Thread Rating:
  • 1 Vote(s) - 5 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
चचेरे भाई की बीवी
#8
अगले दिन सुबह उठा तो आठ बज रहे थे. मैने देखा कि मैं नंगा ही सो गया था और वो भी दरवाज़ा खुला छोड़ के. मुझे डर लगा की कहीं किसी ने मुझे नंगा तो नही देख लिया. तभी अचानक मेरा ध्यान, कल रात की घटनाओं पर पडा. कैसे मैने भैया-भाभी की चुदाई देखी और कैसे अपना माल फर्श पर गिरा दिया था. भाभी का गोरा सुडौल शरीर याद करके मेरा आठ इंच आठ इंच का लंड पूरा तन कर खड़ा हो गया.

मैने झट से दरवाज़ा बंद किया और भाभी के बारे में सोच कर अपना लंड हिलाने लगा. मैने आँखें बंद की और भाभी का नंगा बदन मेरे सामने आया. नंगी चूचियाँ और उनपर चॉक्लेट जैसे भूरे निप्पल जिनको भाभी अपने एक हाथ से मसल रही थी. और उनका खूबसूरत पेट और उसपर उनकी प्यारी सी नाभि. भाभी अपनी कमर एक नौटंकी में नाचने वाली रंडी के जैसे मटका रही थी और मुझसे खुद को चोदने का आग्रेह कर रही थी.

इतने में मुझसे रहा नही गया और मैं छूट गया. ढेर सारा माल मेरे लंड से छूट कर नीचे चादर पर गिरकर इकट्ठा होने लगा. मैने नंगे ही लेटकर कुछ देर आराम किया और फिर मेरी आँख लग गयी.

कुछ देर बाद दरवाज़ा खटखटाने की आवाज़ ने मुझे जगाया. "क्यूँ देवर जी, रात को क्या घोड़े बेचे थे जो इतना देर तक सो रहे हो. जल्दी उठो, आज आपका कॉलेज का पहला दिन है. चलो उठो."

"हन भाभी, बस २ मिनिट" मैं भूल ही गया था की आज मुझे कॉलेज जाना है." मैं अपने कपड़े ढूँढने लगा. लेकिन मुझे मेरी चड्डी नही मिली, तो मैं बिना चड्डी के सिर्फ़ पायजामे में दरवाज़ा खोला. पायजामे में मेरे वीर्य ने एक गीला धब्बा बना दिया था और साथ ही चड्डी न होने की वजह से मेरा लंड पायजामे में झूल रहा था. मैने दरवाज़ा खोला तो भाभी बोली "सासू माँ उपर नही चढ़ पाती तो उन्होने मुझे भेजा है. चलो नहा धो के नीचे आ जाओ. नाश्ता कर लो"
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply


Messages In This Thread
RE: चचेरे भाई की बीवी - by neerathemall - 21-02-2019, 10:31 AM



Users browsing this thread: 2 Guest(s)