11-05-2020, 08:27 PM
फिर मैंने हलके से कुर्ती उठा कर सिर्फ दो ऊँगली से खुजा ली , शरम से मुह एकदम लाल, पर क्या करू खुजाना तो था ही, साली बगावत पर आई हुई थी, मेरी नीचे वाली.
सुमन भाभी उठी और बोली, रुक तुजे कुछ दिखाती हूँ ....
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प्रिय सहेलिओं ,
निहारिका का प्यार भरा नमस्कार ,
अब आगे ,
अब नीचे वाली को खुजाने का मजा आ ही रहा था कि सुमन भाभी बोल पड़ी, "कुछ दिखाती हूँ" , अब क्या दिखाएगी भाभी , साला एक तो मैं वो मूवी देख कर वैसे ही परेशां हूँ.
भाभी उठी, और अपनी साडी खोलने लगी . जब तक मैं कुछ कह पति उनकी साडी उतर चुकी थी अब वो सिर्फ ब्लाउज और साये मैं ही थी .
मैं - भाभी , आपने साडी ......
सुमन भाभी - हम्म, अरे वो क्या हैं न साडी मैं थोड़ी परेशानी होती हैं , वैसे तो मैं बदल लेती हूँ गाउन दाल लेती हूँ नहीं तो कभी सिर्फ ब्रा - पेंटी मैं ही सो जाती हूँ . आज तो तू थी न , तो साडी इतनी देर टिक गयी बस अब और नहीं .
मैं - सुमन भाभी को देखे ही जा रही थी , एकदम भरा हुआ मांसल बदन , पीछे से कसावट वो भी उभार लेकर. उनका साया भी थोडा टाइट था , मेरी माँ के जैसा नहीं उनका थोडा खुला था - ढीला था. अब जब दिखा तो पूछ लिया ..
मैं - भाभी ,
सुमन भाभी - हम्म, निहारिका क्या हुआ बोल.
मैं - जी, वो आपका साया थोडा अलग सा है , टाइट सा मैंने नहीं देखा और इसमें घेर भी नहीं है, क्या आपने सिलवाया , अच्छी लग रही हो.
सुमन भाभी - हम्म, तू सह बोल रही है, यह आम साया नहीं है जो कॉटन के कपडे का होता हैं , यह मिक्स कपडे का होता हैं, दुसरे शहर से मंगवाया है , इस से कमर के नीचे के भाग कि शेप मैं रहती हैं, और साडी भी आछी लगती हैं.
मैं - जी, भाभी तभी सब लोग आप को बार - बार देखते हैं , और औरते तो खास कर . ही ही
सुमन भाभी - जलने दे सालिओं को , तू इधर आ मेरे पास .
मैं - जी , भाभी .
फिर मैं उठ कर सुमन भाभी के पास आ गयी और बैठ गयी, सुमन भाभी अपने पेट के बल लेटी हुई थी उनका ब्लाउज और उसमें से बाहर आते हुए गदराये जोबन , मेरी तो उन्हें हाथ लगाने कि इच्छा हो गयी एकदम
मैं सुमन भाभी के जोबन को देख रही थी एकदम पास से और सुमन भाभी मुझे देख रही थी अपने जोबन को घूरते हुए .
सुमन भाभी - हंस कर बोली, देख ले , हाथ लगा कर मेरे जोबन तुजे काट थोड़ी न लेंगे फिर मेरा हाथ पकड़ कर जोबन के बीच मैं रख दिया वही जहाँ अक्सर लाइन बन जाया करती हैं , मेरी हालत फिर ख़राब.
फिर सुमन भाभी ने पुछा कैसे हैं मेरे जोबन निहारिका ?
मैं - उफ़, सुमन भाभी यह तो मस्त हैं, इतने नरम और आपकी यह लाइन जो दोनों जोबन के बीच मैं बन जाती है, उफ़ के बताऊ सुमन भाभी आपकी साडी के पल्लू मैं से जब इस लाइन को देखती थी इसे छूने का मन होता था, आज तो आपने मेरी इच्छा ही पूरी कर दी .
सुमन भाभी - ले देख ले, आछे से फिर न कहना बहभी ने दिखाए नहीं.
फिर सुमन भाभी ने एक और बटन खोल दिया ब्लाउज का अब मुझसे नहीं रहा जा रहा था, मेरी हाथ कि पकड़ थोड़ी टाइट हुई.
सुमन भाभी - आराम से निहारिका , नर्म और मुलायम है तेरे दबाऊ क्या ?
ऐसा कह कर मेरे एक जोबन पर हाथ रखा और थोडा दबा दिया . और मेरी नीचे वाली तो एकदम पागल हो गयी , साली बेकाबू हो कर चाशनी निकल रही थी.
सुमन भाभी - क्या हुआ , निहारिका . तू ठीक है.
मेरी चढ़ती हुई सांस और जोबन को देखते हुए सुमन भाभी बोली .
मैं - सब ठीक हैं सुमन भाभी - पर खुजली हो रही है नीचे , बस
सुमन भाभी - तो खुजा ले न, ला मैं देखू
ऐसा कह कर एक हाथ सिधा मेरी नीचे वाली को छु गया , वो तो पूरा ही गीला था .
सुमन भाभी - निहारिका , क्या तूने सु - सु किया ? इतनी बड़ी बच्ची और सु - सु ही ही
मैं - नहीं भाभी , बस मैं इस से ही परेशां हूँ. यह नीचे वाली आज तो बहुत तंग कर रही हैं, क्या हो गया हैं इसे आज पता नहीं .
सुमन भाभी - देख , होता हैं हर लड़की के साथ, मेरे साथ भी होता हैं, सब नेचुरल है.
अब तक भी सुमन भाभी का हाथ नीचे वाली पर था , यह पहेला मौका था जब किसी और का हाथ मेरी नीचे वाली पर था . उनकी उँगलियाँ मेरी चाशनी से खेल रही थी.
[b]और मेरी आँख बंद , आगे जो होने वाला था , उसके इंतज़ार मैं ..... अपने जोबन धडकती बैठी थी .[/b]
इंतज़ार मैं। ........
आपकी निहारिका
सहेलिओं , पाठिकाओं, पनिहारिनों, आओ कुछ अपनी दिल की बातें करें -
लेडीज - गर्ल्स टॉक - निहारिका