21-02-2019, 12:26 AM
अब मैंने कहा कि हाँ दीदी में बहुत खुश हूँ, लेकिन दीदी क्या में आपको? तो दीदी बोली कि बोलना पागल, शरमाता क्या है? तब मैंने कहा कि दीदी क्या में आपको एक बार नंगी देख सकता हूँ। अब दीदी ने मेरे होंठो पर एक मस्त जबरदस्त चुम्मा किया और वो बोली कि मेरे भाई आज हमारी सुहागरात शुरू होने वाली है, मुझे नंगा देखना तो क्या? तुम जितना जी चाहे मुझे चोदना, लेकिन तुम नहाकर तैयार हो जाओ में कुछ कपड़े देती हूँ तुम वो पहन लो और में भी थोड़ी देर में तैयार होकर अभी आती हूँ, लेकिन तब तक इंतजार करो। फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है, दीदी नहाने चली गई और नहाकर माँ के कमरे में घुस गई, में भी नहाकर कमरे में आया, देखा वहाँ कुर्ता पजामा रखा हुआ था, जिसको अब मैंने पहन लिया था। फिर थोड़ी देर के बाद दीदी ने मुझे माँ के कमरे में पुकारा, फिर जब में वहाँ गया तब मैंने देखा कि दीदी पलंग पर बैठी हुई थी। फिर मैंने वो कमरा अंदर से बंद किया और में उनके पास चला गया, दीदी ने मुझे पीने के लिए एक दूध का गिलास दिया और वो मेरे कान में बोली कि आज में सिर्फ तुम्हारी हूँ, तुम मेरे साथ जो भी करना चाहो करो, में कुछ नहीं बोलूँगी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
