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Adultery किसी ने देख लिया तो
#14
इतना सुनते ही अशफ़ाक उठ के भागा मेरी ओर और मुझे गले से लगा लिया.
“यह क्या कर रहे हो अशफ़ाक?” मैंने नौटंकी की.
“कुछ नहीं भाभी आप की तारीफ़ अल्फाज़ से नहीं बल्कि होंठो से करना चाहता हूँ.”
इतना कह के उसने मेरे गर्दन के उपर एक चुम्मा दे दिया. उसके गरम गरम होंठ मेरे बदन पर छूते ही मेरे बदन में जैसे की करंट दौड़ गया. मैंने उसे बाहों में भर के कहा, “कोई देख लेंगा हमें अशफ़ाक?”
“देख लेने दो आज जिसे देखना हो…!”
उसके होंठो से अब वो मेरे गाल, गर्दन और कान के निचे के हिस्से को जोर जोर से चूमने लगा. उधर निचे उसका लंड मेरी पेंटी को टच कर रहा था. मुझे अपने एक्सपीरियंस से पता लगा की उसका लंड कम से कम ७ इंच का तो था ही.
मैंने उसके बालों में अपनी उंगलियाँ डाली और उसने सहलाने लगी. अशफ़ाक के गरम हाथ मेरी कमर पर थे और वो मुझे अपनी और खिंच रहा था. बहार गरमी ज्यादा थी लेकिन उस से भी ज्यादा गरमी हम दोनों के बदन में थी उस वक्त…! अशफ़ाक के हाथ अब आगे बढे और उसने मेरी चुंचियां पकड ली. मैं सिहर उठी उसके मादक स्पर्श से. उसने मेरी गोलाइयों को पूरा दबाया और मेरे मुहं से सिसकी निकल पड़ी.
“अशफ़ाक प्लीज़ दरवाजा बंध कर दो, किसी ने देख लिया तो प्रॉब्लम होंगा.”
अशफ़ाक दरवाजे की कड़ी लगा के वापस मेरी और बढ़ा, चलते चलते उसने अपनी पेंट का पट्टा खोला दिया और ज़िप खोल के अपने लौड़े को बहार निकाला. बाप रे उसका लंड तो पूरा तन के टाईट हुआ पडा था. मैं एक घड़ी बस उसे ही देखती रही, बिलकुल घनश्याम के लौड़े जैसा ही था वो. अशफ़ाक मेरे पास आया और मेरा हाथ पकड के उसने अपने लंड को मेरे हाथ में दिया. मैंने मुठ्ठी बंध कर के लंड को दबाया.
“कैसा हैं मेरा हथियार भाभी, हुस्ना को पसंद आएगा?”
“वो तो पूरा चेक कर के बताना पड़ेंगा?”
इतना कह के मैं अपने घुटनों पर जा बैठी. लंड के सुपाडे पर किस करते ही अशफ़ाक की सिसकी निकल पड़ी. मैंने मुहं खोल के उस दबंग लंड को मुहं में ले लिया. आधे से ज्यादा लौड़ा मेरे मुहं में था. अशफ़ाक ने मेरे माथे को पकड़ा और वो मेरा मुहं चोदने की जल्दबाजी कर रहा था.
मैंने उसके लंड को लोलीपोप की तरह मुहं में चलाया और उसके मुहं से सिसकियाँ बढती चली. वो आह आह कर रहा था और मैं उसके लौड़े को जोर जोर से चुस्ती जा रही थी. उसका लौड़ा सख्त था जो किसी भी टाईट चूत की खटिया खड़ी कर सकता हैं, बिलकुल मेरी पसंद का लौड़ा था वो! मेरा थूंक लंड पर जमा हो रहा था. मैं बिच बिच में हाथ से मजा de रही थी अशफ़ाक को और वो आहें भर रहा था.
पांच मिनिट पूरा उसके लंड चूसा मैंने. मेरे हाथ अशफ़ाक की गांड पर थे और मैं आधे से ज्यादा लंड को मुहं में रख के उसके ऊपर जबान चला रही थी. तभी उसके बदन में कंपन आया और उसका लावा मेरे मुहं में निकल पड़ा. कम से कम २० एम्एल जितना वीर्य मेरे दांत, गले और होंठो पर निकाल दिया इस लड़के ने. बहुत दिन से उसने मुठ नहीं मारी होंगी तभी तो इतना पानी निकला था लौड़े से.
अशफ़ाक ने एक लम्बी आह ली और मेरे मुहं से लंड को बहार खींचा. मैंने लौड़े के ऊपर से सब माल चाट के साफ़ कर दिया. अशफ़ाक थक के सोफे पर बैठ गया. लेकिन मैं अभी कहाँ ठंडी हुई थी. मैंने सोफे पर चढ़ के अपनी चूत को उसके सामने रख दिया. पेंटी को साइड में खिसका के मैंने चूत उसके होंठो पर रख दी. चूत पर छोटे छोटे बाल थे जो अशफ़ाक की नाक में घुस रहे थे. अशफ़ाक को पता था की चूत क्या मांग रही थी उस वक्त. उसने अपनी जबान से चूत को मस्ती से चाटना चालू कर दिया. बहुत मजे से लिक कर रहा था वो मेरी प्यासी चूत को. मैं चूत को उसके ऊपर रगड़ के और भी मजे लुट रही थी. अशफ़ाक ने तभी पीछे मेरी गांड पर हाथ रखा और उसकी एक ऊँगली मेरी गांड के छेद से लड़ने लगी. वो गांड के छेद को मसल रहा था और मैं उत्तेजना के सातवें आसमान पर थी.
तभी अशफ़ाक ने अपनी पीछे वाली ऊँगली को पेंटी के साइड से अंडर किया और अब वो सीधे ही गांड में ऊँगली करने लगा. मैं सिहर उठी! घनश्याम को गांड सेक्स पसंद नहीं हैं इसलिए मैं उस सुख से वंचित ही थी. अशफ़ाक ने जैसे hi गांड में ऊँगली डाली मेरे बदन में एक साथ सेंकडो सुई चुभने लगी. आह की आवाज से मैं उस से लिपट गई. अशफ़ाक ने गांड आधी ऊँगली दाल दी और वो उसे अंडर घुमाने लगा. यह ख़ुशी अब मुझ से बर्दास्त नहीं हो रही थी.
“अशफ़ाक चोद दो मुझे, अब बर्दास्त नहीं हो रहा हैं मुझ से.”
इतना सुनते ही अशफ़ाक ने मुझे सोफे में टाँगे फैला के लिटाया. मेरी पेंटी को उसने खिंच के उतार फेंका. उसका लौड़ा अब मेरी चूत पर था. उस गरम अहसास की अनमोलता कैसे कहूँ आप से! एक झटका लगा और वो लंड मेरी चूत में उतर गया. मैंने फिर से अशफ़ाक को गले से लगा लिया. उसने लंड अंडर घुसेड के एक मिनिट वेट करना मुनासिब समझा. उसके बाद उसके लंड की मार चालु हो गई. वो अपने कड़े लंड को मेरी चूत के अंडर बहार चलाने लगा. मैं सुख के समन्दर में गोते लगा रही थी….!
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Messages In This Thread
RE: किसी ने देख लिया तो - by playboy131 - 20-03-2020, 12:17 AM
RE: किसी ने देख लिया तो - by playboy131 - 08-05-2020, 01:55 PM
RE: किसी ने देख लिया तो - by neerathemall - 18-05-2020, 05:28 PM



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