20-02-2019, 11:24 PM
फिर वो उठा और अब वो पलंग के इस तरफ आकर मेरी कमर के पास बैठ गया और फिर उसने धीरे से मेरी जांघो पर अपना एक हाथ रख दिया। अब मैंने उसको कुछ भी नहीं कहा जिसकी वजह से उसकी हिम्मत और भी ज्यादा बढ़ गई और फिर उसने अपना एक हाथ मेरी जांघो पर से फैरते हुए मेरी चूत पर रख दिया। अब में बहुत ही गरम हो चुकी थी, वो लगातार अपना हाथ धीरे-धीरे फैरता जा रहा था जिसकी वजह से मुझे परम सुख की प्राप्ति हो रही थी, क्योंकि में कब से इसके लिए तड़प रही थी कि सूरज मेरी चूत को सहलाए। अब उसकी नजर मेरी उभरी हुई गोरी सुडोल छाती पर पड़ी, तभी उसने हिम्मत करके धीरे से अपना एक हाथ मेरी गोलाईयों पर रख दिया, लेकिन मुझसे सहन नहीं हो रहा था। फिर उसी समय मैंने जोश में आकर उसके हाथ पर अपना एक हाथ रखकर ज़ोर से अपने बूब्स पर दबा दिया और झट से अपनी आँखों को खोल दिया। अब सूरज घबरा गया, लेकिन अगले ही पल उसको मेरी हरकत का अंदाजा हो गया था और अब वो समझ गया था कि में भी चुदना चाहती हूँ। फिर मैंने उसको अपने ऊपर खीच लिया, सूरज अब बिल्कुल मेरे ऊपर था और हम दोनों ही उस समय एक दूसरे को अपनी बाहों में जकड़े हुए थे और उसकी छाती से मेरे बूब्स दब रहे थे
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
