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पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ
>फिर कुछ देर के बाद मेरे बेटे की नींद लग गई और फिर कुछ देर के बाद सूरज की आंखे भी बंद हो गई, लेकिन मैंने तब भी जानबूझ कर सूरज को उसके कमरे में जाने के लिए नहीं उठाया। अब मैंने टी.वी की आवाज को बिल्कुल धीमी कर दिया, कुछ देर और इंतज़ार करने के बाद में दबे पैर उठी और मैंने पास वाले कमरे में जाकर देखा। दोस्तों उस समय मेरी बेटी और मेहमान सभी लोग बेसुध होकर सो रहे थे। अब मैंने वापस आकर छोटे बल्ब को जलाया और टी.वी को बंद कर दिया और में अपने बेटे के पास ही लेट गई। फिर करीब आधे घंटे तक इंतज़ार करने के बाद मैंने दोबारा स्थिति का जायजा लिया, सभी लोग गहरी नींद में सो रहे थे और फिर मैंने सूरज को देखा, तो वो भी अब नींद में था। अब सूरज को देखकर मेरी धड़कने बढ़ गई थी और में अपने हाथों से अपने बूब्स और चूत को मसलने लगी थी। फिर मैंने लेटे हुए ही अपनी साड़ी को ऊपर उठाया और उसको अपनी जांघो तक ले गई, जिसकी वजह से मेरी भरी हुई गदराई हुई गोरी जांघे अब साफ दिखने लगी थी। फिर मैंने अपनी साड़ी का पल्लू अपनी छाती से नीचे करके अपने ब्लाउज का एक बटन खोलकर अपने बूब्स को पकड़कर इस तरह बाहर खीचा कि उसकी वजह से मेरा आधा बूब्स और ब्रा दिखने लगे
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Pahli bar bahan k sath picnic - by neerathemall - 14-02-2019, 03:18 AM
RE: पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ - by neerathemall - 20-02-2019, 11:22 PM
RE: Soni Didi Ke Sath Suhagraat - by neerathemall - 26-04-2019, 12:23 AM
didi in waterfall - by neerathemall - 04-06-2019, 01:34 PM
Meri Didi Ki Garam Jawani - by neerathemall - 29-01-2020, 11:22 AM



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