21-02-2019, 02:57 AM
मेरी बहन सरिता दीदी का ही है, शादी में लेट क्या हो रहा है वो मुझे ही अपने जाल में फंसा ली और अब मुझसे ही चुदवाती है और वो भी रोज रोज मुझे कभी कभी डर भी लगता है की कही मेरी दीदी मुझसे ही प्रेग्नेंट ना हो जाये, पर मैं कर भी क्या सकता हु, वो अब मुझे कहती है की ये बात किसी और की नहीं बताना, थोड़े दिन की ही तो बात है फिर मेरी शादी हो जाएगी और मैं अपने पति के पास चली जाउंगी फिर तुम्हे तंग नहीं करुँगी, मैं इसलिए चुप हु क्यों की मुझे भी लगता है की कही अगर मैं नहीं चोदा तो वो कही और चुदबायेगी इसलिए अच्छा है की अपने घर की इज्जत अपने ही घर में रह जाये.
दोस्तों पहले तो मुझे लग रहा था की मैं ये कहानी किसी और को नहीं बताऊँ पर मेरा मन नहीं मान रहा था, मेरे अंदर ये बात काटे खा रहा था की क्या मैं सही कर रहा हु क्या मैं गलत कर रहा हु, मैं अपने दिल का बोझ ख़तम करने के लिए आप लोगो को सामने अपनी
मैं उत्तर प्रदेश के एक छोटे से शहर में रहता हु, मैं आपको शहर का नाम नहीं बताऊंगा क्यों की मैं अपनी पहचान जाहिर नहीं करना चाहता, मेरे घर में मैं मेरी बहन सरिता दीदी मेरे पापा और मेरी माँ है. पापा को ढाबा है जीटी रोड पर वो अक्सर ढाबा में ही रहते है और वही सोते है. ये जो चुदाई की शुरुआत है वो तब की है जब मेरी माँ नानी घर गयी थी क्यों की नानी की तबियत ख़राब थी, हम घर में दोनों भाई बहन थे, मैं २१ साल का हु और मेरी बहन २६ साल की है. उसके लिए काफी लड़का ढूढ़ रहे है पर अभी तक कोई काबिल नहीं मिला है. जब से उसके लिए लड़का ढूंढने का काम शुरू हुआ था तब से वो ना जाने किस ख्वाब में रहने लगी, देर रात तक जागती, कभी कभी उसका पलंग से आवाज आने लगता, मैंने धीरे धीरे नोटिस करना चालू किया की वो आखिर रात में करती क्या है की जोर जोर से पलंग हिलता और आवाज आती. मुझे ऐसा लगने लगा की वो शायद अपने चूत में कुछ डालती है और थोड़े देर में शांत होती है और फिर सो जाती है.
ये सारे कारनामा हम रोज रोज देखते थे, क्यों की हम दोनों एक ही कमरे में सोते थे, पर अलग अलग पलंग पर सोते थे, कुछ दिन बाद मैंने नोटिस किया की वो रात में अपनी पेंटी और ब्रा खोल कर सोने लगी. क्यों की उसकी चूचियां साफ़ साफ़ नजर आती थी उसकी नाईटी से, बड़ी बड़ी सॉलिड सॉलिड, दोस्तों मेरा भी मन ख़राब होने लगा, अपनी बहन की इस हरकत से, है भी बहूत ही हॉट, सरिता दीदी की साइज ३६-२४- ३६ है, दोस्तों किसी का भी दिमाग ख़राब हो जाये उसके चूतड़ को पीछे से देखकर और आगे से उनकी चूचियों को देखकर, बड़े बड़े लंबे लंबे बाल गुलाबी होठ, लंबी और गोरी जबरदस्त दिखती है. जब वो काजल और होठ को गुलाबी रंग से रंगती है तब तो वो सेक्स की देबि लगती है.
दोस्तों ऐसे ही दिन बीतने लगा. मैं भी रात में मजे लेने लगी. अब मैं भी अपनी आँख अपनी बहन को देखकर सेकने लगा. उस दिन की बात है जब माँ नानी के यहाँ गई थी. रात के करीब ११ बजे थे गर्मी का दिन था. वो हल्का सा बेडशीट ओढे थी. मैं सोने का नाटक करने लगा. तभी फिर से उसका पलंग हिलने लगा. फिर करीब दस मिनट में ही शांत हो गई. मैं समझ गया की मेरी दीदी आज भी अपने चूत में शायद बैगन पेल रही है. तभी वो उठी, उसकी चुचिया साफ़ साफ़ टाइट दिख रही थी. निप्पल भी साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा था. जब वो उठी और बाथरूम के तरफ जाने लगी. उसकी चूतड़ हिलोरे मारते हुए चलने लगी. गजब की लग रही थी बाल निचे तक थे खुला हुआ, मैं तो मर गया दोस्तों, मेरा लंड खड़ा हो गया, ऐसा लग रहा था की मैं चोद दू,
दोस्तों पहले तो मुझे लग रहा था की मैं ये कहानी किसी और को नहीं बताऊँ पर मेरा मन नहीं मान रहा था, मेरे अंदर ये बात काटे खा रहा था की क्या मैं सही कर रहा हु क्या मैं गलत कर रहा हु, मैं अपने दिल का बोझ ख़तम करने के लिए आप लोगो को सामने अपनी
मैं उत्तर प्रदेश के एक छोटे से शहर में रहता हु, मैं आपको शहर का नाम नहीं बताऊंगा क्यों की मैं अपनी पहचान जाहिर नहीं करना चाहता, मेरे घर में मैं मेरी बहन सरिता दीदी मेरे पापा और मेरी माँ है. पापा को ढाबा है जीटी रोड पर वो अक्सर ढाबा में ही रहते है और वही सोते है. ये जो चुदाई की शुरुआत है वो तब की है जब मेरी माँ नानी घर गयी थी क्यों की नानी की तबियत ख़राब थी, हम घर में दोनों भाई बहन थे, मैं २१ साल का हु और मेरी बहन २६ साल की है. उसके लिए काफी लड़का ढूढ़ रहे है पर अभी तक कोई काबिल नहीं मिला है. जब से उसके लिए लड़का ढूंढने का काम शुरू हुआ था तब से वो ना जाने किस ख्वाब में रहने लगी, देर रात तक जागती, कभी कभी उसका पलंग से आवाज आने लगता, मैंने धीरे धीरे नोटिस करना चालू किया की वो आखिर रात में करती क्या है की जोर जोर से पलंग हिलता और आवाज आती. मुझे ऐसा लगने लगा की वो शायद अपने चूत में कुछ डालती है और थोड़े देर में शांत होती है और फिर सो जाती है.
ये सारे कारनामा हम रोज रोज देखते थे, क्यों की हम दोनों एक ही कमरे में सोते थे, पर अलग अलग पलंग पर सोते थे, कुछ दिन बाद मैंने नोटिस किया की वो रात में अपनी पेंटी और ब्रा खोल कर सोने लगी. क्यों की उसकी चूचियां साफ़ साफ़ नजर आती थी उसकी नाईटी से, बड़ी बड़ी सॉलिड सॉलिड, दोस्तों मेरा भी मन ख़राब होने लगा, अपनी बहन की इस हरकत से, है भी बहूत ही हॉट, सरिता दीदी की साइज ३६-२४- ३६ है, दोस्तों किसी का भी दिमाग ख़राब हो जाये उसके चूतड़ को पीछे से देखकर और आगे से उनकी चूचियों को देखकर, बड़े बड़े लंबे लंबे बाल गुलाबी होठ, लंबी और गोरी जबरदस्त दिखती है. जब वो काजल और होठ को गुलाबी रंग से रंगती है तब तो वो सेक्स की देबि लगती है.
दोस्तों ऐसे ही दिन बीतने लगा. मैं भी रात में मजे लेने लगी. अब मैं भी अपनी आँख अपनी बहन को देखकर सेकने लगा. उस दिन की बात है जब माँ नानी के यहाँ गई थी. रात के करीब ११ बजे थे गर्मी का दिन था. वो हल्का सा बेडशीट ओढे थी. मैं सोने का नाटक करने लगा. तभी फिर से उसका पलंग हिलने लगा. फिर करीब दस मिनट में ही शांत हो गई. मैं समझ गया की मेरी दीदी आज भी अपने चूत में शायद बैगन पेल रही है. तभी वो उठी, उसकी चुचिया साफ़ साफ़ टाइट दिख रही थी. निप्पल भी साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा था. जब वो उठी और बाथरूम के तरफ जाने लगी. उसकी चूतड़ हिलोरे मारते हुए चलने लगी. गजब की लग रही थी बाल निचे तक थे खुला हुआ, मैं तो मर गया दोस्तों, मेरा लंड खड़ा हो गया, ऐसा लग रहा था की मैं चोद दू,
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
