19-02-2019, 10:15 PM
इसमें कोई शक नहीं की आपके प्रयास से कई बड़ी कहानियां जो बंद होते फोरम के कारण , काल के गाल में समा जातीं , आज पाठक ,पाठिकाओं के लिए उपलब्ध हैं , और मेरी ऐसी लेखिका तो आपकी सदैव ऋणी रहेगी , आपके बिना फागुन के दिन चार और जोरू के गुलाम ऐसी उपन्यास सरीखी कहानियां नहीं शेष रहतीं।