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पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ
फिर रात इसी तरह से गुज़रने लगी थी और थोड़ी देर के बाद में अचानक से उठा, दीदी ने मुझसे पूछा क्या हुआ? तब मैंने कहा कि कुछ नहीं, में जरा पेंट बदलकर अभी आता हूँ, में थोड़ा अजीब सा महसूस कर रहा हूँ। अब दीदी ने कहा कि रोज तो तुम ऐसे ही सोते हो, तो आज क्या समस्या है?

मैंने कहा कि सुबह मेरे पैर में चोट लगी थी, फिर दीदी बोली कि हाँ ठीक है, तुम जाकर लुंगी पहन लो में उनकी वो बात सुनकर बड़ा खुश हो गया और तुरंत ही कपड़े बदलकर आ गया। अब मैंने अपनी पेंट के साथ-साथ अपनी अंडरवियर को भी उतार दिया था और फिर हम दोनों सो गये। फिर रात में मैंने महसूस किया कि दीदी का हाथ एक मेरी लुंगी के ऊपर से ही मेरे लंड पर था, तब मैंने अपनी लुंगी को पूरी खोलकर अलग कर दिया और में नीचे से पूरा नंगा हो गया। अब मेरा लंड कुतुबमीनार की तरह खड़ा हो गया था, मैंने ऊपर भी कुछ नहीं पहना था और अब में पूरी तरह से नंगा था। फिर मैंने दीदी का एक हाथ अपने लंड पर रखा और उसके टॉप के बटन खोलने लगा। तभी दीदी थोड़ी हिली और मेरा लंड ज़ोर से पकड़ लिया उसके बाद वो मुझसे और भी ज्यादा चिपक गई अपने होंठ मेरे बहुत पास ले आई ।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Pahli bar bahan k sath picnic - by neerathemall - 14-02-2019, 03:18 AM
RE: पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ - by neerathemall - 21-02-2019, 12:21 AM
RE: Soni Didi Ke Sath Suhagraat - by neerathemall - 26-04-2019, 12:23 AM
didi in waterfall - by neerathemall - 04-06-2019, 01:34 PM
Meri Didi Ki Garam Jawani - by neerathemall - 29-01-2020, 11:22 AM



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