21-02-2019, 10:14 AM
मैं केवल अंडरवियर और बनियान में ही सोता हूँ तो उस दिन भी मैं वैसे ही सो रहा था और मैंने एक चादर ओढ़ रखी थी।
बातें करते करते हमें साढ़े बारह बज गए और कृति भी सो चुकी थी इसलिए हम भी सोने लगे लेकिन मैं अभी भी दीदी को चोदने के बारे में ही सोच रहा था। पर मेरे और दीदी के बीच में कृति आ रही थी तो मैंने सोचा कि आज तो कुछ नहीं हो सकता।
और मैं भी सोने लगा पर भगवान को तो यह मंजूर नहीं था इसलिए लगभग आधे घंटे बाद कृति की नींद खुल गई और इससे दीदी की भी नींद खुल गई और दीदी उसे चुप कराने लग गई पर उसके चुप न होने पर दीदी ने उसे दूध पिलाने की सोची। क्योंकि दीदी ने पहले उसे अपने दायें स्तन से दूध पिलाया था इसलिए उसे अपने बायें स्तन से दूध पिलाने के लिए दीदी बीच में आ गईंऔर कृति को बेड की बाईं तरफ सुला दिया और दूध पिलाने लगी।
यह सब देख मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। थोड़ी देर बाद कृति फिर से सो गई और दीदी की भी नींद लग गई। दीदी अपनी गांड मेरी तरफ करके सोयी हुई थी और जैसा कि मैंने बताया था कि हम सिंगल बेड पर थे इसलिए जगह भी कम थी तो मैं थोड़ा दीदी की तरफ सरक गया। अब मेरा लंड जो पहले से ही खड़ा हुआ था, अब मेरी दीदी की गांड से छूने होने लगा था, मुझे इसमें बहुत मजा आ रहा था, मैंने अपना लंड अंडरवियर के बाहर निकाल लिया और दीदी की मेक्सी के ऊपर से ही धीरे-धीरे उनकी गांड मारने लगा।
अभी तक दीदी की नींद नहीं खुली थी तो मेरी हिम्मत और बढ़ गई और अब मैंने पीछे से दीदी के कंधे पर हाथ रखकर उन्हें सीधा लेटा दिया, दीदी ने थोड़ी बहुत हलचल की पर वो अभी भी नींद में ही थी। दीदी का एक स्तन अभी भी बाहर ही था क्योंकि उन्होंने कृति को दूध पिलाने के बाद उसे अन्दर नहीं किया था।
यह देखकर मैंने अपना एक हाथ धीरे से उनके खुले स्तन पर रख दिया और उसे सहलाने लगा और साथ में उसे दबाने भी लगा। फिर मैंने दीदी की मेक्सी के सारे बटन खोल दिए और मुझे उनकी ब्रा दिखने लगी, मैं ब्रा के ऊपर से ही दीदी के चूचों को मसल रहा था और दीदी अभी भी सोयी हुई थी तो मैंने अपना एक हाथ दीदी की जांघ पर रख दिया और उसे ऊपर से ही सहलाने लगा। फिर मैंने धीरे-धीरे अपना हाथ दीदी की चूत के ऊपर रख दिया और मेक्सी के ऊपर से ही चूत की दरार में अपनी उंगलियाँ फेरने लगा।
बातें करते करते हमें साढ़े बारह बज गए और कृति भी सो चुकी थी इसलिए हम भी सोने लगे लेकिन मैं अभी भी दीदी को चोदने के बारे में ही सोच रहा था। पर मेरे और दीदी के बीच में कृति आ रही थी तो मैंने सोचा कि आज तो कुछ नहीं हो सकता।
और मैं भी सोने लगा पर भगवान को तो यह मंजूर नहीं था इसलिए लगभग आधे घंटे बाद कृति की नींद खुल गई और इससे दीदी की भी नींद खुल गई और दीदी उसे चुप कराने लग गई पर उसके चुप न होने पर दीदी ने उसे दूध पिलाने की सोची। क्योंकि दीदी ने पहले उसे अपने दायें स्तन से दूध पिलाया था इसलिए उसे अपने बायें स्तन से दूध पिलाने के लिए दीदी बीच में आ गईंऔर कृति को बेड की बाईं तरफ सुला दिया और दूध पिलाने लगी।
यह सब देख मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। थोड़ी देर बाद कृति फिर से सो गई और दीदी की भी नींद लग गई। दीदी अपनी गांड मेरी तरफ करके सोयी हुई थी और जैसा कि मैंने बताया था कि हम सिंगल बेड पर थे इसलिए जगह भी कम थी तो मैं थोड़ा दीदी की तरफ सरक गया। अब मेरा लंड जो पहले से ही खड़ा हुआ था, अब मेरी दीदी की गांड से छूने होने लगा था, मुझे इसमें बहुत मजा आ रहा था, मैंने अपना लंड अंडरवियर के बाहर निकाल लिया और दीदी की मेक्सी के ऊपर से ही धीरे-धीरे उनकी गांड मारने लगा।
अभी तक दीदी की नींद नहीं खुली थी तो मेरी हिम्मत और बढ़ गई और अब मैंने पीछे से दीदी के कंधे पर हाथ रखकर उन्हें सीधा लेटा दिया, दीदी ने थोड़ी बहुत हलचल की पर वो अभी भी नींद में ही थी। दीदी का एक स्तन अभी भी बाहर ही था क्योंकि उन्होंने कृति को दूध पिलाने के बाद उसे अन्दर नहीं किया था।
यह देखकर मैंने अपना एक हाथ धीरे से उनके खुले स्तन पर रख दिया और उसे सहलाने लगा और साथ में उसे दबाने भी लगा। फिर मैंने दीदी की मेक्सी के सारे बटन खोल दिए और मुझे उनकी ब्रा दिखने लगी, मैं ब्रा के ऊपर से ही दीदी के चूचों को मसल रहा था और दीदी अभी भी सोयी हुई थी तो मैंने अपना एक हाथ दीदी की जांघ पर रख दिया और उसे ऊपर से ही सहलाने लगा। फिर मैंने धीरे-धीरे अपना हाथ दीदी की चूत के ऊपर रख दिया और मेक्सी के ऊपर से ही चूत की दरार में अपनी उंगलियाँ फेरने लगा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


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