21-02-2019, 02:56 PM
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बारिश होने लगी थी, मामा और मामी बाहर के कमरे में सो गए और मुझे भाभी के कमरे में एक और बिस्तर लगा कर दे दिया क्योंकि उनका कमरा काफी बड़ा है।
भाभी ने कहा- सो गए क्या देवर जी?
मैंने कहा- नहीं, जाग रहा हूँ।
भाभी ने कहा- एक बात पूछूँ?
मैंने कहा- पूछो !
भाभी- सच में आपने कछु नहीं किया किसी के साथ?
मै- सच बताऊँ भाभी ! बुरा तो नहीं मानोगी?
भाभी- नहीं।
मैं- किया तो है कई बार अलग अलग लड़कियों के साथ लेकिन पहल उनकी रही थी।
भाभी- क्यों, तुम्हें क्या डर लगता है पहल करने में?
मैं- नहीं, ऐसी कोई बात नहीं है, बस सोचता हूँ कि पता नहीं वो मेरे बारे में क्या सोचेंगी?
और फिर हम सो गए।
मुझे भाभी की बातो से नींद नहीं आ रही थी और भाभी सो रही थी। तभी मेरा ध्यान गया भाभी के ऊपर ! वो नींद में थी और मैक्सी पहन रखी थी जो जाँघों तक सरकी हुई थी और गहरी सांस लेने के कारण उसकी चूचियाँ उठ-गिर रही थी। यह सब देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा तो मै लंड हिलाने लगा।
तभी मैंने देखा कि भाभी की ब्रा सामने लटक रही है। मैं वो लेकर मुठ मारने लगा। दस मिनट कोशिश के बाद मैंने जल्दी जल्दी में अपना सारा वीर्य भाभी की ब्रा में ही डाल दिया और ब्रा वही लटका कर शांत होकर सो गया।
भाभी सुबह उठ कर नहा आई थी, अभी गीले बाल और खुशबूदार बदन अलग ही महक रहा था।
भाभी ने मेरे से कहा- देवर जी, बड़े लेट उठे हो? लगता है रात को देर से सोये हो ! बड़ी मेहनत की है।
मैंने कहा- नहीं भाभी, ऐसी कोई बात नहीं, बस नींद नहीं आ रही थी रात को।
तब भाभी ने कहा- नींद तुम्हे नहीं आ रही थी, मेहनत भी तुमने की और कपड़े मेरे ख़राब कर दिए।
मुझे लगा भाभी कि पता लग गया है तो मैंने कहा- वो तो भाभी बस हो गया ! सॉरी !
भाभी ने कहा- हाँ मेरे कपड़े तुम्हारे पास अपने आप चल कर आ गए? अपने आप उनमें दाग लग गया?
मैंने कहा- सॉरी भाभी, आपको बुरा लगा क्या?
तो भाभी ने कहा- नहीं, कोई बात नहीं, जवानी में ऐसा हो जाता है।
मैंने कहा- थैंक्यू भाभी ! एक बात कहूँ?
भाभी ने बोला- कहो !
मैं- आप बहुत खूबसूरत हैं।
भाभी- क्या? कहाँ से खूबसूरत हूँ? मुझे तो नहीं लगता !
मैं- पूरे ऊपर से नीचे तक अच्छी हो आप ! आपके गाल, आपके बाल, आपके होंठ, आपके हाथ, आपके पैर, और...
भाभी- और क्या...? पूरा बोलो !
मैं- बुरा मत मानना भाभी... पहले ही कह देता हूँ।
भाभी- ठीक है।
मैं- आपकी जाँघें और कल रात मुझे दिख गई थी, बहुत अच्छी लगी और इससे आगे कुछ देखा नहीं, तो बता कैसे सकता हूँ।
भाभी- दिखने में बहुत भोले लगते हो लेकिन बहुत बदमाशी करते हो !
पूरा दिन बीत गया। उस दिन वहाँ किसी के घर में शादी थी तो वहाँ खाट की जरुरत थी इसलिए हमारे यहाँ से भी ले गए, अब सिर्फ हमारे यहाँ दो खाट और एक भाभी वाला पलंग था।
मामा और मामी खाट पर सो गए भाभी ने मुझसे कहा- आज रात आप मेरे साथ ही सो जाओ लेकिन मेहनत मत करना !
बारिश होने लगी थी, मामा और मामी बाहर के कमरे में सो गए और मुझे भाभी के कमरे में एक और बिस्तर लगा कर दे दिया क्योंकि उनका कमरा काफी बड़ा है।
भाभी ने कहा- सो गए क्या देवर जी?
मैंने कहा- नहीं, जाग रहा हूँ।
भाभी ने कहा- एक बात पूछूँ?
मैंने कहा- पूछो !
भाभी- सच में आपने कछु नहीं किया किसी के साथ?
मै- सच बताऊँ भाभी ! बुरा तो नहीं मानोगी?
भाभी- नहीं।
मैं- किया तो है कई बार अलग अलग लड़कियों के साथ लेकिन पहल उनकी रही थी।
भाभी- क्यों, तुम्हें क्या डर लगता है पहल करने में?
मैं- नहीं, ऐसी कोई बात नहीं है, बस सोचता हूँ कि पता नहीं वो मेरे बारे में क्या सोचेंगी?
और फिर हम सो गए।
मुझे भाभी की बातो से नींद नहीं आ रही थी और भाभी सो रही थी। तभी मेरा ध्यान गया भाभी के ऊपर ! वो नींद में थी और मैक्सी पहन रखी थी जो जाँघों तक सरकी हुई थी और गहरी सांस लेने के कारण उसकी चूचियाँ उठ-गिर रही थी। यह सब देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा तो मै लंड हिलाने लगा।
तभी मैंने देखा कि भाभी की ब्रा सामने लटक रही है। मैं वो लेकर मुठ मारने लगा। दस मिनट कोशिश के बाद मैंने जल्दी जल्दी में अपना सारा वीर्य भाभी की ब्रा में ही डाल दिया और ब्रा वही लटका कर शांत होकर सो गया।
भाभी सुबह उठ कर नहा आई थी, अभी गीले बाल और खुशबूदार बदन अलग ही महक रहा था।
भाभी ने मेरे से कहा- देवर जी, बड़े लेट उठे हो? लगता है रात को देर से सोये हो ! बड़ी मेहनत की है।
मैंने कहा- नहीं भाभी, ऐसी कोई बात नहीं, बस नींद नहीं आ रही थी रात को।
तब भाभी ने कहा- नींद तुम्हे नहीं आ रही थी, मेहनत भी तुमने की और कपड़े मेरे ख़राब कर दिए।
मुझे लगा भाभी कि पता लग गया है तो मैंने कहा- वो तो भाभी बस हो गया ! सॉरी !
भाभी ने कहा- हाँ मेरे कपड़े तुम्हारे पास अपने आप चल कर आ गए? अपने आप उनमें दाग लग गया?
मैंने कहा- सॉरी भाभी, आपको बुरा लगा क्या?
तो भाभी ने कहा- नहीं, कोई बात नहीं, जवानी में ऐसा हो जाता है।
मैंने कहा- थैंक्यू भाभी ! एक बात कहूँ?
भाभी ने बोला- कहो !
मैं- आप बहुत खूबसूरत हैं।
भाभी- क्या? कहाँ से खूबसूरत हूँ? मुझे तो नहीं लगता !
मैं- पूरे ऊपर से नीचे तक अच्छी हो आप ! आपके गाल, आपके बाल, आपके होंठ, आपके हाथ, आपके पैर, और...
भाभी- और क्या...? पूरा बोलो !
मैं- बुरा मत मानना भाभी... पहले ही कह देता हूँ।
भाभी- ठीक है।
मैं- आपकी जाँघें और कल रात मुझे दिख गई थी, बहुत अच्छी लगी और इससे आगे कुछ देखा नहीं, तो बता कैसे सकता हूँ।
भाभी- दिखने में बहुत भोले लगते हो लेकिन बहुत बदमाशी करते हो !
पूरा दिन बीत गया। उस दिन वहाँ किसी के घर में शादी थी तो वहाँ खाट की जरुरत थी इसलिए हमारे यहाँ से भी ले गए, अब सिर्फ हमारे यहाँ दो खाट और एक भाभी वाला पलंग था।
मामा और मामी खाट पर सो गए भाभी ने मुझसे कहा- आज रात आप मेरे साथ ही सो जाओ लेकिन मेहनत मत करना !
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.