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Misc. Erotica गलती किसी की नहीं, लेकिन मजा आ गया
#7
“ओह हाँ, मैं भी अब काम बन्द करता हूँ, भाभी एक चुम्मा दे दो !”

मैं उठ कर बिस्तर पर बैठ गया। भाभी ने लाईट बन्द कर दी और कमरा भी अन्दर से बन्द कर दिया।

“अब चाहे कितनी भी बाते करो, कोई डर नहीं !”

“भाभी आप कितनी सुंदर हैं, आपके प्यारे नरम होंठ बार बार चूमने को मन करता है !”

“सच … तुम भी बहुत अच्छे हो… मेरे दिल में बस गये हो।”

“मुझसे बहुत प्यार करती हो ना …?”

हमारी प्यार भरी बातें बहुत देर तक चलती रहीं। मेरा दिल बहुत खुश था… भाभी और मैं बिस्तर पर लेट चुके थे… भाभी ने अपने गीले होंठ एक बार फिर मेरे गीले होठों से चिपका दिये। मेरा डण्डा तन गया था। भाभी मेरी पीठ को सहलाते हुये सामने पेट पर हाथ ले आई। भाभी के कड़े स्तन मेरी छाती से रगड़ खा रहे थे। वो बार बार अपनी चूंचियाँ मेरी छाती पर दबा दबा कर रगड़ रही थी। मुझे लगा कि जैसे मैं भाभी को सचमुच में प्यार करने लगा हूँ। मैंने अपने प्यार का इजहार भी कर दिया,”भाभी सच कहूँ तो मैं तुमसे प्यार करने लगा हूँ, तुम्हारे बिना अब नहीं रहा जायेगा !”

“आह, मेरे कमल, तुमने तो मेरे दिल की बात की बात कह दी, मैं भी कैसे रह पाऊंगी तुम्हारे बिना… ?!!”

“पर भाभी, बड़े भैया का क्या होगा…?”
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: गलती किसी की नहीं, लेकिन मजा आ गया - by neerathemall - 21-02-2019, 10:19 AM



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