20-02-2019, 08:26 AM
फिर में मन ही मन बहुत खुश हुआ कि चलो आख़िरकार साली माँ की लौड़ी जो इतने दिनों से मुझे परेशान किए हुई थी आज मेरे सामने आधी नंगी होकर लेटी हुई है और बहुत जोरों से हमारी किस चल रही थी.. में उसकी जीभ चूस रहा था और वो मेरी जीभ चूस रही थी। फिर मैंने उसे नीचे बेड पर धक्का देकर गिरा दिया और उसके सर से लेकर पेट तक चूमने लगा.. अंजू बस मोन किए जा रही थी आअहह बस करो विराज आहह में मर जाउंगी.. प्लीज बस करो और फिर में कहाँ रुकने वाला था। एक हाथ से उसके बूब्स को दबाए जा रहा था और इधर उसकी जीभ को चाटे जा रहा था। मुझे उसकी जीभ चूसने में बड़ा मज़ा आ रहा था और वो तो मानो बिन पानी की मछली की तरह छटपटा रही थी। फिर मैंने उसके निप्पल को मुहं में भरा और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा। तो अंजू कहने लगी कि खा जा इसे चबा डाल.. मैंने बहुत दिनों से तेरे लिए ही सम्भाल कर रखे थे.. दबा और ज़ोर से दबा.. चूस ले इन्हें.. दबा दबाकर चूस ले इन्हें। फिर मुझे उसकी ज़ोर ज़ोर की आवाजों से बहुत डर लगने लगा कि कहीं मेरी माँ ना सुन ले तो इसलिए मैंने उसके मुहं को एक कपड़े से बांध दिया जो उसने ही मुझे ऐसा करने को कहा था और मैंने अपने काम को जारी रखा और बूब्स चूस चूसकर निप्पल के ऊपर मेरे दाँत के निशान हो गए थे। तो झट से उसने मेरी पेंट के ऊपर से मेरे लंड को पकड़ लिया और दबाने लगी.. तो मैंने उसे पेंट को उतारने को कहा और उसने झट से उठकर पेंट को नीचे कर दिया और अंडरवियर के अंदर छुपे हुए लंड को निकालकर बड़े गौर से देखने लगी। मेरा लंड लगभग 6 इंच लम्बा और 2 इंच मोटा है और कोई भी चूत को संतुष्ट करने के लिए एकदम ठीक है और उसे देखते ही उसके चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कान थी और उसे पता था कि यह मेरा पहला टाईम है इसलिए वो कोई जल्दी ना करते हुए धीरे धीरे लंड को ऊपर नीचे करने लगी और वो बहुत सीखी हुई खिलाड़ी थी। फिर में अपने कंट्रोल से बाहर जा रहा था और मैंने उसे और ज़ोर से लंड को हिलाने को कहा तो उसने और तेज़ी से हिलाना शुरू कर दिया और 4-5 मिनट के बाद में झड़ गया और यह जो लम्हा था यारों क्या बताऊँ.. जैसे मुझे स्वर्ग का सुख मिल गया हो.. लेकिन मुझे क्या पता था कि यह तो बस शुरुवात है। फिर सारे वीर्य को उसने अपने हाथ से साफ किया और आज से पहले कभी मेरा इतना सारा वीर्य कभी नहीं निकला था और उसके बाद उसने मुझे फिर किस करना शुरू कर दिया और में भी धीरे धीरे मूड में आने लगा था और मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा.. लेकिन इस बार मेरा लंड मुझे कुछ ज़्यादा बड़ा और फूला हुआ लग रहा था। तो अंजू ने इस बात पर गौर किया और में समझ गया कि मुझे आगे क्या करना है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.