछ भी नहीं दिख रहा था। 



बूंदो की आवाज तेज हो चुकी थी ,उस हिस्से में कमरों और बरामदे की छतें खपड़ैल की थीं ,और उन पर गिर रही बूंदो की आवाज , और वहां से ढरक कर आँगन में गिर रही तेज मोटी पानी की धार एक अलग आवाज पैदा कर रही थी। 



[Image: Rain-Lightning-tenor.md.gif]




बादलों की गरज तेज हो गयी थी ,एक बार फिर तेजी से बिजली चमकी ,



और मैं एक झटके में आँगन पार कर के अपने कमरे में पहुँच गयी। 



गनीमत थी वहां ताखे में रखी ढिबरी अभी भी जल रही थी और उस की रोशनी उस कमरे के लिए काफी थी। 



लेकिन उसकी रोशनी में सबसे पहली नजर में जिस चीज पे पड़ी , उसी ताखे में रखी, 



एक बड़ी सी शीशी , जो थोड़ी देर पहले वहां नहीं थी। 



कड़ुआ तेल ( सरसों के तेल ) की ,



[Image: mustard-oil-bottle-500x500.md.jpg]


मैं मुस्कराये बिना नहीं रह सकी ,चंपा भाभी भी न ,



लेकिन चलिए अजय का काम कुछ आसान होगा ,आखिर हैं तो उन्ही का देवर। 





अब एक बार मैंने फिर अपनी कलाई घड़ी पे निगाह डाली , उफ़ अभी भी ८ मिनट बचे थे। 



थोड़ी देर मैं पलंग पर लेटी रही , करवटें बदलती रही , लेकिन मेरी निगाह बार बार ताखे पर रखी कडुवे तेल की बोतल पर पड़ रही थी। 



अचानक हवा बहुत तेज हो गयी और जोर जोर से मेरे कमरे की छोटी सी खिड़की और पीछे वाले दरवाजे पे जोर जोर धक्के मारने लगी। 


लग रहा था जोर का तूफान आ रहा है। 


ऊपर खपड़ैल की छत पर बूंदे ऐसी पड़ रही थीं जैसे मशीनगन की गोलियां चल रही हों। 


[Image: rain-dripping.md.gif]


बादल का एक बार गरजना बंद नहीं होता की दूसरी बार उससे भी तेज कड़कने की आवाज गूँज जाती , कमरा चारो ओर से बंद था लेकिन लग रहा था सीधे कान में बादल गरज रहे हों ,

बस मेरे मन में यही डर डर बार उठता था ,इतनी तूफानी रात में वो बिचारा कैसे आएगा। 

मुझसे रहा नहीं गया , उठ के मैंने बिना कुछ सोचे समझे छोटी सी खिड़की खोल दी जिधर से अजय के घर का रास्ता साफ दिखता था। 

जैसे एक साथ सौ कोड़ें पड़े हो तेज पानी की बौछार मेरे चेहरे पे पड़ी , और चेहरे के साथ मेरा टॉप पूरा भीग गया ,लेकिन मेरे ऊपर कोई फरक नहीं पड़ा ,मेरी आँखे उधर ही चिपकी रही और अगली बार जब बिजली चमकी, बँसवाड़ी ,घर के पीछे के खूब गझिन आम के पेड़ , और उस के बीच से जाती पतली पगडंडी , जो सीधे अजय के घर तक जाती थी सब रोशन हो गयी। 

लग रहा था बिजली बँसवाड़ी के पीछे ही कहीं गिरी, और हवा के तेज झोंके से ढिबरी बुझ गयी। 

पूरे कमरे में जैसे किसी ने कालिख पोत दिया ,घुप्प अँधेरा।

मैंने जैसे तैसे करके वो खिड़की बंद की.

अब एक और परेशानी ,अगर अजय ने आके पीछे के दरवाजे पे आके खटखट की तो ऐसे तूफान में कैसे सुनाई देगा ,फिर मैंने तो उसे बोला था 

कुण्डी मत खटकाना राजा ,सीधे अंदर आना राजा ,

और यहाँ ,अगर मैं जैसे दरवाजा खोलती हूँ ,तूफानी हवा के साथ बारिश अंदर आ जायेगी। 

आखिर मैंने खिड़की वाले दरवाजे की सिटकनी बस फंसा के रख दी ,जो ज़रा सा झटके से खुल जाती। 


बस मैं मनौती मना रही थी ,इस तूफानी रात में वो बिचारा किसी तरह आ जाय ,उसे कोई परेशानी न हो। 

मैंने कितना तंग किया , कितना नखड़ा बनाया ,बस किसी तरह आज आ जाय ,पक्का प्रामिस ,


अगर अजय आज आ जाये ,न तो बस मैं उस की सब बात मानूंगी ,एक बार भी नखड़ा नहीं करुँगी ,झूठ मूठ में भी नहीं। 

मेरा कौन सा घट जाएगा उस को देने से ,मैं भी न एकदम ,.... 

मुझे पता नहीं मेरी आँख लग गयी या क्या हुआ ,


थोड़ी देर में तूफान मेरे कमरे में घुस आया ,सीधे मेरे बिस्तर पे। 

मुझे पता भी नहीं चला कब पीछे वाला दरवाजा खुला ,कब बंद हुआ। 


बस ये पता चला की तूफ़ान जितना बाहर था उससे तेज अंदर था , और मैंने आँखे दबोच के बंद कर रखी थी ,क्या पता सपना हो ,और आँख खोलते टूट जाय। 

लेकिन आँख तो खोलनी ही पड़ी और जोर से मैं चीखी भी ,जब कचकचा के अजय ने मेरा गाल काट लिया। 

[Image: Couple-Love-Making-Erotic-Pictures---Nud...-24.md.jpg]

मुझे पता नहीं कब उसके कपडे हटे कब मेरे ,लेकिन हम दोनों के बीच कुछ भी नहीं बचा था। 


आज न उसको जल्दी थी न मुझे सारी रात हमारी थी। 

[Image: wet-6.md.jpg]
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Messages In This Thread
सोलवां सावन - by komaalrani - 10-01-2019, 10:36 PM
RE: सोलवां सावन - by Bregs - 10-01-2019, 11:31 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 01-02-2019, 02:50 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 13-02-2019, 06:40 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 19-02-2019, 01:09 PM
RE: सोलवां सावन - by komaalrani - 21-02-2019, 07:25 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 26-02-2019, 11:10 AM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 08:44 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 11:46 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 19-05-2019, 11:15 AM
RE: सोलवां सावन - by Theflash - 03-07-2019, 10:31 AM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 14-07-2019, 04:07 PM
RE: सोलवां सावन - by usaiha2 - 09-07-2021, 05:54 PM



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