21-02-2019, 12:54 AM
अगले दिन सुबह उठा और उठकर नाश्ता करके दोपहर का इंतजार करने लगा। अब दोपहर भी हो गई थी, फिर मैंने जल्दी से खाना खाया और सुनीता के घर चला गया। तो मैंने देखा कि वहाँ कोई नहीं था, फिर में वापस आने लगा, तो वो मुझे सामने से आते हुए मिली। फिर मैंने पूछा कि कहाँ गई थी? तो वो बोली कि भाभी के घर गई थी। फिर मैंने पूछा कि घर पर कोई है तो नहीं, तो उसने कहा कि कोई नहीं है। फिर हम जल्दी से अंदर गये और दरवाजा अंदर से बंद कर दिया। फिर जैसे ही उसने दरवाजा बंद किया, में तो भूखे कुत्ते की तरह उस पर टूट पड़ा और उसके होंठो, गालों, गर्दन सब जगह खूब किस करने लगा, उसने साड़ी पहन रखी थी। फिर उसने कहा कि थोड़ा रूको तो सही में बिस्तर लगा लेती हूँ, हमारे पास 4 घंटे है हम खूब मजे से करेगें, तो मैंने कहा कि ठीक है।
फिर उसने बिस्तर लगाया और फिर वो कंघी लेकर अपने बालों में कंघी करने लगी। अब मुझसे से सब्र नहीं हो रहा था, अब मेरा लंड पेंट में बहुत टाईट हो रहा था। फिर मैंने सुनीता को पीछे से जाकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और उसके दोनों बूब्स को अपने एक-एक हाथ में पकड़कर दबाने लगा। अब मेरी पेंट में खड़ा लंड उसकी साड़ी के ऊपर से ही उसकी गांड की दरारो में रगड़ने लगा था। फिर कुछ ही देर में मेरा पानी मेरी पेंट में ही छूट गया और फिर मैंने उसे छोड़ दिया और बेड पर आकर बैठ गया। फिर उसने कहा कि क्या हुआ? तो मैंने कहा कि मेरा काम तो हो गया। अब वो ये सुनकर ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगी। फिर मैंने पूछा कि तुम हंस क्यों रही हो? तो वो बोली अभी तो कुछ हुआ ही नहीं और तुम कह रहे हो कि मेरा काम हो गया। तो मैंने कहा कि हाँ यार मेरा तो पानी भी निकल गया है और मेरी अंडरवेयर भी खराब हो गई है।
फिर उसने बिस्तर लगाया और फिर वो कंघी लेकर अपने बालों में कंघी करने लगी। अब मुझसे से सब्र नहीं हो रहा था, अब मेरा लंड पेंट में बहुत टाईट हो रहा था। फिर मैंने सुनीता को पीछे से जाकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और उसके दोनों बूब्स को अपने एक-एक हाथ में पकड़कर दबाने लगा। अब मेरी पेंट में खड़ा लंड उसकी साड़ी के ऊपर से ही उसकी गांड की दरारो में रगड़ने लगा था। फिर कुछ ही देर में मेरा पानी मेरी पेंट में ही छूट गया और फिर मैंने उसे छोड़ दिया और बेड पर आकर बैठ गया। फिर उसने कहा कि क्या हुआ? तो मैंने कहा कि मेरा काम तो हो गया। अब वो ये सुनकर ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगी। फिर मैंने पूछा कि तुम हंस क्यों रही हो? तो वो बोली अभी तो कुछ हुआ ही नहीं और तुम कह रहे हो कि मेरा काम हो गया। तो मैंने कहा कि हाँ यार मेरा तो पानी भी निकल गया है और मेरी अंडरवेयर भी खराब हो गई है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
