19-02-2019, 09:16 PM
पा भाभी
![[Image: Rinu-74f00864828fbe85830014f5339d2b64.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/17/Rinu-74f00864828fbe85830014f5339d2b64.md.jpg)
तब तक भाभी की माँ ने बाहर देखा तो जैसे घबड़ा गयीं , रात हो गयी थी लेकिन आकाश में न चंदा न तारे , खूब घने बादल।
" बहुत जोर की बारिश होने वाली है , तूफान भी आएगा , हवा एकदम नहीं चल रही है , चलो जल्दी जल्दी तुम तीनो छिनारो मिल के खाना आधे घंटे के अंदर बना लो। आठ बजे के पहले सब काम खत्म हो जाय।
मैं ज़रा बाहर शामू और चंदू को बोल के आती हूँ , गाय भैस ठीक से अंदर कर के बंद कर दे। "
और वो बाहर निकल गयीं और हम तीनो भूत की तरह ,....
१५ मिनट में वो आयीं तब तक चंपा भाभी ने दाल चढ़ा दिया था मैं सब्जी काट रही थी और भाभी आटा गूंथ रही थीं।
![[Image: Geeta-Chulha.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/17/Geeta-Chulha.md.jpg)
जल्दी आज हम तीनो को थी.
और भाभी की माँ ने आते ही एक सेंसिटिव मामला छेड़ दिया ,
वही जिसको लेके कल रतजगा में ,चंपा भाभी और फिर चमेली भाभी ( चंदा की सगी भाभी ) ने मेरी वो जबरदस्त रगड़ाई की थी ,
रॉकी का।
……………..
भाभी के मायके का जबरदस्त बिदेसी ब्रीड का डॉग ,जिसका नाम जोड़े बिना चंपा भाभी की कोई गारी पूरी नहीं होती थी।
रोज वो कच्चे आँगन में नीम के पेड़ से बांध दिया जाता था , रात में। लेकिन आज जो तेज बारिश होनी थी तो , …
चंपा भाभी से उन्होंने कहा ,
' अरे ई रॉकी को खिला विला के उसकी कुठरिया में बंद करदेना , बहुत तेज बारिस आने वाली है घंटे दो घंटे में। तूफान भी लगता है जबरदस्त आएगा। "
चंपा भाभी ऐसा मौका क्यों भला छोड़तीं , बस उन्होंने मेरे ओर अपनी तोप मोड़ दी।
![[Image: boobs-jethani-17630003_268254956958458_3...5_n.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/17/boobs-jethani-17630003_268254956958458_3855786954928443915_n.md.jpg)
मेरी ओर इशारा कर के बोलीं ,
" अरे ई जो पूरे गाँव की नयकी भौजी हैं न , अब रॉकी की पूरी जिम्मेदारी एनके उपर।
मजा लेंगी ए , कल रतजगा में सबके सामने तय हुआ था न की एहि अंगना में ई निहुरिहये और रॉकी एनके ऊपर चढ़ के , गाँठ बाँध के पूरे घर गाँव में घिर्रा घिर्रा के , और इहो मना नहीं की खिस्स खिस्स मुस्कात रहीं , तो अब रॉकी इनके जिम्मे "
" अरे भौजी , उ सब मजाक था , उ बात का क्या " खिस्स खिस्स हंस के मैंने बचने की कोशिश की।
लेकिन अब मेरी भाभी भी , वो भी अपनी भाभी की जुगलबंदी में ,
" कुछ मजाक नहीं था सब एकदम सच था , कातिक में मैं लाऊंगी तुमको , फिर ,.... कुछ दिन की बात है। एक भी बात गलत नहीं थी जो कल रात चंपा भाभी कह रही थी और फिर चंपा भाभी का कहा वैसे भी कोई टाल नहीं सकता , इसलिए अब तुम चाहे हाँ कहो या ना , अरे ले लो एक बार ,ऐसा क्या, …"
मेरी भाभी भी कम नहीं थी।
लेकिन जब भाभी की माँ बोली तो मुझे लगा शायद वो मेरी बचत में आएँगी पर वो भी ,… मुझसे बोली,
" तोहार भाभी जउन कह रही हैं सब सच है सिवाय एक बात के , :" और ये कह के वो चुप हो गयीं।
हम तीनो इन्तजार करते रहे , और कुछ रुक के उन्होंने रहस्य पर से पर्दा हटाया।
" कातिक वाली बात , अरे ई कुतिया गर्माती है कातिक में ,लेकिन तोहार एस जवान लड़की तो हरदमै गरम ,पनियाइल रहती हैं। और रॉकी भी बारहों महीने तैयार रहता है तो कौनो जरूरी नाही की कातिक का इन्तजार करो , जब भी तोहार मन करे या तोहार भौजाई लोग जेह दिन चहिये ओहि दिन , "
और दोनों भाभियों के कहकहे में बाकी बात डूब गयी।
मेरी भाभी भी अब एकदम खुल के , अब वो भी मेरे पीछे पड़ गयीं , मुस्कराती चिढ़ाती बोलीं।
![[Image: Teej-35aff1aa5e877eddeb570df45055445d.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/17/Teej-35aff1aa5e877eddeb570df45055445d.md.jpg)
" अरे मेरी ननदो , माँ ने तो तेरी परेशानी दूर कर दी। " फिर चंपा भाभी और अपनी माँ से बोली ,
" ये तो बहुत उदास हो गयी थी , कह रही थी , भाभी , कातिक तो अभी बहुत दूर है ,आने को तो मैं आ जाउंगी लेकिन , इतना लम्बा इन्तजार , मैंने बहुत समझाया , अरे तब तक गाँव में इतने लड़के हैं , अजय , सुनील ,रवी दिनेश , और भी तब तक उनके साथ काम चलाओ , दो तीन महीने की बात है लेकिन , माँ आप ने तो इसके मन की बात समझ ली , और परेशानी दूर कर दी। "
मैं उनकी बात का कुछ खंडन जारी करती की उसके पहले उनकी माँ बोल पड़ी , और आज वो सच में चम्पा भाभी और मेरी भाभी दोनों से कई हाथ आगे थी ,मेरी पीठ प्यार से सहलाते ( और जहाँ उंकुडु बैठने से मेरा छोटा सा टॉप उठ गया था और टॉप ,स्कर्ट के बीच मेरी गोरी पीठ एकदम खुल गयी थी खास तौर से वहां और उसमे जरा भी वात्सल्य रस नहीं था। ),
" तुम दोनों न , मेरी बेटी को समझती क्या हो , बहुत अच्छी है ये सबका मन रखेगी। गाँव के लड़को से तो चुदवायेगी ही , गाँव के मर्दों से भी. आखिर चम्पा के खाली देवर थोड़ी जेठ लोगों का भी तो मन करता है शहरी माल का मजा लेने का. हैं न बेटी ,
और रॉकी तो इसी घर का मर्द है ,तुम लोग जबरदस्ती बिचारी को चिढ़ाती हो , खुद ही उसका बहुत मन करता है रॉकी के साथ और रॉकी भी कितना चूम चाट रहा था था , जाने के पहले , बेटी चुदवा के जाना। माना गाँठ बनेगी तो बहुत दर्द होगा लेकिन उसी दर्द में तो मजा है , चंपा जाओ बिटिया के साथ एक दो दिन परका दो , उसके बाद रॉकी की जिम्मेदारी तो ये खुद ही ले लेगी ,क्यों बेटी है न ," ( और अबतक उनकी ऊँगली मेरे टॉप के अंदर घुस गयी थीं और पीठ सहला रहा थी ).
चम्पा भाभी उठी और साथ में मुझे भी उठा लिया , रॉकी को खिलाने और बाहर बांधने के लिए।
लेकिन मन तो मेरा उस चित चोर के पास था , जो मुझसे मुझी को चुरा के ले गया।
![[Image: male-112.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/17/male-112.md.jpg)
लेकिन कोई थाना -रपट ,दरोगा कोतवाली नहीं हो सकती , वो सिर्फ चोर थोड़े ही था , सीना जोर भी था. उलटे वही मेरा नाम धर देता और उसकी गवाही में गाँव के पांच दस लड़के अलग खड़े हो जाते।
ये बात नहीं थी की जो मेरी भाभी , चंपा भाभी और सबसे बढ़कर आज तो , भाभी की माँ जिस तरह मेरे पीछे , … (कल रात में रतजगा में जो खेल खुल्लमखुल्ला हुआ सब उस उस असर था ), जिस तरह से चिढ़ा रही थीं , मजाक कर रही थीं मुझे अच्छा नहीं लग रहा था। मैं खूब मजे ले रही थी , अपने शहर में तो इस तरह की बातें मैं सोच नहीं सकती थी।
अब तो मैं भी , चंपा भाभी से मेरी पक्की दोस्ती हो गयी थी। फिर मेरी भाभी उनकी छोटी ननद लगती थीं , और मेरी भाभी ,इसलिए हम लोग मिल के उनकी ऐसी की तैसी कर देते थे।
साढ़े आठ बजे बोल के गया था वो। चलो एक खटका तो टला कच्ची खंद में तो अकेले रहूंगी , और बीच में दो दो आँगन का फासला। कर ले अपनी मनमर्जी आज उसे भी नहीं रोकूंगी। लेकिन ये मुआ टाइम भी अभी साढ़े सात भी ठीक से नहीं बजे। पूरे एक घंटे बचे हैं उसके आने में।
मुझे मालूम था की आज मेरी बुर की बुरी हालत होनी है ,
चूत की चटनी बन जायेगी ,
![[Image: Couple-Love-Making-Erotic-Pictures---Nud...4-3.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/17/Couple-Love-Making-Erotic-Pictures---Nudity-Included-Set-7-Spy1984-3.md.jpg)
लेकिन होनी है तो हो ,
तबतक चम्पा भाभी ने आवाज दी ,
वो आगे आगे मैं पीछे पीछे।
![[Image: Rinu-74f00864828fbe85830014f5339d2b64.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/17/Rinu-74f00864828fbe85830014f5339d2b64.md.jpg)
तब तक भाभी की माँ ने बाहर देखा तो जैसे घबड़ा गयीं , रात हो गयी थी लेकिन आकाश में न चंदा न तारे , खूब घने बादल।
" बहुत जोर की बारिश होने वाली है , तूफान भी आएगा , हवा एकदम नहीं चल रही है , चलो जल्दी जल्दी तुम तीनो छिनारो मिल के खाना आधे घंटे के अंदर बना लो। आठ बजे के पहले सब काम खत्म हो जाय।
मैं ज़रा बाहर शामू और चंदू को बोल के आती हूँ , गाय भैस ठीक से अंदर कर के बंद कर दे। "
और वो बाहर निकल गयीं और हम तीनो भूत की तरह ,....
१५ मिनट में वो आयीं तब तक चंपा भाभी ने दाल चढ़ा दिया था मैं सब्जी काट रही थी और भाभी आटा गूंथ रही थीं।
![[Image: Geeta-Chulha.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/17/Geeta-Chulha.md.jpg)
जल्दी आज हम तीनो को थी.
और भाभी की माँ ने आते ही एक सेंसिटिव मामला छेड़ दिया ,
वही जिसको लेके कल रतजगा में ,चंपा भाभी और फिर चमेली भाभी ( चंदा की सगी भाभी ) ने मेरी वो जबरदस्त रगड़ाई की थी ,
रॉकी का।
……………..
भाभी के मायके का जबरदस्त बिदेसी ब्रीड का डॉग ,जिसका नाम जोड़े बिना चंपा भाभी की कोई गारी पूरी नहीं होती थी।
रोज वो कच्चे आँगन में नीम के पेड़ से बांध दिया जाता था , रात में। लेकिन आज जो तेज बारिश होनी थी तो , …
चंपा भाभी से उन्होंने कहा ,
' अरे ई रॉकी को खिला विला के उसकी कुठरिया में बंद करदेना , बहुत तेज बारिस आने वाली है घंटे दो घंटे में। तूफान भी लगता है जबरदस्त आएगा। "
चंपा भाभी ऐसा मौका क्यों भला छोड़तीं , बस उन्होंने मेरे ओर अपनी तोप मोड़ दी।
![[Image: boobs-jethani-17630003_268254956958458_3...5_n.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/17/boobs-jethani-17630003_268254956958458_3855786954928443915_n.md.jpg)
मेरी ओर इशारा कर के बोलीं ,
" अरे ई जो पूरे गाँव की नयकी भौजी हैं न , अब रॉकी की पूरी जिम्मेदारी एनके उपर।
मजा लेंगी ए , कल रतजगा में सबके सामने तय हुआ था न की एहि अंगना में ई निहुरिहये और रॉकी एनके ऊपर चढ़ के , गाँठ बाँध के पूरे घर गाँव में घिर्रा घिर्रा के , और इहो मना नहीं की खिस्स खिस्स मुस्कात रहीं , तो अब रॉकी इनके जिम्मे "
" अरे भौजी , उ सब मजाक था , उ बात का क्या " खिस्स खिस्स हंस के मैंने बचने की कोशिश की।
लेकिन अब मेरी भाभी भी , वो भी अपनी भाभी की जुगलबंदी में ,
" कुछ मजाक नहीं था सब एकदम सच था , कातिक में मैं लाऊंगी तुमको , फिर ,.... कुछ दिन की बात है। एक भी बात गलत नहीं थी जो कल रात चंपा भाभी कह रही थी और फिर चंपा भाभी का कहा वैसे भी कोई टाल नहीं सकता , इसलिए अब तुम चाहे हाँ कहो या ना , अरे ले लो एक बार ,ऐसा क्या, …"
मेरी भाभी भी कम नहीं थी।
लेकिन जब भाभी की माँ बोली तो मुझे लगा शायद वो मेरी बचत में आएँगी पर वो भी ,… मुझसे बोली,
" तोहार भाभी जउन कह रही हैं सब सच है सिवाय एक बात के , :" और ये कह के वो चुप हो गयीं।
हम तीनो इन्तजार करते रहे , और कुछ रुक के उन्होंने रहस्य पर से पर्दा हटाया।
" कातिक वाली बात , अरे ई कुतिया गर्माती है कातिक में ,लेकिन तोहार एस जवान लड़की तो हरदमै गरम ,पनियाइल रहती हैं। और रॉकी भी बारहों महीने तैयार रहता है तो कौनो जरूरी नाही की कातिक का इन्तजार करो , जब भी तोहार मन करे या तोहार भौजाई लोग जेह दिन चहिये ओहि दिन , "
और दोनों भाभियों के कहकहे में बाकी बात डूब गयी।
मेरी भाभी भी अब एकदम खुल के , अब वो भी मेरे पीछे पड़ गयीं , मुस्कराती चिढ़ाती बोलीं।
![[Image: Teej-35aff1aa5e877eddeb570df45055445d.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/17/Teej-35aff1aa5e877eddeb570df45055445d.md.jpg)
" अरे मेरी ननदो , माँ ने तो तेरी परेशानी दूर कर दी। " फिर चंपा भाभी और अपनी माँ से बोली ,
" ये तो बहुत उदास हो गयी थी , कह रही थी , भाभी , कातिक तो अभी बहुत दूर है ,आने को तो मैं आ जाउंगी लेकिन , इतना लम्बा इन्तजार , मैंने बहुत समझाया , अरे तब तक गाँव में इतने लड़के हैं , अजय , सुनील ,रवी दिनेश , और भी तब तक उनके साथ काम चलाओ , दो तीन महीने की बात है लेकिन , माँ आप ने तो इसके मन की बात समझ ली , और परेशानी दूर कर दी। "
मैं उनकी बात का कुछ खंडन जारी करती की उसके पहले उनकी माँ बोल पड़ी , और आज वो सच में चम्पा भाभी और मेरी भाभी दोनों से कई हाथ आगे थी ,मेरी पीठ प्यार से सहलाते ( और जहाँ उंकुडु बैठने से मेरा छोटा सा टॉप उठ गया था और टॉप ,स्कर्ट के बीच मेरी गोरी पीठ एकदम खुल गयी थी खास तौर से वहां और उसमे जरा भी वात्सल्य रस नहीं था। ),
" तुम दोनों न , मेरी बेटी को समझती क्या हो , बहुत अच्छी है ये सबका मन रखेगी। गाँव के लड़को से तो चुदवायेगी ही , गाँव के मर्दों से भी. आखिर चम्पा के खाली देवर थोड़ी जेठ लोगों का भी तो मन करता है शहरी माल का मजा लेने का. हैं न बेटी ,
और रॉकी तो इसी घर का मर्द है ,तुम लोग जबरदस्ती बिचारी को चिढ़ाती हो , खुद ही उसका बहुत मन करता है रॉकी के साथ और रॉकी भी कितना चूम चाट रहा था था , जाने के पहले , बेटी चुदवा के जाना। माना गाँठ बनेगी तो बहुत दर्द होगा लेकिन उसी दर्द में तो मजा है , चंपा जाओ बिटिया के साथ एक दो दिन परका दो , उसके बाद रॉकी की जिम्मेदारी तो ये खुद ही ले लेगी ,क्यों बेटी है न ," ( और अबतक उनकी ऊँगली मेरे टॉप के अंदर घुस गयी थीं और पीठ सहला रहा थी ).
चम्पा भाभी उठी और साथ में मुझे भी उठा लिया , रॉकी को खिलाने और बाहर बांधने के लिए।
लेकिन मन तो मेरा उस चित चोर के पास था , जो मुझसे मुझी को चुरा के ले गया।
![[Image: male-112.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/17/male-112.md.jpg)
लेकिन कोई थाना -रपट ,दरोगा कोतवाली नहीं हो सकती , वो सिर्फ चोर थोड़े ही था , सीना जोर भी था. उलटे वही मेरा नाम धर देता और उसकी गवाही में गाँव के पांच दस लड़के अलग खड़े हो जाते।
ये बात नहीं थी की जो मेरी भाभी , चंपा भाभी और सबसे बढ़कर आज तो , भाभी की माँ जिस तरह मेरे पीछे , … (कल रात में रतजगा में जो खेल खुल्लमखुल्ला हुआ सब उस उस असर था ), जिस तरह से चिढ़ा रही थीं , मजाक कर रही थीं मुझे अच्छा नहीं लग रहा था। मैं खूब मजे ले रही थी , अपने शहर में तो इस तरह की बातें मैं सोच नहीं सकती थी।
अब तो मैं भी , चंपा भाभी से मेरी पक्की दोस्ती हो गयी थी। फिर मेरी भाभी उनकी छोटी ननद लगती थीं , और मेरी भाभी ,इसलिए हम लोग मिल के उनकी ऐसी की तैसी कर देते थे।
साढ़े आठ बजे बोल के गया था वो। चलो एक खटका तो टला कच्ची खंद में तो अकेले रहूंगी , और बीच में दो दो आँगन का फासला। कर ले अपनी मनमर्जी आज उसे भी नहीं रोकूंगी। लेकिन ये मुआ टाइम भी अभी साढ़े सात भी ठीक से नहीं बजे। पूरे एक घंटे बचे हैं उसके आने में।
मुझे मालूम था की आज मेरी बुर की बुरी हालत होनी है ,
चूत की चटनी बन जायेगी ,
![[Image: Couple-Love-Making-Erotic-Pictures---Nud...4-3.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/17/Couple-Love-Making-Erotic-Pictures---Nudity-Included-Set-7-Spy1984-3.md.jpg)
लेकिन होनी है तो हो ,
तबतक चम्पा भाभी ने आवाज दी ,
वो आगे आगे मैं पीछे पीछे।