Thread Rating:
  • 1 Vote(s) - 5 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
चचेरे भाई की बीवी
#13
और फिर मैने भाभी की चूत पर अपनी जीभ चलानी शुरू कर दी. मैं एक हाथ से उनके पेट को हल्के हल्के दबा रहा था और साथ ही चूत चाटे जा रहा था. भाभी के मुँह से कामुक आवाज़ें आने लगी.

"हाँ राजू, चाट ले इसे... शांत कर दे साली को... बहुत तंग करती है ये तेरी भाभी को... बदला ले अपनी भाभी का इससे"

और मैं और तेज़ी से भाभी की चूत चाटने लगा. भाभी ने आगे से अपनी उंगली लाकर अपनी चूत का दाना रगड़ने लगी. वो ज़ोर से हाँफ रही थी. मैं भाभी के दाने से उनकी उंगली हटाई और अपनी उंगली से उनका दाना रगड़ने लगा.

"हाँ... हाँ... बस राजू वहीं पे... हाँ वही पे... बहुत मज़ा आ रहा है राजू... तू.. तू पागल कर देगा मुझे... हाँ राजू.. बस चाट मुझे" और फिर मैने भाभी को पूरी ताक़त से चाटना शुरू कर दिया. मुझे लगा की जैसे मेरी ज़िंदगी का मक़सद ही सुमन भाभी को कामुक सुख देना हो.

"रा... रा.. राजू.... मैं... मैं छूट रही हूँ.... मैं छूट रही हूँ.... आआआहह!"

भाभी ने अपनी जांघों से मेरा सिर पकड़ कर छूटने लगी. उनकी चूत से गाढ़े पानी की धार छूट कर सीधा मेरे मुँह पर गिरने लगी. मुझे लगा की वो मूत रही हैं लेकिन वो मूत नही रही थी. वो उनकी चूत का पानी था. भाभी ने सारा पानी मेरे मुँह पर छोड़ा और फिर शांत हो गयी.

मैने उनका पानी चखा. नमकीन लेकिन स्वादिष्ट था. मैंने सिर उठा के देखा तो पाया भाभी गहरी साँसें ले रही थी और चेहरे पर एक तृप्त औरत की हल्की सी मुस्कान थी. मैं भाभी के उपर आ गया और ब्लाउस फड़कर उनकी चूचियाँ आज़ाद कर दी और निपल चूसने लगा. फिर भाभी का चेहरा प्यार से पकड़कर उनको चूमने लगा. भाभी भी मेरे चुम्मो का जवाब देने लगी. हम दोनो कई मिनिट तक एक दूसरे को चूमते रहे. मैने उनकी आँखें भी चूमी.

मेरा लंड और भाभी की चूत भी एक दूसरे को चूम रहे थे. मैं भाभी के कान में बोला "भाभी.... क्या मैं...?"

भाभी ने मुझे गले से लगाया और बोली "हाँ राजू.... डाल दे"

मैने झट से अपना लंड भाभी की चूत में डाला. छूट इतनी गीली थी की फ़ौरन मेरा लंड जड़ तक भाभी की चूत में घुस गया. मैने भाभी की चूत में अपने लंड ले खुदाई करने लगा. भाभी की चूत मेरे लंड को लील रही थी. मैं अपने लंड की मालिश भाभी की चूत से कर रहा था और भाभी के नर्म रसीले होंठ चूम रहा था.

जल्द ही मैं भी छूटने वाला था. भाभी मुझसे प्यार से चुदवा रही थी. उनके दोनो हाथ मेरे चूतड़ पर थे. मैं सोच रहा था की अपना माल कहाँ निकालू. अचानक मुझे याद आया की उस रात भैया भाभी को बच्चा देने वाले थे. ये ख़याल आते ही मुझसे रहा नही गया और मैं भाभी की चूत के अंदर ही छूट गया. छूटते समय मैने भाभी को फिर चूम लिया.

जब मैं पूरी तरह से छूट गया तो भाभी के उपर से उतरकर उनके बगल में लेट गया और प्यार से उनका पेट सहलाने लगा, ये सोचकर की शायद मेरा बच्चा अब इस पेट में पल रहा है. मैने भाभी को लेट-लेट अपनी बाहों में लिया. उन्होने भी मुझे अपनी बाहों में लिया. हम दोनों ने एक दूसरे को चूमा और चिपक कर सो गये.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
[+] 1 user Likes neerathemall's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: चचेरे भाई की बीवी - by neerathemall - 21-02-2019, 02:50 PM



Users browsing this thread: 2 Guest(s)