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लेडीज - गर्ल्स टॉक [ गर्ल्स व् लेडीज की आपसी बातचीत , किसी भी विषय पर जैसे ड्रेसिंग,
मैं - हम्म, तो पिंकी भाभी ने फिर तो बिना मूड्स के करवाया होगा , सुमन भाभी कि बात मान कर, क्या इतना बड़ा लिया होगा, उनके पति का भी क्या इतना बड़ा होगा , मूवी के जैसा, 

भी भाभी ने मेरा हाथ पकड़ा, बोली  - कहाँ खो गयी , निहारिका ?

मैं - नहीं कुछ नहीं, वो भाभी। ......... कुछ नहीं। ... बस ऐसी ही। ...........

सुमन भाभी - हम्म, बोल न , रोटी बनाते हुए सब बात हो जाएँगी। ......

मैं - हम्म. 
...................

प्रिय सहेलिओं ,

निहारिका का प्यार भरा नमस्कार ,

अब आगे ,

हम्म , से आगे कुछ निकल ही नहीं रहा था मेरे मुह से , और बोलती भी क्या - भाभी बताओ कैसे करते हैं? क्या होता है , क्या इतना बड़ा , वैसे तो नहीं दिखाई देता और अगर इतना बड़ा हुआ तो उफ़ मेरा क्या होगा , क्या सबका इतना ही बड़ा होता हैं,..... सवाल ही सवाल पर पूछने कि हिम्मत नहि हुई.

सुमन भाभी - लड़की कहाँ कोई हुई है, क्या हुआ, सब ठीक कही पीरियड्स का चक्कर तो नहीं बड़ी गुमसुम है?

मैं - अरे नहीं ऐसा नहीं, पीरियड्स मैं तो टाइम है .

सुमन भाभी - ह्ह्म्म, तो क्या हुआ, रोटी सेंकते हुए बोली, कोई लड़के का चक्कर, प्यार तो नहीं हुआ तुजे ? करू तेरी माँ से बात तेरी शादी कि उस लड़के से .

मैं - उफ़ , नहीं भाभी कोई लड़का नहीं, हाँ सब देखते तो हैं मगर मैं ध्यान नहीं देती .

सुमन भाभी - सिर्फ देखते हैं, या घूर के जोबन का रस लेते हैं, अब जवानी आई है तो घूरने वाले भी तो आयेंगे और तुझ पर तो ख़ूबसूरती निखर के आई है, सब तेरे बारे मैं पूछ रही थी, प्रोग्राम के बाद, कौन है, कैसी है, चाशनी कैसी है इसकी.

मैं - कुछ समझी नहीं भाभी, मेरे बारे मैं कौन , अब यह कैसी बात चाशनी, मेरे पास कौन सी चाशनी ?

अन्दर से शक सा हो रहा था कि, हो न हो सुमन भाभी "उस" चाशनी कि बात कर रही है, जो मेरी सहेली चाट गयी थी मेरी पेंटी से, उफ़, अब मेंरा मुह लाल शरम से और भाभी को लगा कि मुझे गर्मी लग रही है, फिर वो बोली -

सुमन भाभी - लगता है तुजे गर्मी लग रही है, किचन मैं, और रोटी भी बन ही गयी हैं एक- दो और बनानी रह गयी हैं तू चल टेबल पर मैं आती हूँ रोटी सब्जी लेकर. 

मैं - जी भाभी , अपने दुपट्टे से पसीना पोंछते हुए बहार आ गयी. और टेबल पर बैठ गयी .

गर्मी, किचन मैं नहीं , अन्दर से लग रही थी चाशनी कि बात से मैंने अपना हाथ नीचे वाली पर लगाया तो वो गर्म और गीली लगी. उफ़ पेंटी तो पहेनी ही नहीं थी लेगिन्ग्न्स के अन्दर, स्कर्ट उतारी और लेगिगिंग्स डाल ली थी माँ के डर से . चेयर पर बैठे कुर्ती ठीक कर ली, फिर सोचा कि बाथरूम जा आती हूँ, अगर गीली भी हो गयी तो बहाना मिल जायेगा , हम्म यही ठीक है.

मैं -  सुमन भाभी, बाथरूम जाना है, अभी आई मैं .

सुमन भाभी - अन्दर से, हाँ , ठीक है मैं भी आ रही हूँ बस हो गया यहं सब. 

कुछ सुना और कुछ नहीं , सीधा भागी बाथरूम मैं, अन्दर से बंद कर के , लेगिगिंग्स नीचे करी, उफ़, साली "नीचे वाली" भी बगावत पर आई हुई थी, सीट पर बैठ गयी और हात लगाया एकदम चिकना जैसे दो तार कि चाशनी , हंसी आ गयी सुमन भाभी सही कह रही थी, फिर एक अलग मादक खुशबू आई मेरी नाक मैं, मैंने अपना हाथ नाक के पास लायी और बस खो सी गयी , एक अजब खुशबू  ऐसी पहेले नहीं आती थी अचनक मुझे मेरी "नीचे वाली" पसंद आने लगी थी खासकर वो मूवि देखने के बाद .

सुमन भाभी - निहारिका , अरे अन्दर ही बैठी रहेगी क्या, क्या कर रही है. सही बता कोई प्रॉब्लम , वो पीरियड्स वाली तो नहीं. अरे घर समझ .

मैं - आई भाभी, कुछ नहीं कोई पीरियड्स वाली बात नहीं है. 

फिर मैं जल्दी से  सु - सु करके और अपनी नीचे वाली को अच्छे से धो कर बाहर आई , अब गीलापन लग रहा था, हाँ पर अब पानी का था, चाशनी का नहीं . 

सुमन भाभी  - आजा , ले खाना खा नहीं तो तेरी माँ बोलेगी कि , मेरी बेटी को भूखा रख दिया, हा हा हा ..

मैं - जी भाभी , खाती हूँ. 

फिर हम दोनों बैठ गये टेबल पर और खाने लगे, सुमन भाभी तो तारीफ कर रही थी भरवा भिन्डी कि और मैं चुप सुने जा रही थी, दिमाग मैं यह चल रहा था कि कैसे पुछू इस से बढ़िया मौका फिर नहीं मिलेगा. 
तभी सुमन भाभी बोली - 
सुमन भाभी - निहारिका , कल तेरी सहेली बड़े मजे ले कर आई थी. 

मैं - हम्म, खाते हुए बोली, कह रही थी कोई पार्टी मैं थी डांस , खाना, और शायद ड्रिंक्स भी. 

सुमन भाभी  - बस इतना ही बताया , असली बात तो बताई ही नहीं उसने.

मैं - सुमन भाभी , वो तो है ही कामिनी , कभी पूरी बात नहीं बताती बस सब गोल मोल ही.

सुमन भाभी - ही ही , हँसते हुए , हम्म , अब समझदार को तो इशारा ही काफी है, और जो न समझे उसे कैसे बताई जाये.

मैं - अब मैं सुमन भाभी को देख रही थी, और मेरी शकल पर साफ़ बेवकूफ बना हुआ दिख रहा था .

सुमन भाभी - अरे क्यों चिंता करती हैं, सब आ जाता है, टाइम से . 

मैं , मन मैं मेरा टाइम कब आएगा , आज टाइम हैं तो मुझे भरावा भिन्डी खानी पड़ रही है, बताओ न सुमन भाभी .....

खाना लगभग ख़तम होने पर था , मैं टेंशन मैं कि अब जाना होगा घर, और बात आधी रह जाएगी ,

मैं - सुमन भाभी , आप पिंकी भाभी से क्या बोल रही थी , एक और कर ले ... क्या कर ले .....

सुमन भाभी - हम्म, मुझे देख कर स्माइल देती हैं ....

इंतज़ार मैं। ........

आपकी निहारिका 


सहेलिओं , पाठिकाओं, पनिहारिनों,  आओ कुछ अपनी दिल की बातें करें -
लेडीज - गर्ल्स टॉक - निहारिका 
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RE: लेडीज - गर्ल्स टॉक [ गर्ल्स व् लेडीज की आपसी बातचीत , किसी भी विषय पर जैसे ड्रेसिंग, - by Niharikasaree - 08-05-2020, 11:32 PM



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