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पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ
ये आज से लगभग 2 साल पहले की बात है, मेरे गावं (इंदौर शहर से 120 किलोमीटर की दूरी पर है) में मेरे घर के सामने एक घर है, जहाँ 6 फेमिली मेम्बर्स रहते है, उस घर में लगभग एक 50 साल की औरत है, जो घर की मुखिया है, जिन्हें हम सभी बुआजी कहते है। उनके एक बेटी और एक बेटा है, उनके बेटे के दो लड़के है एक 4 साल का और एक 9 साल का है। बुआजी की बेटी का नाम सुनीता है, उसकी उम्र 26 साल थी और में तब 21 साल का था। सुनीता की शादी हो चुकी थी, लेकिन एक बदनामी के कारण उसके पति ने उसे छोड़ दिया था।


अब वो अपनी माँ के घर ही रहती थी, हमारा घर आमने सामने था, तो वो हमारे घर आती जाती रहती थी। में उसे सुन्नी दीदी कहकर बुलाता था, मेरे मन में उसके लिए कभी कोई ग़लत विचार नहीं थे, हम आपस में फ्रेंक बातें करते थे। लेकिन मैंने कभी सोचा नहीं था कि ऐसा भी हो जाएगा,


अब में बताता हूँ कि कैसे हम दोनों में सेक्स हुआ? एक दिन की बात है में बुआजी के घर था और उनके छोटे पोते के साथ मस्ती कर रहा था, इतने में सुन्नी भी वहाँ आ गई और हमारे साथ मस्ती करने लगी। अब मस्ती करते-करते में खंबे के पीछे छुप गया, तो वो भी मेरे पीछे छुपने आ गई। अब मैंने खंबे को सामने से पकड़ा हुआ था, तो वो उल्टी आकर उसने मेरी पीठ से अपनी पीठ लगाकर खड़ी हो गई, जिससे उसके दोनों बड़े-बड़े नितंब मेरे कूल्हों को टच कर रहे थे और वो मस्ती में अपने चूतड़ो को मेरे कूल्हों पर रब कर रही थी। अब मुझे अजीब सी फिलिंग होने लगी थी, अब में समझ गया था कि ये मुझसे चुदवाना चाहती है, लेकिन में बहुत शर्मीला था तो में कुछ कर नहीं पाया।
अब मेरा उसे देखने का नज़रिया बदलने लगा था, अब में उसके बारे में सोच-सोचकर रोज मुठ मारने लगा था। अब सुन्नी भी मुझे अलग नज़र से देखती थी, लेकिन में डरपोक था अब मेरी उससे कुछ कहने की हिम्मत नहीं हुई थी। फिर एक दिन शाम के तकरीबन 8 बजे की बात है में, मेरे अंकल का लड़का, और सुनीता तीनों पड़ोस की एक भाभी के घर पर बैठे थे, जब सर्दियों का मौसम था तो सोने के लिए भाभी ने पहले से ही बिस्तर लगा रखे थे। अब में और मेरे अंकल का लड़का एक पलंग पर बैठे थे और सुनीता दूसरे पलंग पर लेटी हुई थी। क्योंकि हम लोग एक दूसरे से काफ़ी फ्रेंक थे, तो में उठकर सुनीता के पलंग पर चला गया। अब हम दोनों चादर ओढ़कर लेटे-लेटे बातें करने लगे थे।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Pahli bar bahan k sath picnic - by neerathemall - 14-02-2019, 03:18 AM
RE: पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ - by neerathemall - 21-02-2019, 12:51 AM
RE: Soni Didi Ke Sath Suhagraat - by neerathemall - 26-04-2019, 12:23 AM
didi in waterfall - by neerathemall - 04-06-2019, 01:34 PM
Meri Didi Ki Garam Jawani - by neerathemall - 29-01-2020, 11:22 AM



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