21-02-2019, 12:22 AM
उस समय में बहुत जोश में आकर गरम हो चुका था, लेकिन में फिर भी बहुत काबू कर रहा था, मैंने किसी तरह दीदी के टॉप का बटन खोल दिया। अब उस वजह से मेरे सामने उनकी ब्रा में कैद उनके वो गोलमटोल गोरे बूब्स तुरंत बाहर आ गए और उनके बूब्स ब्रा में बहुत मस्त लग रहे थे। फिर मैंने किसी तरह से उनका स्कर्ट ऊपर किया, जिसकी वजह से मुझे उनकी पेंटी दिखने लगी थी और में उसी हालत में सो गया। फिर सुबह मेरी आँख देर से खुली तब मैंने देखा कि दीदी जाग चुकी थी और कमरे से बाहर चली गई, उन्होंने कमरे का दरवाज़ा लगाया हुआ था और मै नंगा ही सोया हुआ था। फिर उस दिन भी कुछ नहीं हुआ और वो दिन भी ऐसे ही निकल गया और उस रात को जब में सोने आया, तब दीदी मुझे बड़ी ही अजीब सी नजरों से देख रही थी, शायद उन्हें शक हो गया था कि रात को वो सब में करता हूँ। फिर उस रात को मैंने कुछ नहीं करने की बात अपने मन में सोची, उस दिन भी में सिर्फ लुंगी में था और जैसा कि मैंने सोचा था कि दीदी सोने का नाटक करने लगी थी, लेकिन उस रात को मैंने कुछ नहीं किया, लेकिन में सारी रात सो भी नहीं सका था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
