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पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ
अब में दीदी के पास बैठ गया और , उसके बाद मैंने उनकी साड़ी को भी उतार दिया और अब दीदी शरमाकर अपना सर झुकाकर खड़ी थी। फिर मैंने दीदी के शरीर से उनके ब्लाउज और पेटीकोट को अलग किया, जिसकी वजह से दीदी सिर्फ ब्रा-पेंटी में थी। अब दीदी ने कहा कि सिर्फ मेरे कपड़े ही खोलोगे, अपने भी तो उतारो, तब मैंने उनको कहा कि क्यों? तुम खुद ही निकाल लो। फिर दीदी ने मुझे भी नंगा किया और मैंने उनके बदन से बाकी बचे हुए कपड़े भी अलग कर दिए। अब हम दोनों भाई-बहन बिल्कुल नंगे एक दूसरे के सामने खड़े थे, हम दोनों एक दूसरे से चिपक गये और अब हमारे सारे अंग एक दूसर से चिपके हुए थे हमारे होंठ छाती मेरा लंड और उनकी चूत सब कुछ। फिर थोड़ी देर तक चूमने के बाद हम अलग हुए और फिर मैंने दीदी को अपनी गोद में उठाया और पलंग पर लेटा दिया और में उनके बूब्स को चूसने लगा। अब दीदी सिसकियाँ लेने लगी थी वो आहह्ह्ह ऊफ्फ्फ्फ़ राज चूसो और ज़ोर से ऊफफफ्फ चूस भाई चूस ऊहह्ह्ह माँ। फिर करीब बीस मिनट तक उनके एक बूब्स को चूसने के बाद मैंने उनके दूसरे बूब्स पर अटैक किया और उसको भी बहुत मज़े से चूसा ।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Pahli bar bahan k sath picnic - by neerathemall - 14-02-2019, 03:18 AM
RE: पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ - by neerathemall - 21-02-2019, 12:28 AM
RE: Soni Didi Ke Sath Suhagraat - by neerathemall - 26-04-2019, 12:23 AM
didi in waterfall - by neerathemall - 04-06-2019, 01:34 PM
Meri Didi Ki Garam Jawani - by neerathemall - 29-01-2020, 11:22 AM



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