14-05-2020, 03:07 PM
(14-05-2020, 08:42 AM)@Kusum_Soni Wrote: रात को थोड़ी सेवा ज्यादा हो गयी तो दर्द हो रहा है पीछे खरबूजों के बीच में ऊफ़्फ़ लाज भी बहुत आती है पर बताने से रह भी तो नहीं पाती आपबीती
कुसुम बड़े मजे ले रही हो
बराबर चिकनाई चुपड़ते रहना खास कर
उस सिक्के पर समझ गयी होंगी ना
पूनम जी प्रणाम
क्या बात है बहुत सेवा करवा रही हो गोल मटोल खरबूजों की
उस दरार में जब मर्दाना उंगली चलती है ऊफ़्फ़
जिसने ये आनंद भोगा होगा वो इस लज्जत को महसूस कर सकती है उफ्फ्फ
उस भूरे सिक्के पर सिर्फ नेचुरल लुुुब्रिकेशन लगती है वो भी उन के ही हाथों सेे बस
बाकी कहाँ उन को मंजूर कुछ भी
मजाल जो कुछ भी चुपड़ लूं
मेरा दर्द देख के खुद को मजा आता है अपनी मर्दानगी तब ही महसूस होती है जब में जम के चीख़
चिल्लाहट मचाती हूँ तब उन को जोश चढ़ता है
रात भर फाड़ के रख देते है ऊफ़्फ़
क्या बताऊँ
निहारिका जी,आप,कोमल जी,विद्या सभी खूब खरबूजे लाल करवा रही हो
खूब थप्पड़ खा रही हो
लो लो खूब मजे,जम के उस कसी दरार में उंगलियां चलवाओ ओर खूब मस्तियाँ लूटो
साथ ही लाजवाब अपडेट निहारिका जी बस धक्कों का इंतज़ार कर रही हूं
मर्द के तो खा ही रही हूं,पर जब कोई साड़ी साये वाली चढ़ती है ना ऊपर मजा अलग ही आता है
समझ रही हो ना
इंतज़ार रहेगा !!
कुसुम जी,
मेरा प्यार भरा नमस्कार !
गोल मटोल खरबूजों - कि तो बात ही क्या ऐसा लगता है कि यह खरबूजे तो हमारी वाट लगवाने के लिए तारे हुए हैं, और आपने सही कहा कि - जब मर्दाना उंगली चलती है ऊफ़्फ़ , एक करंट सा जोबन तक और नीचे वाली गीली, आज कल तो पेंटी हैं ही नहीं तो सीधा साड़ी - साया और उनकी ऊँगली ..... कुछ कहते नहीं बनता बस मुड के देख लेती हूँ और वो हंस देते हैं .
"मेरा दर्द देख के खुद को मजा आता है अपनी मर्दानगी तब ही महसूस होती है जब में जम के चीख़ चिल्लाहट मचाती हूँ तब उन को जोश चढ़ता है रात भर फाड़ के रख देते है ऊफ़्फ़ क्या बताऊँ "
यह साला दर्द देकर प्यार - समझ नहीं आता और तो और हम भी बराबर के भागीदार पर उनके जोश को देखकर मजा आ जाता हैं जब रगड़ाई हो रही होती हैं न ...... सच्ची ... अब शब्द ही कम पड़ गए.
" साड़ी साये वाली चढ़ती है ना ऊपर मजा अलग ही आता है" - सच्ची - कुसुम जी वो मजा अलग होता हैं , कोई मुकाबला ही नहीं, कमसिन, जवानी गर्म जोबन और गीली "वो" साथ मैं चाशनी का स्वाद, हर बार अलग .....
आप आ जाती हो तो एक नयी तरंग आ जाती हैं, जब भी समय मिले ......
इंतज़ार मैं। ........
आपकी निहारिका
सहेलिओं , पाठिकाओं, पनिहारिनों, आओ कुछ अपनी दिल की बातें करें -
लेडीज - गर्ल्स टॉक - निहारिका