20-02-2019, 11:29 PM
फिर बाथरूम से वापस बाहर आकर मैंने अपनी साड़ी के पल्लू से उसका लंड और आसपास की जगह को साफ किया, उस समय हम दोनों ही पसीने में तर हो चुके थे। फिर वो भी उठकर बैठ गया और अब हम दोनों ही कूलर के बिल्कुल पास जाकर खड़े हो गये, मैंने उसकी छाती पर अपना एक हाथ रखा और फिर उसकी छाती को चूमते हुए अपना सर रखकर चिपककर खड़ी हो गई। अब उसने भी मुझे प्यार किया और अपनी बाहों में भरकर खड़ा रहा, कुछ देर के बाद हमारी गरमी कुछ कम हुई और तब हम लोग दोबारा से बिस्तर पर आ गये। अब तक में एक बार फिर से चुदने के लिए तैयार हो चुकी थी, उसने इस बार मुझे कुतिया की तरह होने को कहा और मैंने खुश होकर तुरंत ही अपनी गांड को उसकी तरफ कर दिया। अब उसने मेरी गांड में अपना लंड डालना चाहा, लेकिन मैंने उसको ऐसा करने से साफ मना कर दिया। फिर मैंने नीचे से अपना एक हाथ डालकर उसका लंड पकड़ा और अपनी चूत में डाल लिया, तब उसने मुझे चोदना शुरू किया और फिर अपने धक्कों की गति को बढ़ा दिया और गति को इतना बढ़ाया कि उसको वजह से पलंग आवाज करने लगा था। अब में दर्द उन तेज धक्कों की वजह से चिल्लाने लगी थी, लेकिन अब वो कहाँ मेरी बात को मानने वाला था? वो बहुत देर से अपने पर काबू करके बैठा था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
