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Adultery सोलवां सावन
#66
कडुवा तेल 








जैसे ही हम दोनों किचेन में घुसे , कडुवा तेल की तेज झार मेरी नाक में घुसी। 



[Image: Teej-Young-3a882c95c673d63b8a0508575778765a.md.jpg]


मेरी फेवरिट सब्जी ,मेरी भाभी बैठ के कडुवा तेल से छौंक लगा रही थीं। 

और मैंने जो बोला तो बस भाभी को मौका मिल गया मेरे ऊपर चढ़ाई करने का। 


" भाभी कड़वे तेल की छौंक मुझे बहुत पसंद है। "




मेरे मुंह से निकल गया , बस क्या था पहले मेरी भाभी ही ,

" सिर्फ छौंक ही पसंद है या किसी और काम के लिए भी इस्तेमाल करती हो " उन्होंने छेड़ा। 

मैं भाभी की मम्मी के बगल में बैठी थी , आगे की बात उन्होंने बढ़ाई, 



[Image: MIL-0a1e46052c71c5b4f0b664c3eff65f00.md.jpg]


मैं उकड़ूँ बैठी थी ,मम्मी से सटी , और अब उनका हाथ सीधे मेरे कड़े गोल नितम्बो पे , हलके से दबा के बोलीं 

" तुम दोनों न मेरी बेटी को , अरे सही तो कह रही है , कड़वा तेल चिकनाहट के साथ ऐन्टिसेप्टिक होता है इसलिए गौने के दुल्हिन के कमरे में उसकी सास जेठानी जरूर रखती थीं , पूरी बोतल कड़वे तेल की और अगले दिन देखती भी थीं की कितना बचा। कई बार तो दुल्हिन को दूल्हे के पास ले जाने के पहले ही उसकी जेठानी खोल के थोड़ा तेल पहले ही , मालूम तो ये सबको ही होता है की गौने की रात तो बिचारी की फटेगी ही , चीख चिलहट होगी ,खून खच्चर होगा। इसलिए कड़वा तेल जरूर रखा जाता था। "

अब चंपा भाभी चालू हो गयीं , 


[Image: Teej-Chithra-9.jpg]

" ई कौन सी गौने की दुलहन से कम है , इहाँ कोरी आई हैं , फड़वा के जाएंगी। "

भाभी की मम्मी भी ,अब उनकी उँगलियाँ सीधे पिछवाड़े की दरार पे , और उन्होंने चंपा भी की बात में बात जोड़ी ,



[Image: Mummy-tumblr-ojcuymbsy-Z1tpzgwzo1-540.jpg]

" ई बताओ आखिर ई कहाँ आइन है , आखिर अपनी भैया के ससुराल , तो एनहु क ससुरालै हुयी न। और पहली बार ई आई हैं , तो पहली बार लड़की ससुराल में कब आती है , गौने में न। तो ई गौने की दुल्हन तो होबै की न। "

" हाँ लेकिन एक फरक है "


मेरी भाभी ने चूल्हे पर से सब्जी उतारते हुए,खिलखिलाते कहा , 





" गौने की दुलहन के एक पिया होते हैं और मेरी इस छिनार ननदिया के दस दस है। "

[Image: Teej-844646a44c938395fa30d2982b5e38cb.jpg]

" तब तो कडुवा तेल भी ज्यादा चाहिए होगा। "



 हँसते हुए चंपा भाभी ने छेड़ा। 

" ई जिमेदारी तुम्हारी है। " 


भाभी की माँ ने चम्पा भाभी से कहा। 

" आखिर इस पे चढ़ेंगे तो तेरे देवर , तो तुम्हारी देवरानी हुयी न , तो बस अब , कमरे में तेल रखने की , "

[Image: Mustard-Oil-600x600.png]


फिर चम्पा भाभी बोली , 



" अरे , जब बाहर निकलती है न तब भी , बल्कि अपनी अंगूरी में चुपड़ के दो उंगली सीधे अंदर तक , मेरे देवरों को भी मजा आएगा और इसको भी . 

भाभी ने तवा चढ़ा दिया था , और तभी एक बार फिर जोर से बिजली चमकी।



[Image: Rain-lightning-strikes-sky-to-ground-animated-gif.gif]


 और हम सब लोग हड़काए गए 

," जल्दी से खाना का के रसोई समेट के चलो , बस तूफान आने ही वाला है। "

जब हम लोगों ने खाना खत्म किया पौने आठ बजे थे। अब बाहर हलकी हलकी हवा चलनी शुरू हो गयी थी।और रोज की तरह फिर वही नाटक ,चम्पा भाभी का , लेकिन आज भाभी की मम्मी भी उनका साथ दे रही थीं , खुल के। 

एक खूब लम्बे से ग्लास में , तीन चौथाई भर कर गाढ़ा औटाया दूध और उसके उपर से तीन अंगुल मलाई ,

और आज भाभी की माँ ने अपने हाथ से , ग्लास पकड़ के सीधे मेरे होंठों पे लगा दिया ,और चम्पा भाभी ने रोज की बात दुहरायी ,

" अरे दूध पियोगी नहीं तो दूध देने लायक कैसे बनोगी। "

लेकिन आज सबसे ज्यादा भाभी की माँ , जबरन दूध का ग्लास मेरे मुंह में धकेलते उन्होंने चंपा भाभी को हड़काया ,

" अरे दूध देने लायक इस बनाने के लिए , तेरे देवरों को मेहनत करनी पड़ेगी , स्पेशल मलाई खिलानी पड़ेगी इसे ,और कुछ बहाना मत बनाना ,मेरी बेटी पीछे हटने वाली नहीं है , क्यों गुड्डी बेटी "


मैं क्या बोलती , मेरे मुंह में तो दूध का ग्लास अटका था. हाँ भाभी की माँ का एक हाथ कस के ग्लास पकडे हुआ था और दूसरा हाथ उसी तरह से मेरे पिछवाड़े को दबोचे था.

" माँ , आपकी इस बेटी पे जोबन तो गजब आ रहां है। " 





भाभी ने मुझे देखते हुए चिढ़ाया। 

भाभी की माँ ने खूब जोर से उन्हें डांटा , 

" थू , थू , नजर लगाती है मेरी बेटी के जोबन पे , यही तो उमर है , जोबन आने का और जुबना का मजा लूटने का , देखना यहाँ से लौटेगी मेरी बेटी तो सब चोली छोटी हो जाएगी , एकदम गदराये , मस्त , तुम्हारे शहर की लौंडियों की तरह से नहीं की मारे डाइटिंग के ,… ढूंढते रह जाओगे , "


[Image: 91d3a93a815b2f4976c4bb70d78e568a.jpg]

चंपा भाभी ने गलती कर दी बीच में बोल के। आज माँ मेरे खिलाफ एक बात नहीं सुन सकती थीं। 


" माँ जी , उसके लिए आपकी उस बेटी को जुबना मिजवाना ,मलवाना भी होगा खुल के अपने यारों से। "

बस माँ उलटे चढ़ गयीं। 

" अरे बिचारी मेरी बेटी को क्यों दोष देती हो। सब काम वही करे , बिचारी इतनी दूर से चल के सावन के महीने में अपने घर से आई , सीना तान के पूरे गाँव में चलती है दिन दुपहरिया , सांझे भिनसारे। तुम्हारे छ छ फिट के देवर काहें को हैं , कस कस के मीजें, रगड़े ,.... मेरी बेटी कभी मिजवाने मलवाने में पीछे हटे, ना नुकुर करे तो मुझे दोष देना।"

मेरी राय का सवाल ही नहीं था , अभी भी ग्लास मेरे मुंह में उन्होंने लगा रखा था , पूरा उलटा जिससे आखिरी घूँट तक मेरे पेट में चला जाय। 

मेरा मुंह बंद था आँखे नहीं। 
………………………………………



चम्पा भाभी और मेरी भाभी के बीच खुल के नैन मटक्का चल रहा था और आज दोनों को बहुत जल्दी थी। जब तक मेरा दूध खत्म हुआ ,उन दोनों भाभियों ने रसोई समेट दी थी और चलने के लिए खड़ी हो गयीं।



चंपा भाभी , भाभी की माँ साथ थोड़ा , और उनके पीछे मैं और मेरी भाभी। 

चम्पा भाभी हलके हलके भाभी की माँ से बोल रही थीं लेकिन इस तरह की बिना कान पारे मुझे सब साफ साफ सुनाई दे रहा था। 

चंपा भाभी माँ से बोल रही थीं ," अरे जोबन तो आपकी बिटिया पे दूध पिलाने और मिजवाने रगड़वाने से आ जाएगा , लेकिन असली नमकीन लौंडिया बनेगीं वो खारा नमकीन शरबत पिलाने से। "



" एक दम सही कह रही है तू , लेकिन ये काम तो भौजाई का ही है न , और तुम तो भौजाई की भौजाई हो, अब तक तो , … "

लेकिन तबतक मेरी भाभी उन लोगों के बगल में पहुँच गयीं और उन को आँखों के इशारे के बरज रही थीं की मैं सब सुन रही हो , चंपा भाभी ने मोरचा बदला और मेरी भाभी को दबोचा और बोलीं ,



 " भौजी ननद को बिना सुनहला खारा शरबत पिलाये छोड़ दे ये तो हो नहीं सकता , "

किसी तरह भाभी हंसती खिलखिलाती उनकी पकड़ से छूटीं और सीधे चंपा भाभी के कमरे में , जहाँ आज उन्हें चंपा भाभी सोना था। 

और भाभी के जाते ही मैं अपनी उत्सुकता नहीं दबा पायी , और पूछ ही लिया " चंपा भाभी आप किस शरबत की बात कर रही थीं जो हमारी भाभी , .... "

" अरे कभी तुमने ऐपल जूस तो पिया होगा न , बिलकुल उसी रंग का , … " चम्पा भाभी ने समझाया। 

और अब बात काटने की बारी मेरी थी , खिलखिलाती मैं दोनों लोगों से बोली ,

" अरे ऐपल जूस तो मुझे बहुत बहुत अच्छा लगता है। "

" अरे ये भी बहुत अच्छा लगेगा तुझे, हाँ थोड़ा कसैला खारा होगा ,लेकिन चार पांच बार में आदत लग जायेगी ,तुझे कुछ नहीं करना बस अपनी चंपा भाभी के पीछे पड़ी रह, उनके पास तो फैक्ट्री है उनकी। " भाभी की माँ जी बोलीं , लेकिन तबतक चम्पा भाभी भी अपने कमरे में , और पीछे पीछे मैं। 


वहां भाभी मेरे लिए काम लिए तैयार बैठी थीं। 
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Messages In This Thread
सोलवां सावन - by komaalrani - 10-01-2019, 10:36 PM
RE: सोलवां सावन - by Bregs - 10-01-2019, 11:31 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 01-02-2019, 02:50 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 13-02-2019, 06:40 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 19-02-2019, 01:09 PM
RE: सोलवां सावन - by komaalrani - 19-02-2019, 09:53 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 26-02-2019, 11:10 AM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 08:44 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 11:46 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 19-05-2019, 11:15 AM
RE: सोलवां सावन - by Theflash - 03-07-2019, 10:31 AM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 14-07-2019, 04:07 PM
RE: सोलवां सावन - by usaiha2 - 09-07-2021, 05:54 PM



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