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पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ
कभी कभी जिंदगी में ऐसी बात और घटना हो जाती है जिससे पता नहीं चलता है कि जिंदगी आपको किस मोड़ पर ले जा रही है. आज मैं अपने जिन्दगी कि सबसे बड़ी घटना या तो कहिये कि सबसे बड़ा सुख जो कि मैं आप लोगो कि सामने रखने जा रही हु.

मैं गरीब घर कि लड़की हु, मेरे पापा का देहांत बहूत पहले हि हो गया है. मेरे से बड़ा मेरा बड़ा भाई है. घर कि हालात अच्छी नहीं थी इस वजह से शादी के बड़े बड़े सपने नहीं देखे हमने, सिर्फ ऐसा लग रहा था कि किसी तरह से मेरे हाथ पीले हो जाये. इससे ज्यादा कुछ भी अरमान नहीं था, मेरी शादी हो गयी जैसे तैसे, लड़का मेरे से दुने उम्र का था वो चालीस साल का था और मैं बीस साल कि कच्ची कलि थी, मेरी चूत में झांट भी सही तरीके से नहीं हुआ था और उसका मोटा और विकराल लंड देखकर मेरे पसीने निकल रहे थे. जिस दिन मेरा सुहागरात था, मैं डर गई कि कि मेरी चूत का क्या हाल होगा, मैं परेशान हो रही थी, जब वो बात करना शुरू किया तो पता चला कि वो हकला है. मेरे गाँव के एक चाचा ने मेरी शादी तय कि थी शादी के पहले मैंने ना तो कभी बात कि थी, ना तो मुझे किसी ने बताया था कि लड़का हकला है.

बात आगे बढ़ी, उसने मेरा हाथ पकड़ा और आ आ आ आ ईई लो ओ ओ ओ व् यू कहा, दोस्तों मैं सिर्फ सर उठा कर देखि अपनी कजराई आँखों से. मेरा पति भी काफी घबराया हुआ था. फिर उसने मेरे सारे कपडे उतार दिए, और मुझपर टूट पडा, कभी चूचियां दबाता कभी चुचिया पिता कभी वो होठ को ऊँगली से छूता कभी मेरे गाल पर चूमता, उसकी साँसे बहूत तेज तेज चल रही थी. और धीरे धीरे मुझे भी खुमार चढ़ने लगा था, क्यों कि मैं भी गदराई हुई जवानी में थी. ऐसा लग रहा था, कि मेरे अन्दर एक तूफ़ान से खड़ा होने बाला था. मेरी चुचियाँ तन गयी थी. रोम रोम खड़े हो रहे थे. मैं अपने पति को अपने बाहों में भर ली. और चूमने लगी. अब वो परेशान होने लगा. लंड उसका खड़ा था मुझे लग रहा था कि काश वो मेरी चूत में अपने लंड को समा दे. एक तो डर भी रही थी कि पता नहीं क्या हाल होगा. और दूसरी तरफ से ऐसा लग रहा था कि आज मेरी चूत का उद्घाटन कर दे. मैंने उसके लंड को पकड़ लिया क्यों को मैं काफी ज्यादा kamuk हो चुकी थी, पर दोस्तों जैसे हि मैंने लंड को पकड़ा, उसका सारा वीर्य झड गया. और लंड वापस २इन्च का हो गया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Pahli bar bahan k sath picnic - by neerathemall - 14-02-2019, 03:18 AM
RE: पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ - by neerathemall - 21-02-2019, 03:07 AM
RE: Soni Didi Ke Sath Suhagraat - by neerathemall - 26-04-2019, 12:23 AM
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