14-05-2020, 11:26 PM
मैंने भाभी के हाथ को पकड लिया और दबा दिया , मैं पूरी गर्म हो गयी थी , फिर भाभी बोली ...
सुमन भाभी - निहारिका , यह मूवी तू ले जा और आराम से देखलेना ,
मैं मन मैं सोच रही थी, भाभी यह जुल्म मत करो, कुछ करो मेरे साथ , कुछ ऐसा ही......
..................
प्रिय सहेलिओं ,
निहारिका का प्यार भरा नमस्कार ,
अब आगे ,
जी, आज तो जुल्म ही हो रहा था मेरे साथ, वो पूरी नंगी दोनों लड़कियां इधर सुमन भाभी आधी नंगी मेरी ब्रा कुर्ती मैं खुली हुई और नीचे वाली गीली उफ़ आज तो मैं फिर सिहर गयी उस दिन को याद कर के .
मेरी सहेलियों क्या आपके साथ भी ऐसा कुछ हुआ हो तो जरा बताने का कृपा करे, अपने पहले अनुभव को शेयर करे ताकि मैं और बाकि सहेलियां भी अपनी चाशनी टपका सके.
हम्म,
अपने ऊपर जुल्म होते हुए देख रही थी, और सुमन भाभी एक कुशल शिकारी कि तरह घात लगाये बैठी थी और मैं एक बकरी कि तरह कटने को तैयार. उस पर भाभी का कहना "निहारिका , यह मूवी तू ले जा और आराम से देख लेना", दिल नहीं मान रहा था और दिमाग कह रहा था कि निहारिका मौका मिल रहा है भाग ......
मैं इसी कशमकश मैं बैठी थी कि, और भाभी ने मूवी बंद कर दी और मेरा मोबाइल लिया और उसमे डाल दी और बोली , अकेले मैं ही देखना - ज़माने मैं नहीं.
मैं - उफ़ क्या बताऊ सहेलियियो मैं हिलने कि भी नहीं रही थी, फिर भाभी उठी और प्यार से मेरे सर पर हाथ फेरा मेरे बाल ठीक किये बिलकुल पास आ कर ..
मैं सोची थी कि अब कुछ वैसा ही होगा मेरे साथ ....... वो 40 सेकंड्स मेरे लिए इस कदर भारी थे न साँस ली जाए और न छोड़ी जाये - मेरी आंख बंद , होंठ काँप रहे थे भाभी के होंटो के लिए उनकी लिपस्टिक कि खुशबू मेरी नाक मैं जा रही थी और मैं मदहोंश बैठी थी इंतज़ार मैं..........
सुमन भाभी एकदम पास मैं और उनके जोबन मेरे जोबन से टकराए उफ़ कितने बड़े और नरम थे , एक और हल्का दबाव बना और उनके हाथ मेरी कुर्ती मैं थे , उफ़ माँ, मेरा बदन एकदम ठंडा लगा और उनके हाथ गर्म जैसे तंदूर हो , फिर उनके हाथ मेरी पीठ पर घुमने लगे मेरी एकदम चिकनी सपाट पीठ उनके हवाले थी और मैं बस उनके रहमो करम पर अपनी जवानी लुटाने को तैयार थी, अचानक उनके हाथ मेरी खुली हुई ब्रा के स्ट्रैप्स पर गयी और सुमन भाभी ने दोनों स्ट्रैप्स खेंच कर हुक लगा दिया और कान मैं कहा .....
सुमन भाभी - बन्नो, अभी बहुत कुछ सीखना बाकि है, अभी यह मूवी देख ले फिर कभी ... प्यार से ....... प्यार कि बात ..
मैं जैसे कोई सपने से बाहर आई , और सुमन भाभी के गले लग गयी, मेरी सांस बहुत तेज़ चल रही थी मुह से कोई आवाज नहीं निकल पा रही थी और बोलिती भी क्या - करती भी क्या -- पता ही नहीं था कुछ.....
मैं - जी भाभी , अब जाऊ ..... काफी देर हो गयी हैं.
सुमन भाभी - हम्म, एक बार आ तो इधर , बता कैसा लगा तुजे,
फिर भाभी को मैं कुछ कहती उससे पहेले ही उन्होंने मेरी नीचे वाली पर हाथ लगा दिया जो कि पूरी भीगी हुई थी हालाँकि हाथ लेगिंग्स के उपर ही था पर मेरे लिए उफ़, क़यामत के बराबर था.....
मैं - कसमसाते हए , धीरे से बोली , .... सुमन भाभी वो सब आछा लगा.... मेरा पहेली बार था, यह सब देखना और इतना गीली कभी नहीं हुई थी जितना आज हुई हूँ.
सुमन भाभी - हम्म, यही पूछना था कि अच्छा लगा या नहीं , बाकि बात फिर कभी जब तुजे टाइम मिले आ जाना ..... अपनी भाभी के पास.......
मैं - जी सुमन भाभी ....... अब ...................... जाऊ
मन तो मेरा था नहीं , जी तो यह चाह रहा था की सुमन भाभी मना कर दे और मैं यही रुक जाऊ और.....
पर यह हो न सका अब घर जान था तो धीरे - धीरे अपनी रसभरी नीचे वाली को लेकर चल दी बेडरूम के दरवाजे तक, कि सुमन भाभी कि आवाज आइ -- निहारिका ..
मेरी आँखों मैं उम्मीद कि किरण और चमक .... सुन ली ऊपर वाले ने ......
सुमन भाभी - निहारिका , ऐसे जाएगी बाहर .... बिना दुपट्टे के ..... सबको पता चल जायेगा .ही ही
उफ़, मैं भी किती पागल हूँ, जा रही थी वो भी बिना दुपट्टे के, माँ तो मार ही डालती घर मैं ... और उस से पहेले रास्ते मैं लोगो कि नजर ... रास्ते मैं .... बचा लिया सुमन भाभी ने आज तो .
उनके हाथ से लिया दुपट्टा और अनमने मन से दाल लिया एक कंधे पर ....... सुमन भाभी बोली अरे ठीक से डाल ऐसे क्या ....
फिर उन्होंने मेरा दुपट्टा लिया और दोनों साइड पर पिन लगा कर बीच मैं से "v" शेप बना दिया अब मेरे जोबन दिखाई भी दे रहे थे और ढंके भी थे ..
आईने मैं देख कर खुद को ..... धीरे से बोला " सेक्सी" ... और स्माइल ..
अब मैं जाने को तैयार थी ...... मैन गेट पर सुमन भाभी और मैं ....... एक दुसरे को सिर्फ देख रही थी कुछ देर फिर सुमन भाभी ने मेरे होंटो पर एक "लिटिल किस" दी , बस लिप्स से लिप्स टच कर के ..... फिर बोली अब जा ..... और कण्ट्रोल नहीं हो रहा है मुझसे .....
मैं --[ मन मैं ] सुमन भाभी कण्ट्रोल तो मुज से भी नहीं हो रहा और सबूत तो आपके हाथ मैं ही है "मेरी चाशनी" .. रोक लो न ......
एक ही शब्द निकल पाया मुह से . "जी "
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इंतज़ार मैं। ........
आपकी निहारिका
सहेलिओं , पाठिकाओं, पनिहारिनों, आओ कुछ अपनी दिल की बातें करें -
लेडीज - गर्ल्स टॉक - निहारिका