13-05-2020, 07:15 PM
धीरे धीरे हर्ष और दीपा एक दूसरे से खुलने लगे। हर्ष के मजाक का जवाब दीपा भी मजाक के रूप में वापस करती थी। कुछ हफ्तों में हल्का मजाक डबल मीनिंग बातों में बदल गया। हर्ष ने सोचा भी नहीं था की दीपा इतने जल्दी उसका साथ देने लग जाएगी। यहाँ पर सब उल्टा हो रहा था। शेरनी अब शेर पर भारी पड़ रही थी। वो बोलते है ना की अगर शेर के मुँह खून लग जाये तो वो और प्यासा हो जाता है। दीपा के इस अंदाज़ ने हर्ष को पागल ही कर दिया था। उसका बस चलता तो वो फ़ोन की स्क्रीन पर ही दीपा की टाँगे फैला कर उसकी चुत में अपनी जीभ डाल देता लेकिन अफ़सोस अभी तक ऐसे तकनीक बनी ही नहीं थी।
दोनों को अब बात करते हुए 5 महीने हो गए थे और दोनों को पता चल चूका था की अब ज्यादा दिन नहीं है जब हर्ष दीपा के जिस्म मे चढाई करके उसकी चुत को अपने लंड का गुलाम बना देगा और दीपा की चुत भी अपनी दोनों फाके खोल कर हर्ष के लंड को अंदर लेगी जहाँ हर्ष के लंड का स्वागत दीपा की चुत अपना पानी छोड़ कर करेगी। उस बरसात के बाद दीपा की चुत हमेशा के लिए हर्ष की हो जाएगी और दीपा की चुत खुशी मे अपना पानी बाहर निकलेगी जो पिछले 9 सालो से लबालब भरा हुआ था। दोनों को अपना भविष्य दिखने लग गया था। दीपा भी बहुत बार हर्ष को सोच कर अपनी चुत मे ऊँगली क्र चुकी थी। दीपा की पैंटी मे उसके काम रास के धब्बे इस बात की गवाही दे रहे थे की दीपा हर्ष के लंड को अपना मान चुकी थी और वो उस लंड से अपनी सारी अधूरी हसरते पूरी करना चाहती थी जो राजू के साथ अधूरी रह गयी थी। उसको विश्वास था की हर्ष का लंड उसको वही सुख देगा जो उसको पति के लंड से मिलता था। वो मन ही मन हर्ष के लंड को मान चुकी थी,बस देर इस बात की थी की कब वो लंड दीपा के हाथ मे आएगा और दीपा उसका माल निकल कर उससे अपनी मांग भरेगी।
वही दूसरी तरफ हर्ष का भी वही हाल था। वो अनगिनत बार सपनो मे दीपा की चुत को रगड़ चूका था। उसने तो ये भी सोच लिया था की वो कैसे कैसे और कहाँ कहाँ दीपा को चोदेगा। दोनों बहुत बार अपनी सेक्सुअल ज़िन्दगी के बारे मे बात कर चुके थे। हर्ष यही सोच कर पागल हो जाता था की जो चुत पिछले 9 सालो से नहीं चुदी वो कैसी होगी। क्या दीपा की चुत का मॉस बाहर तो लटकता होगा या फिर वो चुत एक 24 25 की औरत जैसे होगी जो चुदी तो होगी लेकिन उसमे कसाव अभी भी काफी होगा। क्या वो अपने से 20 साल बड़ी औरत जो पिछले 9 साल से नहीं चुदी हो,की चुत की प्यास भुजा पायेगा। ये हर्ष के लिए भी एक इम्तेहान था जहाँ उसकी मर्दानगी और लंड की इज्जत दोनों दाँव पर लगने वाली थी। दोनों ही काफी करीब आ गए थे लेकिन हर्ष ने दीपा को कभी ऐसा प्रतीत नहीं होने दिया की उसको एक मात्र मकसद दीपा की चुत है। हर्ष ने कभी भी दीपा से उसकी नंगी तस्वीर नहीं मांगी। लेकिन हर दूसरे तीसरे दिन दीपा हर्ष को सुबह नाहा धो क्र तैयार होने क बाद अपनी फोटोज क्लिक करके भेज देती थी और हर्ष को भी उस फोटोज से एक अलग ही संतुस्ती मिलती थी। हर्ष अपने दिमाग मे दीपा के सूट के अंदर छुपे चूचियों की तस्वीर उकेरता था और ये सोचने लगता की उसकी चूचिया कैसी होगी,उसके निप्पल्स कितने बड़े और किस रंग के होंगे। उसकी चूचियों का areola कितना घाना और किस रंग का होगा। क्या उसकी चूचिया जो फोटो मे कसी हुई नज़र आती है,असलियत मे भी ऐसे ही होंगी या सिर्फ ब्रा के नादर कैद होने की वजह से इतनी सुडोल नज़र आती है। क्या होगा जब उसका लंड इन दो चूचियों के बीच मे होगा? कैसा होगा वो एहसास जो वो इन चूचियों के बीच मे अपना चेहरा रखेगा,कैसे महक होगी उसकी चूचियों की? क्या उसकी चूचिया भी उसके चेहरे जितनी कड़क होगी या फिर उसके दिल जितनी मुलायम? कैसा होगा वो मंज़र जब दीपा घोड़ी बन कर उसका लंड चूसेगी और उसकी 36 साइज की चूचिया हवा मे हिल रही होगी? तब कहाँ होगा उसका ध्यान-दीपा के चेहरे पर जहाँ सख्त चेहरा उसके लंड को पूरा गले तक उतार रहा होगा या फिर उन चूचियों पर जो अपने वजह के भार से पेंडुलम की तरह इधर उधर हिल रही होगी। ये सब सोचते सोचते कब वो मुठ मार लेता है उसको पता भी नहीं चल पता। ऐसा जादू था दीपा का हर्ष के ऊपर।
दोनों को अब बात करते हुए 5 महीने हो गए थे और दोनों को पता चल चूका था की अब ज्यादा दिन नहीं है जब हर्ष दीपा के जिस्म मे चढाई करके उसकी चुत को अपने लंड का गुलाम बना देगा और दीपा की चुत भी अपनी दोनों फाके खोल कर हर्ष के लंड को अंदर लेगी जहाँ हर्ष के लंड का स्वागत दीपा की चुत अपना पानी छोड़ कर करेगी। उस बरसात के बाद दीपा की चुत हमेशा के लिए हर्ष की हो जाएगी और दीपा की चुत खुशी मे अपना पानी बाहर निकलेगी जो पिछले 9 सालो से लबालब भरा हुआ था। दोनों को अपना भविष्य दिखने लग गया था। दीपा भी बहुत बार हर्ष को सोच कर अपनी चुत मे ऊँगली क्र चुकी थी। दीपा की पैंटी मे उसके काम रास के धब्बे इस बात की गवाही दे रहे थे की दीपा हर्ष के लंड को अपना मान चुकी थी और वो उस लंड से अपनी सारी अधूरी हसरते पूरी करना चाहती थी जो राजू के साथ अधूरी रह गयी थी। उसको विश्वास था की हर्ष का लंड उसको वही सुख देगा जो उसको पति के लंड से मिलता था। वो मन ही मन हर्ष के लंड को मान चुकी थी,बस देर इस बात की थी की कब वो लंड दीपा के हाथ मे आएगा और दीपा उसका माल निकल कर उससे अपनी मांग भरेगी।
वही दूसरी तरफ हर्ष का भी वही हाल था। वो अनगिनत बार सपनो मे दीपा की चुत को रगड़ चूका था। उसने तो ये भी सोच लिया था की वो कैसे कैसे और कहाँ कहाँ दीपा को चोदेगा। दोनों बहुत बार अपनी सेक्सुअल ज़िन्दगी के बारे मे बात कर चुके थे। हर्ष यही सोच कर पागल हो जाता था की जो चुत पिछले 9 सालो से नहीं चुदी वो कैसी होगी। क्या दीपा की चुत का मॉस बाहर तो लटकता होगा या फिर वो चुत एक 24 25 की औरत जैसे होगी जो चुदी तो होगी लेकिन उसमे कसाव अभी भी काफी होगा। क्या वो अपने से 20 साल बड़ी औरत जो पिछले 9 साल से नहीं चुदी हो,की चुत की प्यास भुजा पायेगा। ये हर्ष के लिए भी एक इम्तेहान था जहाँ उसकी मर्दानगी और लंड की इज्जत दोनों दाँव पर लगने वाली थी। दोनों ही काफी करीब आ गए थे लेकिन हर्ष ने दीपा को कभी ऐसा प्रतीत नहीं होने दिया की उसको एक मात्र मकसद दीपा की चुत है। हर्ष ने कभी भी दीपा से उसकी नंगी तस्वीर नहीं मांगी। लेकिन हर दूसरे तीसरे दिन दीपा हर्ष को सुबह नाहा धो क्र तैयार होने क बाद अपनी फोटोज क्लिक करके भेज देती थी और हर्ष को भी उस फोटोज से एक अलग ही संतुस्ती मिलती थी। हर्ष अपने दिमाग मे दीपा के सूट के अंदर छुपे चूचियों की तस्वीर उकेरता था और ये सोचने लगता की उसकी चूचिया कैसी होगी,उसके निप्पल्स कितने बड़े और किस रंग के होंगे। उसकी चूचियों का areola कितना घाना और किस रंग का होगा। क्या उसकी चूचिया जो फोटो मे कसी हुई नज़र आती है,असलियत मे भी ऐसे ही होंगी या सिर्फ ब्रा के नादर कैद होने की वजह से इतनी सुडोल नज़र आती है। क्या होगा जब उसका लंड इन दो चूचियों के बीच मे होगा? कैसा होगा वो एहसास जो वो इन चूचियों के बीच मे अपना चेहरा रखेगा,कैसे महक होगी उसकी चूचियों की? क्या उसकी चूचिया भी उसके चेहरे जितनी कड़क होगी या फिर उसके दिल जितनी मुलायम? कैसा होगा वो मंज़र जब दीपा घोड़ी बन कर उसका लंड चूसेगी और उसकी 36 साइज की चूचिया हवा मे हिल रही होगी? तब कहाँ होगा उसका ध्यान-दीपा के चेहरे पर जहाँ सख्त चेहरा उसके लंड को पूरा गले तक उतार रहा होगा या फिर उन चूचियों पर जो अपने वजह के भार से पेंडुलम की तरह इधर उधर हिल रही होगी। ये सब सोचते सोचते कब वो मुठ मार लेता है उसको पता भी नहीं चल पता। ऐसा जादू था दीपा का हर्ष के ऊपर।