28-04-2020, 06:31 PM
(This post was last modified: 28-04-2020, 06:38 PM by ladka. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
आह्ह्ह् क्या मुलायम नाजुक हात थे, दिदिके गोरे गोरे उंगलियां मेरे काले घोडे पे तो जैसे सोने पे सुहागा था उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़
और मेरी शादिशुदा दिदि अपने हि भाइका मोटा लण्डको उपर नीचे हिलाते हुए अपनी प्यासी निगाहों से मेरे आंखों मे देखने लगी जैसे मन हि मन कह रही हो, बदमाश खुद हि मजा लेता रहेगा क्या
अब मेरी बारी थि दिदीका खयाल रखने का वक्त आ गया था दिदिको उपर से नीचे तक नंगा करने का
और मेरी शादिशुदा दिदि अपने हि भाइका मोटा लण्डको उपर नीचे हिलाते हुए अपनी प्यासी निगाहों से मेरे आंखों मे देखने लगी जैसे मन हि मन कह रही हो, बदमाश खुद हि मजा लेता रहेगा क्या
अब मेरी बारी थि दिदीका खयाल रखने का वक्त आ गया था दिदिको उपर से नीचे तक नंगा करने का