21-02-2019, 07:19 PM
बचपन की बातें ,
अब तक
" उस दिन रात में उसके, उसके, गुड्डी के ,... तेरी ममेरी बहन के मम्मे छूने में ,सहलाने में मजा आया था न "
मैंने पूछा।
वो उस रात की यादों में खोये हुए थे जब यही उभार उनकी मुट्ठी में थे।
" हाँ बहुत , खूब अच्छा लग रहा था। " ख्यालों में डूबे वो बोले।
" फ्राक के ऊपर से ही दबाया था न , हाईकॉलेज में गयी ही थी न तब " मैंने हलके से उनके कान में फुसफुसाया।
" हाँ पतली सी ,कॉटन की फ्राक थी , बहुत अच्छा लग रहा था दबाने में। हाँ नौवैं में थी , "
वो खोये खोये बोले।
" हाँ उसके टिकोरे हैं ही बहुत मस्त , अबकी मायके चलोगे न अपने तो दिलवा दूंगी उसकी खोल के ,बोल दबाओगे न "
उनका नाड़ा खोलते हुए मैंने पूछा।
जवाब उनके औजार ने दिया , एकदम टनाटन। खूब कड़ा ,तना।
" सिर्फ उसके जोबन , चूंचियां दबाने में मजा आया था , या उसकी घुन्डियाँ भी पकड़ने में " मैंने हलके हलके मुठियाते पूछा।
" घुन्डियाँ भी , मटर के दाने ऐसी थीं कड़ी कड़ी। " वो बोले।
अब मैंने उनका औजार उनके हाथ में पकड़ा दिया और एक दो बार ऊपर नीचे करके , फिर बोला ,
" चल न दिलवा दूंगी उसकी लेकिन अबकी मत शरमा के बीच में , पहले उाकी हलके हलके पकड़ के छूना , सहलाना , खूब हलके से जैसे उस रात कर रहे थे , फिर धीरे धीरे दबाना। "
हूँ हलके से वो बोले और उन्होंने अपना मुठियाना शुरू कर दिया था।
" बहुत मजा अायेगा उसके मम्मे दबाने में ,सच्ची , फिर जोर जोर से दबाना ,रगड़ना ,मसलना "
मैं हलके से उनके कान में बोली।
वो एकदम खोये खोये थे आँखे बंद , " लेकिन अगर वो मना करे तो :
बहुत धीमे से वो बोले।
मैं हूँ न तुम काहें चिंता कर रहे हो , मैं दिलवाऊँगी उसकी , सीधे से न माने तो जबरन , इत्ते दिन से तुम्हे अपने उभार दिखा दिखा के ललचा रही है , पहले तो खूब चूंची दबाना , फिर घुंडी भी। और एक घुंडी मुंह में ले के हलके हलके चूसना चुभलाना , बहुत रस है साली के जुबना में। "
जवाब उनका हाथ दे रहां था , मुठियाने की स्पीड बढ़ गयी थी।
" हाँ , हूँ " उनकी आँखे आधी बंद थी , वो सिसक रहे थे।
" और थोड़ा बहुत छिनालपना करे न ,नखड़ा दिखाए न तो जबरदस्ती करना , कस कस दबाना ,मसलना उसकी चूंची , देखना कुछ देर में ही खुद ही साल्ली ,छिनार बोलेगी , ' हाँ भइया , और जोर से दबाओ , कस कस के मसलो ,रगड़ो मेरी चूंची। ' छोड़ना मत उसको। " मैं उनको और जोर से चढ़ा रही थी।
वह कल्पना की दुनिया में खो गए थे , और मुठियाने की रफ्तार तेज हो गयी थी।
आगे
" देखना , वो तेरा माल इतना मस्त हो जाएगा न की खुद टाँगे फैला देगा चुदवाने को। चुदवासी तो वो तबसे हो गयी है ,जबसे चौदह की हुयी , अब तो अच्छी खासी गदरा गयी है , इंटर में पहुँच गयीं है। बिना चोदे मत छोड़ना उस को, भले ही लाख चीखे चिल्लाये। हाँ और जोर से ,हचक हचक के पेलना लंड उसकी कच्ची चूत में , जब फटेगी तो बहुत चिल्लाएगी , लेकिन बिना फाड़े मत छोड़ना। "
अब मैंने गियर चेंज कर दिया था और वो भी ,
खूब तेजी से मुठिया रहे थे , आँखे बंद , जैसे सोच रहे हों कैसे अपने बचपन के माल की नथ उतारेंगे।
" अरे और जोर से धक्के मारों न कच्ची चूत है , बहुत कसी , झिल्ली भी फाड़नी है , और ,… और जोर से ,…हा पूरी ताकत से "
मैं हलके हलके कान में उनके बोल रही थी , गाल सहला रही थी ,आग और भड़का रही थी।
पुराने जमाने में ६०-६१ गिनने तक , उनकी फुस्स हो जाती थी ,लेकिन आज फुल स्पीड में ८४ -८५ हो चुका था और उनकी स्पीड कम नहीं हो रही थीं।
उनके दूसरे हाथ में उनकी ममेरी बहन का वो स्नैप था ,
" चोद साले , चोद ,चोद अपने बहिन को चोद बहनचोद ,एक बार उसकी कसी चूत चोद दे फिर उसके बाद बहन चोद तुझे ,… "
और ये बोलने के साथ मेरा नाखून उनके सुपाड़े के पी होल पे , फिर तो सफेद ज्वालामुखी फूट पड़ा।
खूब ढेर सारी गाढ़ी सफेद थक्केदार मलाई , सीधे उनके माल के जोबन पे ,
" हाँ हाँ और पहले बहनचोद , … फिर,.... मादरचोद "
मैंने बहुत हलके से कहा ,लेकिन उसका असर हुआ की अबकी पहले से भी ज्यादा जोर से
खूब ढेर सारी मलाई रबड़ी फिर अबकी पहले से भी ज्यादा ,
फोटो पूरी तरह उनके सफेद मलाई से लिपटी थी।
" बहुत खुश होगी , जब उसे पता चलेगा की उसके बारे में सोच सोच के उसके प्यारे भैया का ये हाल हुआ। ज़रा चख तो लो ,
और उस फोटो से उठा के मैंने सीधे उनके होंठों पे ,
उन्होंने चाट लिया।
" ये समझ लो , अगली बार सारी मलाई सीधे तेरे माल की बुर में जायेगी "
और फोटो मैंने उनके होंठों से लगा लिया और उन्होंने सब कुछ चाट लिया।
ये कहने की बात नहीं , मैंने सारी हरकत अपने स्मार्ट फोन पे रिकार्ड कर ली और एक छोटा सा वीडियो भी।
स्नैप्स सारे मम्मी को व्हाटसऐप हो गए।
अब तक
" उस दिन रात में उसके, उसके, गुड्डी के ,... तेरी ममेरी बहन के मम्मे छूने में ,सहलाने में मजा आया था न "
मैंने पूछा।
वो उस रात की यादों में खोये हुए थे जब यही उभार उनकी मुट्ठी में थे।
" हाँ बहुत , खूब अच्छा लग रहा था। " ख्यालों में डूबे वो बोले।
" फ्राक के ऊपर से ही दबाया था न , हाईकॉलेज में गयी ही थी न तब " मैंने हलके से उनके कान में फुसफुसाया।
" हाँ पतली सी ,कॉटन की फ्राक थी , बहुत अच्छा लग रहा था दबाने में। हाँ नौवैं में थी , "
वो खोये खोये बोले।
" हाँ उसके टिकोरे हैं ही बहुत मस्त , अबकी मायके चलोगे न अपने तो दिलवा दूंगी उसकी खोल के ,बोल दबाओगे न "
उनका नाड़ा खोलते हुए मैंने पूछा।
जवाब उनके औजार ने दिया , एकदम टनाटन। खूब कड़ा ,तना।
" सिर्फ उसके जोबन , चूंचियां दबाने में मजा आया था , या उसकी घुन्डियाँ भी पकड़ने में " मैंने हलके हलके मुठियाते पूछा।
" घुन्डियाँ भी , मटर के दाने ऐसी थीं कड़ी कड़ी। " वो बोले।
अब मैंने उनका औजार उनके हाथ में पकड़ा दिया और एक दो बार ऊपर नीचे करके , फिर बोला ,
" चल न दिलवा दूंगी उसकी लेकिन अबकी मत शरमा के बीच में , पहले उाकी हलके हलके पकड़ के छूना , सहलाना , खूब हलके से जैसे उस रात कर रहे थे , फिर धीरे धीरे दबाना। "
हूँ हलके से वो बोले और उन्होंने अपना मुठियाना शुरू कर दिया था।
" बहुत मजा अायेगा उसके मम्मे दबाने में ,सच्ची , फिर जोर जोर से दबाना ,रगड़ना ,मसलना "
मैं हलके से उनके कान में बोली।
वो एकदम खोये खोये थे आँखे बंद , " लेकिन अगर वो मना करे तो :
बहुत धीमे से वो बोले।
मैं हूँ न तुम काहें चिंता कर रहे हो , मैं दिलवाऊँगी उसकी , सीधे से न माने तो जबरन , इत्ते दिन से तुम्हे अपने उभार दिखा दिखा के ललचा रही है , पहले तो खूब चूंची दबाना , फिर घुंडी भी। और एक घुंडी मुंह में ले के हलके हलके चूसना चुभलाना , बहुत रस है साली के जुबना में। "
जवाब उनका हाथ दे रहां था , मुठियाने की स्पीड बढ़ गयी थी।
" हाँ , हूँ " उनकी आँखे आधी बंद थी , वो सिसक रहे थे।
" और थोड़ा बहुत छिनालपना करे न ,नखड़ा दिखाए न तो जबरदस्ती करना , कस कस दबाना ,मसलना उसकी चूंची , देखना कुछ देर में ही खुद ही साल्ली ,छिनार बोलेगी , ' हाँ भइया , और जोर से दबाओ , कस कस के मसलो ,रगड़ो मेरी चूंची। ' छोड़ना मत उसको। " मैं उनको और जोर से चढ़ा रही थी।
वह कल्पना की दुनिया में खो गए थे , और मुठियाने की रफ्तार तेज हो गयी थी।
आगे
" देखना , वो तेरा माल इतना मस्त हो जाएगा न की खुद टाँगे फैला देगा चुदवाने को। चुदवासी तो वो तबसे हो गयी है ,जबसे चौदह की हुयी , अब तो अच्छी खासी गदरा गयी है , इंटर में पहुँच गयीं है। बिना चोदे मत छोड़ना उस को, भले ही लाख चीखे चिल्लाये। हाँ और जोर से ,हचक हचक के पेलना लंड उसकी कच्ची चूत में , जब फटेगी तो बहुत चिल्लाएगी , लेकिन बिना फाड़े मत छोड़ना। "
अब मैंने गियर चेंज कर दिया था और वो भी ,
खूब तेजी से मुठिया रहे थे , आँखे बंद , जैसे सोच रहे हों कैसे अपने बचपन के माल की नथ उतारेंगे।
" अरे और जोर से धक्के मारों न कच्ची चूत है , बहुत कसी , झिल्ली भी फाड़नी है , और ,… और जोर से ,…हा पूरी ताकत से "
मैं हलके हलके कान में उनके बोल रही थी , गाल सहला रही थी ,आग और भड़का रही थी।
पुराने जमाने में ६०-६१ गिनने तक , उनकी फुस्स हो जाती थी ,लेकिन आज फुल स्पीड में ८४ -८५ हो चुका था और उनकी स्पीड कम नहीं हो रही थीं।
उनके दूसरे हाथ में उनकी ममेरी बहन का वो स्नैप था ,
" चोद साले , चोद ,चोद अपने बहिन को चोद बहनचोद ,एक बार उसकी कसी चूत चोद दे फिर उसके बाद बहन चोद तुझे ,… "
और ये बोलने के साथ मेरा नाखून उनके सुपाड़े के पी होल पे , फिर तो सफेद ज्वालामुखी फूट पड़ा।
खूब ढेर सारी गाढ़ी सफेद थक्केदार मलाई , सीधे उनके माल के जोबन पे ,
" हाँ हाँ और पहले बहनचोद , … फिर,.... मादरचोद "
मैंने बहुत हलके से कहा ,लेकिन उसका असर हुआ की अबकी पहले से भी ज्यादा जोर से
खूब ढेर सारी मलाई रबड़ी फिर अबकी पहले से भी ज्यादा ,
फोटो पूरी तरह उनके सफेद मलाई से लिपटी थी।
" बहुत खुश होगी , जब उसे पता चलेगा की उसके बारे में सोच सोच के उसके प्यारे भैया का ये हाल हुआ। ज़रा चख तो लो ,
और उस फोटो से उठा के मैंने सीधे उनके होंठों पे ,
उन्होंने चाट लिया।
" ये समझ लो , अगली बार सारी मलाई सीधे तेरे माल की बुर में जायेगी "
और फोटो मैंने उनके होंठों से लगा लिया और उन्होंने सब कुछ चाट लिया।
ये कहने की बात नहीं , मैंने सारी हरकत अपने स्मार्ट फोन पे रिकार्ड कर ली और एक छोटा सा वीडियो भी।
स्नैप्स सारे मम्मी को व्हाटसऐप हो गए।